नई दिल्ली : दिल्ली की सबसे बड़ी सिविक एजेंसी नॉर्थ एमसीडी के अंदर सत्ता में शासित भाजपा के ऊपर लगातार विपक्ष के द्वारा गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. विपक्ष का कहना है कि निगम लगातार अपने अंतर्गत आने वाली जमीन को कम कीमतों पर बेचकर न सिर्फ अपने हितैषियों को फायदा पहुंचा रही है बल्कि अपनी जेबें भर रही है. नॉवेल्टी सिनेमा की ऐतिहासिक जमीन को इसी कड़ी में भाजपा ने कौड़ियों के दाम पर बेचकर अपनी जेब भरने का काम किया है.
इस बीच अब नॉर्थ एमसीडी में शासित भाजपा की सरकार का एक और नया कारनामा सामने आ रहा है. नॉर्थ एमसीडी में शासित भाजपा की सरकार ने कर्मपुरा D3 की कॉमर्शियल जमीन की न्यूनतम राशि को घटाकर बाद में तय की गई न्यूनतम राशि ₹10,000 बढ़ाकर करोड़ों रुपये की व्यावसायिक संपत्ति को लीज पर दे दिया है. आमतौर पर टेंडर के दौरान प्रक्रिया में केवल एक बिड पर उसे निरस्त कर दिया जाता है. लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया है और मामले की पूरी तरीके से अनदेखी की गई है. कर्मपुरा D3 ब्लॉक की व्यावसायिक संपत्ति को खरीदने के लिए आई एक ही बिड पर प्लॉट को लीज पर दे दिया गया, जो बेहद हैरान कर देने वाला है.
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मामला इतने पर ही नहीं रुका, दिखावे के लिए इस भूमि को बेचने के लिए हिंदी-अंग्रेजी उर्दू के कुछ अखबारों में विज्ञापन दिया गया था, लेकिन वह केवल औपचारिकता ही रही. क्योंकि इन छोटे-छोटे विज्ञापनों पर किसी की नजर नहीं पड़ी और पूरी जमीन के लिए महज एक ही व्यक्ति ने बोली लगाई. आमतौर पर जब निगम अपनी किसी भी संपत्ति को लीज पर देने के लिए विज्ञापन अखबारों में जारी करती है, तो उसके मद्देनजर प्रेस रिलीज भी जारी की जाती है. लेकिन इस पूरे मामले में प्रेस रिलीज भी जारी नहीं की गई थी.
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कर्मपुरा D3 कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स की खास बात यह है कि यह 214 वर्ग मीटर के प्लॉट की न्यूनतम राशि निगम के द्वारा 6 करोड़ 36 लाख 30 हज़ार रखी गई थी. लेकिन इसके लिए आरएस बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स ने 6 करोड़ 36 लाख 50 हज़ार की बोली लगाई और निगम के सत्ताधारी नेताओं और निगम के आला अधिकारियों ने इस एकमात्र बोली लगाने वाले व्यक्ति को यह प्लॉट देने का फैसला कर दिया. यह प्रस्ताव निगम की स्थाई समिति में 27 जुलाई 2021 को लिया गया था. जिसे हंगामे के बीच बिना चर्चा के पारित कर दिया गया था.