नई दिल्ली: राजधानी में दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल दीनदयाल उपाध्याय के बाद दूसरे नंबर पर आता है रघुवीर नगर स्थित गुरु गोविंद सिंह अस्पताल, जिसे खासतौर पर प्रसूति अस्पताल के तौर पर जाना जाता है. इस अस्पताल में महज अल्ट्रासाउंड जैसी बुनियादी और जरूरी टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं. खुद इस बात को अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट ने बताया और उनका कहना है कि ऐसे एक अस्पताल नहीं बल्कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कई दिल्ली सरकार के अस्पताल हैं, जहां अल्ट्रासाउंड नहीं होता.
उन्होंने बताया कि गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में पिछले 10 साल से इस तरह के हालात हैं. उनके अनुसार अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन तो है, लेकिन इसे चलाने वाले डॉक्टर नहीं हैं. अब इस जानकारी के सामने आने के बाद दिल्ली के लोगों को हैरानी तो होगी. गुरु गोविंद सिंह अस्पताल के एमएस का कहना है कि अल्ट्रासाउंड करने वाले स्पेशलिस्ट की संख्या कम रहती है और पिछले कई सालों से लगातार हम इसके लिए इंटरव्यू भी करते हैं, लेकिन कोई इस पद के लिए आता ही नहीं है.
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ऐसे में अस्पताल में आने वाली महिलाएं या दूसरे मरीज जिनको अल्ट्रासाउंड की जरूरत होती है उसके बारे में अस्पताल के एमएस का कहना है कि उनके लिए सरकार की तरफ से एक फंड है जिसके तहत वह अपने घर के आस-पास के लैब में मुफ्त में अल्ट्रासाउंड करा सकते हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि बड़े अस्पतालों में तो अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था है, लेकिन जो छोटे अस्पताल है मसलन गुरु गोविंद सिंह अस्पताल दादा देव हॉस्पिटल इसके अलावा कुछ और वहां अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं है. जानकारी के अनुसार लगभग 30 से 35 मरीज ऐसे रोज आते हैं, जिनको अल्ट्रासाउंड की जरूरत पड़ती है और उन्हें बाहर से ही अल्ट्रासाउंड कराना पड़ता है.
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