ETV Bharat / city

MCD ऑफिस पर सफाईकर्मियों का प्रोटेस्ट, समय पर सैलरी और नौकरी को पक्का करने की मांग - एमसीडी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन

सफाईकर्मियों ने एमसीडी डीसी कार्यालय के बाहर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया है. सफाईकर्मियों की मांग है कि उन्हें समय पर सैलरी मिले और नौकरी पक्की की जाए.

एमसीडी ऑफिस पर सफाईकर्मियों का प्रोटेस्ट
एमसीडी ऑफिस पर सफाईकर्मियों का प्रोटेस्ट
author img

By

Published : Oct 1, 2022, 6:19 PM IST

नई दिल्ली: एमसीडी (MCD) वेस्ट जोन में कार्यरत सैकड़ों सफाई कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजौरी गार्डन एमसीडी डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इन सफाई कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में उनकी नौकरी को पक्का करना, समय से हर महीने तनख्वाह मिलना के साथ-साथ स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं को देना शामिल है.

धरना प्रदर्शन का आयोजन अखिल भारतीय मजदूर परिषद की अगुवाई में हुआ. इसमें काफी संख्या में पुरुष और महिला सफाई कर्मियों ने हिस्सा लिया. सफाईकर्मियों की समस्याएं सुनने और इनकी समस्याओं को आगे संसद तक पहुंचाने के उद्देश्य से असम से इंडिपेंडेंट लोकसभा के सांसद नाबा कुमार सरनिया भी पहुंचे.

उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि देश की राजधानी दिल्ली में सफाई कर्मियों का इतना बुरा हाल है. उन्हें तीन दशक से लगातार काम करने के बावजूद पक्का नहीं किया गया और तो और ना ही उन्हें समय पर सैलरी मिलती है और ना ही एमसीडी ने उनके लिए मेडिकल फैसिलिटी प्रोवाइड कराई है.

एमसीडी ऑफिस पर सफाईकर्मियों का प्रोटेस्ट

ये भी पढ़ें: छतरपुर में एमसीडी के कूड़ाघर के खिलाफ आप कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह बस राजनीति का नतीजा है, वरना देश की राजधानी में ये सफाई कर्मी जो पूरी दिल्ली की गंदगी को साफ करते हैं उनका यह हाल नहीं होता. वहीं अखिल भारतीय मजदूर परिषद के पदाधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि सैकड़ों कर्मचारी जो 20-30 साल से लगातार काम कर रहे हैं उन्हें भी पक्का नहीं किया गया. ऐसे कर्मचारी जो पक्के तौर पर काम करते थे, लेकिन उनकी मौत होने के बाद उनके बच्चों को भी पक्की नौकरी नहीं दी गई, जो बड़ी हैरान करने वाली बातें हैं. उन्होंने एमसीडी अधिकारियों पर आरोप लगाया कि सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहने के उद्देश्य से जानबूझकर सफाई कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

यूनियन पदाधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि कोरोना के दौरान जान पर खेलकर इन्हीं सफाई कर्मियों ने दिल्ली की गंदगी को साफ किया था. तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मचारियों को एक करोड़ रुपए देने की बात कही थी, लेकिन जो सफाईकर्मी जिनकी कोरोना के कारण मौत हुई भी उन्हें पैसे नहीं दिए.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

नई दिल्ली: एमसीडी (MCD) वेस्ट जोन में कार्यरत सैकड़ों सफाई कर्मियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजौरी गार्डन एमसीडी डीसी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इन सफाई कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में उनकी नौकरी को पक्का करना, समय से हर महीने तनख्वाह मिलना के साथ-साथ स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाओं को देना शामिल है.

धरना प्रदर्शन का आयोजन अखिल भारतीय मजदूर परिषद की अगुवाई में हुआ. इसमें काफी संख्या में पुरुष और महिला सफाई कर्मियों ने हिस्सा लिया. सफाईकर्मियों की समस्याएं सुनने और इनकी समस्याओं को आगे संसद तक पहुंचाने के उद्देश्य से असम से इंडिपेंडेंट लोकसभा के सांसद नाबा कुमार सरनिया भी पहुंचे.

उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि देश की राजधानी दिल्ली में सफाई कर्मियों का इतना बुरा हाल है. उन्हें तीन दशक से लगातार काम करने के बावजूद पक्का नहीं किया गया और तो और ना ही उन्हें समय पर सैलरी मिलती है और ना ही एमसीडी ने उनके लिए मेडिकल फैसिलिटी प्रोवाइड कराई है.

एमसीडी ऑफिस पर सफाईकर्मियों का प्रोटेस्ट

ये भी पढ़ें: छतरपुर में एमसीडी के कूड़ाघर के खिलाफ आप कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह बस राजनीति का नतीजा है, वरना देश की राजधानी में ये सफाई कर्मी जो पूरी दिल्ली की गंदगी को साफ करते हैं उनका यह हाल नहीं होता. वहीं अखिल भारतीय मजदूर परिषद के पदाधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि सैकड़ों कर्मचारी जो 20-30 साल से लगातार काम कर रहे हैं उन्हें भी पक्का नहीं किया गया. ऐसे कर्मचारी जो पक्के तौर पर काम करते थे, लेकिन उनकी मौत होने के बाद उनके बच्चों को भी पक्की नौकरी नहीं दी गई, जो बड़ी हैरान करने वाली बातें हैं. उन्होंने एमसीडी अधिकारियों पर आरोप लगाया कि सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते रहने के उद्देश्य से जानबूझकर सफाई कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है.

यूनियन पदाधिकारियों का साफ तौर पर कहना है कि कोरोना के दौरान जान पर खेलकर इन्हीं सफाई कर्मियों ने दिल्ली की गंदगी को साफ किया था. तब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मचारियों को एक करोड़ रुपए देने की बात कही थी, लेकिन जो सफाईकर्मी जिनकी कोरोना के कारण मौत हुई भी उन्हें पैसे नहीं दिए.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.