अरस्तु ने कहा था-
- प्रेम एक आत्मा से बना है, जो दो शरीरों में निवास करता है.
- प्रकृति की सभी चीजों में कुछ अदभुत जरूर है.
- खुशी जीवन का अर्थ और उद्देश्य है, मानव अस्तित्व का संपूर्ण उद्देश्य और अंत है.
- शिक्षा, समृद्धि में एक आभूषण है और विपत्ति में एक शरण की तरह.
- युवा आसानी से धोखा खा जाता है क्योंकि यह ज्यादा आशावादी होता है.
- जो लोग बच्चों को अच्छी तरह से शिक्षित करते हैं, वो पैदा करने वाले से ज्यादा सम्मानजनक है; क्योंकि इन लोगों ने उन्हें केवल जन्म दिया हैं, और शिक्षित करने वालों ने अच्छी तरह से जीने की कला सिखाई है.
- अपने मन की ऊर्जा ही जीवन का सार है.
- कोई भी क्रोधित हो सकता है, यह आसान है, लेकिन सही व्यक्ति के साथ और सही डिग्री के साथ, सही समय पर, सही उद्देश्य के लिए और सही तरीके से क्रोधित होना – जो हर किसी के बस की बात नहीं है और आसान नहीं है.
- समय चीजों के टुकड़े कर देता है, समय के साथ सब पुराना हो जाता है और कुछ समय के बाद सब कुछ भुला दिया जाता है.
- जिसने अपने डर पर काबू पा लिया है, वह वास्तव में स्वतंत्र हैं.
- जो एक अच्छा अनुयायी (follower) नहीं हो सकता है, वो एक अच्छा लीडर नहीं हो सकता है.
- डर बुरे की आशंका से उत्पन्न होने वाला दर्द है.