नई दिल्ली: लॉकडाउन में सारी सेवाएं लगभग बंद थी लेकिन लॉकडाउन के बाद मेट्रो को छोड़कर, बस, ऑटो टैक्सी सेवाएं खोल दी गई हैं. बावजूद इसके जो प्राइवेट टैक्सी चलाते हैं उनकी हालत अभी भी खस्ता है. इसके लिए ईटीवी भारत की टीम ने सुभाष नगर स्थित टैक्सी चलाने वालों से उनकी परेशानी जानी.
लॉकडाउन में ठप था काम
सुभाष नगर मोड़ पर वर्षों से टैक्सी स्टैंड चलाने वाले सरदार वीर चहल का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान तो काम ठप था. उम्मीद थी कि लॉकडाउन के बाद हालात सुधरेंगे. लेकिन जब लॉकडाउन खुला तो हम टैक्सी वालों की हालत में कुछ खास बदलाव नहीं आया. क्योंकि ना तो सवारी मिल रही है ना ही बाहर से कोई सवारी आ रही है.
टूरिस्ट ना आने से हो रहा नुकसान
लॉकडाउन के पहले टूरिस्ट बाहर से यहां दिल्ली घूमने भी आते थे. दिल्ली से घूमने के बाद टूरिस्ट बाहर भी जाते थे. लेकिन कोरोना के डर के कारण हालात खराब हैं. टूरिस्ट ना तो आ रहे हैं और ना ही जा रहे हैं.
इनके पास समस्या यह भी है कि जो गाड़ियां किस्त पर हैं, उसका किस्त नहीं निकल रहा. जो ड्राइवर हैं उनकी तनख्वाह तक नहीं निकल रही. ऊपर से कर्ज बढ़ता जा रहा है.
यह कहना तो फिलहाल मुश्किल है कि इन टैक्सी स्टैंड वालों की हालत कब सुधरेगी, लेकिन यह लोग भी समय का इंतजार कर रहे हैं ताकि इनकी हालात में सुधार हो और फिर उनकी रोजी-रोटी पहले की तरह चलने लग जाए.