नई दिल्ली: डीडीए द्वारा रविदास मंदिर गिराने का मुद्दा अब तक सुलझता नहीं दिख रहा है. अब इस मामले में दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने डीडीए के उपाध्यक्ष तरुण कपूर को चिट्ठी लिखी है.
10 अगस्त को डीडीए द्वारा रविदास मंदिर गिराए जाने का जिक्र करते हुए राजेंद्र पाल गौतम ने इस पत्र में कहा है कि इस मामले से समाज के एक बड़े हिस्से की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और इसे लेकर देशभर में प्रदर्शन हुए हैं. इन्होंने इस पत्र में लिखा है कि इस मामले में अब जरूरी है कि जिस डीडीए के पास जमीन का मालिकाना हक है, वो वन विभाग से इसे फॉरेस्ट कैटेगरी से डिनोटिफाई करने का अनुरोध करे.
मंत्री ने डीडीए के उपाध्यक्ष से किया आग्रह
सुप्रीम कोर्ट से डीडीए को यह मंदिर तोड़ने का आदेश इसीलिए मिला था, क्योंकि यह जमीन वन विभाग के अंतर्गत अधिसूचित है और इसीलिए राजेंद्र पाल गौतम चाहते हैं कि उसे वन विभाग डिनोटिफाई करे. लेकिन इसके लिए डीडीए को वन विभाग से अनुरोध करना पड़ेगा और इस पत्र के माध्यम से राजेंद्र पाल गौतम ने डीडीए के उपाध्यक्ष से इसी के लिए आग्रह किया है.
पत्र में उन्होंने यह भी लिखा है इसे डिनोटिफाई करने के बाद ही दिल्ली सरकार यहां संत रविदास का भव्य मंदिर बनाने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेज सकती है. उन्होंने यह भी कहा है कि डीडीए इस मामले को प्राथमिकता से ले, क्योंकि हर बीतता दिन संत रविदास के करोड़ों अनुयाइयों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहा है.
पीएम मोदी को भी लिख चुके हैं पत्र
गौरतलब है कि राजेंद्र पाल गौतम इस मामले में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं और वहां से कोई जवाब नहीं आने के बाद आम आदमी पार्टी ने इस मामले को लेकर भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था. वहीं, मंदिर गिराए जाने के विरोध में दिल्ली के रामलीला मैदान में भी देशभर से लोग जुटे थे, जिसमें आम आदमी पार्टी की भी भूमिका रही थी. अब जबकि मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने इसे लेकर डीडीए के उपाध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है, देखने वाली बात होगी कि इसका क्या असर होता है.