नई दिल्ली. फिल्मिस्तान इलाके में रविवार को हुए अग्निकांड के बाद दिल्ली में बड़ी संख्या पर चल रही अवैध फैक्ट्रियों और कारोबारों पर सवाल खड़े हो रहे हैं. स्थानीय एजेंसियों पर एक तरफ इसमें लापरवाही बरतने का आरोप है तो दूसरी तरफ फायर और बिजली विभाग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बीच साउथ एमसीडी ने अपने इलाके में आने वाली 4272 अवैध फैक्ट्रियों और कारोबारों को सील करने की कवायद शुरू कर दी है.
साउथ एमसीडी में 5266 अवैध फैक्ट्रियां
मंगलवार को एमसीडी की स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार निगम के अधीन आने वाली कुल 5266 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की जानी है. घटना के बाद सभी अधिकारियों को इस दिशा में कोई कोताही न बरतने के सख्त आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 66 फैक्ट्रियों को सील किया जा चुका है.
वेस्ट जोन में सबसे अधिक अवैध कारोबार
जानकारी के मुताबिक, निगम के वेस्ट जोन में सबसे अधिक 3934 अवैध कारोबार हैं. सेंट्रल जोन में यह संख्या 567, नजफगढ़ जोन में 492 और साउथ जोन में 273 है. इनमें सभी जोन में कुल मिलाकर 982 फैक्ट्रियां खाली कर दी गईं है. वहीं, अभी के समय में जिन फैक्ट्रियों को नोटिस दिया जा रहा है, उन्हें कारण बताने या हाउसहोल्ड पॉलिसी के तहत रजिस्टर कराने के लिए 48 घंटे का समय दिया जा रहा है.
रेजिडेंशियल इलाके में चल सकते हैं लघु उद्योग
इस दौरान गुप्ता ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोर्ट के आदेशानुसार 31 दिसंबर तक कार्रवाई पूरी करनी है. अभी के समय में युद्धस्तर पर ये काम चल रहा है. गुप्ता ने कहा कि इन सभी कारोबार में अधिकतर ऐसे हैं, जो हाउसहोल्ड पॉलिसी के तहत कवर होते हैं. इसमें 100 से भी ज्यादा वो लघु-उद्योग शामिल हैं जिन्हें रेसिडेंशियल इलाके में रहकर चलाया जा सकता है. हालांकि इसके लिए निगम से इजाजत लेनी होगी.