नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना संक्रमण से हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं. हालात यह हैं कि दिल्ली सरकार के किसी भी छोटे-बड़े कोरोना अस्पताल में ICU और वेंटिलेटर बेड मौजूद नहीं हैं. दिल्ली सरकार के आंकड़ों की मानें, तो सोमवार शाम 4 बजे तक दिल्ली के सभी निजी और सरकारी कोरोना अस्पतालों में मात्र 12 ICU और वेंटिलेटर बेड उपलब्ध हैं.
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महज 12 वेंटिलेटर/आईसीयू बेड हैं खाली
दिल्ली के अस्पतालों में कोरोना के कुल 20,352 बेड मौजूद हैं. इनमें से 18,753 बेड पर मरीज हैं. वहीं, 1,599 बेड खाली हैं. दिल्ली के सभी प्राइवेट और सरकारी कोरोना अस्पताल में आईसीयू/वेंटिलेटर के 4,672 बेड हैं. इनमें से 4,660 बेड पर मरीज भर्ती हैं, तो वहीं महज 12 आईसीयू/वेंटीलेटर बेड खाली हैं.
मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में उपलब्ध हैं मात्र 11 ICU बेड
दिल्ली में आईसीयू और वेंटिलेटर बेड की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली के मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में 11 आईसीयू/वेंटिलेटर बेड, तो वहीं, एम्स ट्रॉमा सेंटर में मात्र 1 आईसीयू बेड उपलब्ध है. मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल में सिर्फ बच्चों का इलाज किया जाता है. यानी कि इस समय दिल्ली के सभी छोटे-बड़े निजी सरकारी अस्पतालों में वेंटिलेटर आईसीयू के मात्र 1 बेड उपलब्ध हैं. मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल के 11 बेड बच्चों के लिए रिजर्व है.