- अपनी पीड़ा सह लेना और दूसरे जीवों को पीड़ा न पहुंचाना, यही तपस्या का स्वरूप है.
-संत तिरुवल्लुवर
- जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं कि उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की.
- अल्बर्ट आइंस्टीन
- कोई भी उस व्यक्ति से प्रेम नहीं करता जिससे वो डरता है.
- अरस्तु
- मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता, समानता, और भाई-चारा सिखाए.
-बी.आर.अम्बेडकर
- किसी को माफ़ करना कमजोरी नहीं, वरन सामर्थ्यवान ही ऐसा कर सकता है.
-महात्मा गांधी
- मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता.
- चाणक्य
- सबसे उत्तम तीर्थ अपना मन है, जो विशेष रूप से शुद्ध किया हुआ हो.
-स्वामी शंकराचार्य
- प्रकृति के क्षेत्र में जो साधना करते हैं, उन्हें शक्ति प्राप्त होती है
- रवीन्द्रनाथ ठाकुर
- सुंदर स्त्री हीरा है, लेकिन नेक स्त्री हीरों का खजाना है.
- सादी