नई दिल्ली: दिल्ली में टैक्सी और ऑटो चालक आए दिन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरते रहते हैं. सरकार जब ऑटो वालों के हित में कोई फैसला लेती है, तो टैक्सी वाले सड़कों पर उतर आते हैं और जब टैक्सी वालों के लिए कोई काम होता है, तो ऑटो वाले विरोध करने लगते हैं.
दिल्ली सरकार ने बीते दिनों ऑटो के किराए में बढ़ोतरी की थी. जिसको लेकर टैक्सी वालों ने विरोध किया कि सरकार ऑटो वालों के साथ तो खड़ी है, लेकिन टैक्सी वालों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है.
AAP ने रखा अपना पक्ष
इस पूरे मामले पर AAP पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय का कहना है कि इस के दो पहलू हैं. ऑटो वालों के किराए बढ़ाने का जो प्रोसेस था उसे लेकर एक कमेटी बनी थी, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी, उसके बाद एक प्रोसेस के जरिए किराए बढ़ाए गए है. उन्होंने बताया कि इसी तरह अन्य लोगों की तरफ से भी प्रस्ताव आ रहे हैं, जिस पर सरकार सकारात्मक रूप से विचार कर रही है.
टैक्सी यूनियन कर रही हैं विरोध
गोपाल राय ने पार्टी का पक्ष रखा तो टैक्सी वाले विरोध पर उतारू हैं. अपनी मांगों को लेकर टैक्सी यूनियन अड़ा हुआ है. देखने वाली बात ये है कि ऑटो और टैक्सी चालकों की सियासी अहमियत को देखते हुए दिल्ली सरकार इस पर क्या फैसला करती है.
बता दें कि 10 जुलाई को टैक्सी यूनियन ने जंतर मंतर पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था. स्पीड गवर्नर, जीपीएस और पैनिक बटन की अनिवार्यता को अपने लिए परेशानी बताते हुए टैक्सी चालकों ने कहा था कि किराया बढ़ोतरी और निजी कंपनियों की मनमानी भी हमसे सहन नहीं हो रही और सरकार अगर हमारे हित में कोई फैसला नहीं लेती है तो हम देशभर में आंदोलन करेंगे.