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टैक्सी चालकों की नाराजगी पर गोपाल राय ने दिया भरोसा, प्रोसेस के तहत उठाएंगे सकारात्मक कदम

ऑटो के किराए में बढ़ोतरी पर टैक्सी चालकों ने विरोध जताया है. टैक्सी चालकों ने कहा कि सरकार ऑटो वालों के साथ तो खड़ी है, लेकिन टैक्सी वालों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. वहीं श्रम मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फेंस में बताया कि ऑटो वालों का किराया एक प्रोसेस के तहत बढ़ाया गया है वहीं कुछ अन्य प्रस्ताव भी सामने आ रहे हैं उस ओर भी सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे

टैक्सी यूनियन है केजरीवाल सरकार से नाराज etv bharat
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Published : Jul 12, 2019, 9:41 AM IST

Updated : Jul 12, 2019, 11:06 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में टैक्सी और ऑटो चालक आए दिन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरते रहते हैं. सरकार जब ऑटो वालों के हित में कोई फैसला लेती है, तो टैक्सी वाले सड़कों पर उतर आते हैं और जब टैक्सी वालों के लिए कोई काम होता है, तो ऑटो वाले विरोध करने लगते हैं.


दिल्ली सरकार ने बीते दिनों ऑटो के किराए में बढ़ोतरी की थी. जिसको लेकर टैक्सी वालों ने विरोध किया कि सरकार ऑटो वालों के साथ तो खड़ी है, लेकिन टैक्सी वालों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

टैक्सी यूनियन है केजरीवाल सरकार से नाराज

AAP ने रखा अपना पक्ष
इस पूरे मामले पर AAP पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय का कहना है कि इस के दो पहलू हैं. ऑटो वालों के किराए बढ़ाने का जो प्रोसेस था उसे लेकर एक कमेटी बनी थी, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी, उसके बाद एक प्रोसेस के जरिए किराए बढ़ाए गए है. उन्होंने बताया कि इसी तरह अन्य लोगों की तरफ से भी प्रस्ताव आ रहे हैं, जिस पर सरकार सकारात्मक रूप से विचार कर रही है.

टैक्सी यूनियन कर रही हैं विरोध
गोपाल राय ने पार्टी का पक्ष रखा तो टैक्सी वाले विरोध पर उतारू हैं. अपनी मांगों को लेकर टैक्सी यूनियन अड़ा हुआ है. देखने वाली बात ये है कि ऑटो और टैक्सी चालकों की सियासी अहमियत को देखते हुए दिल्ली सरकार इस पर क्या फैसला करती है.


बता दें कि 10 जुलाई को टैक्सी यूनियन ने जंतर मंतर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था. स्पीड गवर्नर, जीपीएस और पैनिक बटन की अनिवार्यता को अपने लिए परेशानी बताते हुए टैक्सी चालकों ने कहा था कि किराया बढ़ोतरी और निजी कंपनियों की मनमानी भी हमसे सहन नहीं हो रही और सरकार अगर हमारे हित में कोई फैसला नहीं लेती है तो हम देशभर में आंदोलन करेंगे.

नई दिल्ली: दिल्ली में टैक्सी और ऑटो चालक आए दिन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरते रहते हैं. सरकार जब ऑटो वालों के हित में कोई फैसला लेती है, तो टैक्सी वाले सड़कों पर उतर आते हैं और जब टैक्सी वालों के लिए कोई काम होता है, तो ऑटो वाले विरोध करने लगते हैं.


दिल्ली सरकार ने बीते दिनों ऑटो के किराए में बढ़ोतरी की थी. जिसको लेकर टैक्सी वालों ने विरोध किया कि सरकार ऑटो वालों के साथ तो खड़ी है, लेकिन टैक्सी वालों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.

टैक्सी यूनियन है केजरीवाल सरकार से नाराज

AAP ने रखा अपना पक्ष
इस पूरे मामले पर AAP पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय का कहना है कि इस के दो पहलू हैं. ऑटो वालों के किराए बढ़ाने का जो प्रोसेस था उसे लेकर एक कमेटी बनी थी, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी, उसके बाद एक प्रोसेस के जरिए किराए बढ़ाए गए है. उन्होंने बताया कि इसी तरह अन्य लोगों की तरफ से भी प्रस्ताव आ रहे हैं, जिस पर सरकार सकारात्मक रूप से विचार कर रही है.

टैक्सी यूनियन कर रही हैं विरोध
गोपाल राय ने पार्टी का पक्ष रखा तो टैक्सी वाले विरोध पर उतारू हैं. अपनी मांगों को लेकर टैक्सी यूनियन अड़ा हुआ है. देखने वाली बात ये है कि ऑटो और टैक्सी चालकों की सियासी अहमियत को देखते हुए दिल्ली सरकार इस पर क्या फैसला करती है.


बता दें कि 10 जुलाई को टैक्सी यूनियन ने जंतर मंतर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था. स्पीड गवर्नर, जीपीएस और पैनिक बटन की अनिवार्यता को अपने लिए परेशानी बताते हुए टैक्सी चालकों ने कहा था कि किराया बढ़ोतरी और निजी कंपनियों की मनमानी भी हमसे सहन नहीं हो रही और सरकार अगर हमारे हित में कोई फैसला नहीं लेती है तो हम देशभर में आंदोलन करेंगे.

Intro:10 जुलाई को जब टैक्सी यूनियन जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहा था, उसी समय आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ऑटो वालों के साथ पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे और ऑटो वालों के लिए अपनी सरकार द्वारा किए गए कामों को गिना रहे थे. इधर टैक्सी चालक दिल्ली सरकार पर सौतेले व्यवहार का आरोप लगा रहे थे.





Body:नई दिल्ली: दिल्ली में टैक्सी और ऑटो चालकों में से कोई न कोई आए दिन सड़कों पर उतरते रहते हैं. सरकारें जब ऑटो वालों के हित में कोई फैसला लेती है, तो टैक्सी वाले सड़कों पर आते हैं और जब टैक्सी वालों के लिए कोई काम होता है, तो ऑटो वाले विरोध करने पर उतर आते हैं. दिल्ली इन दिनों ऐसे ही विरोध प्रदर्शनों के दौर से गुजर रही है.

10 जुलाई को टैक्सी यूनियन ने जंतर मंतर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था. स्पीड गवर्नर, जीपीएस और पैनिक बटन की अनिवार्यता को अपने लिए परेशानी बताते हुए इन लोगों ने कहा था कि किराया बढ़ोतरी और निजी कंपनियों की मनमानी भी अब इनसे सहन नहीं हो रही और सरकार अगर इनके हित में कोई फैसला नहीं लेती है, तो ये देशभर में आंदोलन करेंगे.

गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने बीते दिनों ऑटो के किराए में बढ़ोतरी कर दी थी. इन टैक्सी वालों का विरोध उसे लेकर भी था कि सरकार ऑटो वालों के साथ तो खड़ी है, लेकिन टैक्सी वालों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. जब इन टैक्सी वालों का प्रदर्शन चल रहा था उसी समय आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल से हमने इसे लेकर सवाल किया कि एक तरफ आप ऑटो वालों के लिए किए गए अपने काम गिना रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ टैक्सी वाले विरोध पर उतरे हैं.

इस पर गोपाल राय का कहना था कि इस के दो पहलू हैं. ऑटो वालों का किराए का बढ़ाने का जो प्रोसेस था उसे लेकर एक कमेटी बनी थी, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी, उसके बाद एक प्रोसेस के जरिए काम करते हुए किराए बढ़ाए गए. उन्होंने बताया कि इसी तरह अन्य लोगों की तरफ से भी प्रस्ताव आ रहे हैं, जिस पर सरकार सकारात्मक रूप से विचार करेगी.


Conclusion:गोपाल राय ने तो अपना पक्ष सामने रख दिया,।लेकिन टैक्सी वाले अभी भी विरोध पर उतारू हैं. इधर विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है. अब देखने वाली बात यह होगी कि ऑटो और टैक्सी चालकों की सियासी अहमियत को देखते हुए दिल्ली सरकार इस पर क्या फैसला करती है.
Last Updated : Jul 12, 2019, 11:06 AM IST
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