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सत्येंद्र जैन मामला: ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ ईडी पहुंची हाईकोर्ट - reaches ED High Court

सत्येंद्र जैन की हिरासत के दौरान पूछताछ के समय उनके वकील को साथ रहने की अनुमति देने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.

सत्येंद्र जैन
सत्येंद्र जैन
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Published : Jun 2, 2022, 1:54 PM IST

नई दिल्ली: ईडी ने दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की हिरासत के दौरान पूछताछ के समय उनके वकील को साथ रहने की अनुमति देने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट ईडी की इस याचिका पर कल यानि तीन जून को सुनवाई करेगा.


आज ईडी की ओर से कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए इस याचिका पर सुनवाई की मांग की गई. इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर तीन जून को सुनवाई करने का आदेश दिया. बता दें कि 31 मई को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन को 9 जून तक की ईडी हिरासत में भेज दिया था.

सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंची. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. ये फर्जी कंपनियां थी. इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई. ईडी ने कहा था कि ईडी ने उन्हें जांच के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया.

नई दिल्ली: ईडी ने दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की हिरासत के दौरान पूछताछ के समय उनके वकील को साथ रहने की अनुमति देने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. हाईकोर्ट ईडी की इस याचिका पर कल यानि तीन जून को सुनवाई करेगा.


आज ईडी की ओर से कार्यकारी चीफ जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए इस याचिका पर सुनवाई की मांग की गई. इसके बाद कोर्ट ने इस याचिका पर तीन जून को सुनवाई करने का आदेश दिया. बता दें कि 31 मई को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येन्द्र जैन को 9 जून तक की ईडी हिरासत में भेज दिया था.

सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने कहा था कि कैश दिल्ली में दिया गया. ये कैश कोलकाता में हवाला के जरिये एंट्री आपरेटर्स तक पहुंची. ये एंट्री आपरेटर्स कंपनियों में शेयर खरीद कर निवेश करते थे. ये फर्जी कंपनियां थी. इन फर्जी कंपनियों में निवेश कर काला धन को सफेद बनाया जा रहा था. पैसों से जमीन खरीदने का काम किया गया. प्रयास नामक एनजीओ के जरिये कृषि भूमि खरीदी गई. ईडी ने कहा था कि ईडी ने उन्हें जांच के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया.

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