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कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला: पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को मिली जमानत

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Published : Oct 26, 2020, 11:34 AM IST

Updated : Oct 26, 2020, 1:18 PM IST

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को 3 साल की जेल की सजा सुनाई थी. मामले में उन्हें जमानत मिल गई है.

special CBI court sentenced 3 yr imprisonment to former Union Minister Dilip Ray in a coal scam case
कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को मिली जमानत

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट सन 1999 में झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला के मामले में दोषियों की सजा अवधि पर आज फैसला सुनाया. इस मामले में अटल सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे समेत तीन आरोपियों को कोर्ट ने तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई. मामले में दिलीप रे को जमानत मिल गई है.

कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को मिली जमानत




तीन-तीन साल कैद, दस-दस लाख रुपये का जुर्माना


पिछले 6 अक्टूबर कोर्ट ने दिलीप रे समेत चार लोगों और एक कंपनी को दोषी ठहराया था. कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा दो आरोपियों को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाया था. कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाया. कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर दस-दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने दो आरोपी कंपनियों पर भी दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस के डायरेक्टर महेन्द्र कुमार अग्रवाल पर भी दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

  • CBI court grants bail to former union minister Dilip Ray and other individuals - convicted in a Jharkhand coal scam case - on bail bond of Rs 1 lakh each.

    Court also grants them time till 25th November to appeal in High Court. https://t.co/d2H8e8AaTL

    — ANI (@ANI) October 26, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">



कौन-कौन हैं दोषी


कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा जिन आरोपियों को दोषी करार दिया है, उनमें प्रदीप कुमार बनर्जी, नित्यानंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, कंपनी के डायरेक्टर महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रोन माइनिंग लिमिटेड को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को कोयला ब्लॉक के आवंटन में आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया.

  • Delhi: A special CBI court sentenced 3-yr imprisonment to former Union Minister Dilip Ray in a coal scam case pertaining to alleged irregularities in allocation of Jharkhand coal block in 1999. Court sentenced 3 yrs imprisonment to 2 others who were recently convicted in the case

    — ANI (@ANI) October 26, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कौन हैं दिलीप रे

बीजू जनता दल (बीजेडी) के संस्थापक सदस्य रहे दिलीप रे, बीजू पटनायक के काफी करीबी थे. हालांकि बाद में रे ने पार्टी बदल ली और भाजपा में शामिल हो गए. 2014 में वह बीजेपी के टिकट पर राउरकेला से विधायक चुने गए. रे ने 2019 के चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ दी और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास पर अपना वादा नहीं निभाया है. पिछले 6 अक्टूबर को कोर्ट ने 1999 में कोयला ब्लॉक के आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिया था. यह मामला झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीहा में 105 हेक्टेयर से ज्यादा के कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा हुआ है. ये कोयला ब्लॉक कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड नामक कंपनी को आवंटित की गई थी. दिलीप रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट सन 1999 में झारखंड में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला के मामले में दोषियों की सजा अवधि पर आज फैसला सुनाया. इस मामले में अटल सरकार में मंत्री रहे दिलीप रे समेत तीन आरोपियों को कोर्ट ने तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई. मामले में दिलीप रे को जमानत मिल गई है.

कोयला घोटाला मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे को मिली जमानत




तीन-तीन साल कैद, दस-दस लाख रुपये का जुर्माना


पिछले 6 अक्टूबर कोर्ट ने दिलीप रे समेत चार लोगों और एक कंपनी को दोषी ठहराया था. कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा दो आरोपियों को भी तीन-तीन साल की सजा सुनाया था. कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा कोयला मंत्रालय के तत्कालीन अधिकारियों प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्यानंद गौतम को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाया. कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर दस-दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने दो आरोपी कंपनियों पर भी दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कोर्ट ने कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीस के डायरेक्टर महेन्द्र कुमार अग्रवाल पर भी दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

  • CBI court grants bail to former union minister Dilip Ray and other individuals - convicted in a Jharkhand coal scam case - on bail bond of Rs 1 lakh each.

    Court also grants them time till 25th November to appeal in High Court. https://t.co/d2H8e8AaTL

    — ANI (@ANI) October 26, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">



कौन-कौन हैं दोषी


कोर्ट ने दिलीप रे के अलावा जिन आरोपियों को दोषी करार दिया है, उनमें प्रदीप कुमार बनर्जी, नित्यानंद गौतम, कैस्ट्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, कंपनी के डायरेक्टर महेंद्र कुमार अग्रवाल और कैस्ट्रोन माइनिंग लिमिटेड को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने सभी आरोपियों को कोयला ब्लॉक के आवंटन में आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया.

  • Delhi: A special CBI court sentenced 3-yr imprisonment to former Union Minister Dilip Ray in a coal scam case pertaining to alleged irregularities in allocation of Jharkhand coal block in 1999. Court sentenced 3 yrs imprisonment to 2 others who were recently convicted in the case

    — ANI (@ANI) October 26, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कौन हैं दिलीप रे

बीजू जनता दल (बीजेडी) के संस्थापक सदस्य रहे दिलीप रे, बीजू पटनायक के काफी करीबी थे. हालांकि बाद में रे ने पार्टी बदल ली और भाजपा में शामिल हो गए. 2014 में वह बीजेपी के टिकट पर राउरकेला से विधायक चुने गए. रे ने 2019 के चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ दी और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास पर अपना वादा नहीं निभाया है. पिछले 6 अक्टूबर को कोर्ट ने 1999 में कोयला ब्लॉक के आवंटन घोटाला मामले में दोषी करार दिया था. यह मामला झारखंड के गिरिडीह में ब्रह्मडीहा में 105 हेक्टेयर से ज्यादा के कोयला ब्लॉक के आवंटन से जुड़ा हुआ है. ये कोयला ब्लॉक कैस्ट्रॉन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड नामक कंपनी को आवंटित की गई थी. दिलीप रे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे.

Last Updated : Oct 26, 2020, 1:18 PM IST
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