नई दिल्ली: दुनिया भर में पेड़ बचाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं. पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बाहर निकालने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है. पेड़ों का इस्तेमाल कई चीजों के निर्माण के लिए जाता है. दवाई बनाने से लेकर पेड़ों से कागज भी बनाए जाते हैं. जिसके लिए आए दिन कई हजार पेड़ों की कटाई होती है. ऐसे में जब हम उन कागजों को यूज करके फेंक देते हैं तो उसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ता है, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज में पेड़ बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है इसके लिए कागजों को रिसाइकल कर उनका इस्तेमाल किया जा रहा है.
दयाल सिंह कॉलेज: DU का वो कॉलेज जहां यूज्ड पेपर से बनाये जाते हैं पेन-पेंसिल - Delhi University
दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल आईएस बक्शी ने बताया कि वह हर महीने पेपर रीसाइक्लिंग के लिए एक कंपनी को देते हैं. वह कंपनी इस्तेमाल किए हुए पेपरों को रीसायकल कर कॉलेज को पेन पेंसिल कवर और कार्ड बोर्ड बना कर देती है.
नई दिल्ली: दुनिया भर में पेड़ बचाने के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं. पर्यावरण को हो रहे नुकसान से बाहर निकालने के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने की सलाह दी जाती है. पेड़ों का इस्तेमाल कई चीजों के निर्माण के लिए जाता है. दवाई बनाने से लेकर पेड़ों से कागज भी बनाए जाते हैं. जिसके लिए आए दिन कई हजार पेड़ों की कटाई होती है. ऐसे में जब हम उन कागजों को यूज करके फेंक देते हैं तो उसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ता है, लेकिन दिल्ली विश्वविद्यालय के दयाल सिंह कॉलेज में पेड़ बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है इसके लिए कागजों को रिसाइकल कर उनका इस्तेमाल किया जा रहा है.
Body: यूज़ पेपर से बनाए जाते हैं पेन पेंसिल
दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल आईएस बक्शी ने बताया कि वह हर महीने पेपर रीसाइक्लिंग के लिए एक कंपनी को देते हैं वह कंपनी इस्तेमाल किए हुए पेपरों को रीसायकल कर कॉलेज को पेन पेंसिल कवर और कार्ड बोर्ड बना कर देती है,
प्लास्टिक लकड़ी के ना होकर कागज के बनाए जाते हैं पेंसिल
प्रिंसिपल आईएस पक्षी ने बताया कि कंपनी को जो वेस्ट पेपर साइकिल के लिए दिया जाता है उस पेपर से ही वो पेन पेंसिल बना कर देते हैं उस पेन पेंसिल का कवर किसी प्लास्टिक या लकड़ी का ना होकर कागज का ही होता है उनका कहना था कॉलेजों में स्टाफ समेत बच्चों को भी पेपर को दोनों साइड से संभाल के जाने और पेपर के चित्र बनाकर अंत तक यूज किए जाने की सलाह दी जाती है
पेपर रीसाइक्लिंग के लिए किया जा रहा जागरूक
प्रिंसिपल का कहना था कि इसके लिए कॉलेज में अलग से डस्टबिन बनाए गए हैं जिसमें कि जो कागज का वेस्ट होता है वह उसमें डाला जाता है और छात्रों को भी इसके लिए जागरूक किया गया है कि वह कागजों का अधिक इस्तेमाल ना करें और यदि इस्तेमाल करते हैं तो उसे कचरे में ना डाल कर ड्राइ वेस्ट डस्टबिन में फेंके जिसके बाद उस कागज के बेस्ट को साइकिलिंग के लिए दिया जा सके,
Conclusion:गौरतलब है जिस तरीके से आज के समय में 15 जून पेड़ों की कटाई हो रही है इससे हमारे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा है ऐसे में हर एक व्यक्ति को जरूरत है वह पेड़ बचाने के लिए आगे आए और पर्यावरण स्वच्छता में अपना योगदान दें उसके लिए ना सिर्फ स्कूल और कॉलेजों में बल्कि बड़े स्तर पर भी अभियान चलाए जाने की जरूरत है और हर एक को पेड़ों के महत्व को समझने की जरूरत है