नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली में शराब की कीमतों में स्पेशल कोरोना फीस जोड़कर लेने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने दिल्ली सरकार से 2 हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले पर अगली सुनवाई 29 मई को होगी.
फैसले पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार
हाईकोर्ट ने शराब की कीमतों में स्पेशल कोरोना फीस जोड़कर लेने के फैसले पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है. याचिका वकील ललित वालेचा ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने 4 मई को शराब की कीमतों में कोरोना फीस के रुप में 70 फीसदी और बढ़ोतरी कर दी.
दिल्ली सरकार का ये आदेश मनमाना और कानून सम्मत नहीं है. स्पेशल कोरोना फीस की घोषणा शराब की दुकानों के खुलने के पहले नहीं की गई थी, लेकिन जब शराब की दुकानों पर काफी भीड़ एकत्र हो गई तब स्पेशल कोरोना फीस लगाई गई.
'आम आदमी पर बोझ बढ़ा है'
याचिका में कहा गया है कि 70 फीसदी कोरोना फीस लगाना आम आदमी पर काफी बड़ा बोझ है. आम आदमी आर्थिक संकट से जूझ रहा है वैसी स्थिति में स्पेशल कोरोना फीस लगाना अन्याय है. याचिका में 4 मई के इस नोटिफिकेशन को निरस्त करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना फीस लगाने के पीछे शराब को बेचने से रोकने की मंशा नहीं थी बल्कि ये राजस्व प्राप्ति के लिए किया गया था.
इस बात का संकेत बार-बार दिल्ली सरकार ने अपने प्रेस कांफ्रेंस में किया था.
'एक्साईज रुल्स में बदलाव का कोई अधिकार नहीं'
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को दिल्ली एक्साईज रुल्स में बदलाव का कोई अधिकार नहीं है. दिल्ली सरकार को इस तरह स्पेशल फीस लगाने का कोई क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है. ऐसा दिल्ली सरकार ने कर अधिकारों का दुरुपयोग किया गया है.