नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदर्श जैन ने पीपीई किट की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं. बता दें कि अस्पतालों में कोविड और नॉन कोविड एरिया की डिमार्केशन नहीं होने से बिना लक्षणों वाले कोविड के मरीज सबसे बड़े खतरे के रूप में सामने आ रहे हैं. ऐसे में खराब पीपीई किट से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए खतरा ज्यादा है.
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आदर्श सिंह ने कहा कि हेल्थ वर्कर्स फ्रंट कोविड वारियर्स हैं. लेकिन उन्हें बचाव के लिये जो पीपीई किट्स दिये जा रहे हैं उनकी क्वालिटी घटिया है. बहुत से हेल्थ वर्कर्स हॉट स्पॉट वाले इलाके से होकर आते हैं.
उन्हें न तो ढंग का एकोमोडेशन दिया जा रहा है और ना ही ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी जा रही है. इन हालातों में उनसे जबाव तलब किया जा रहा है कि वो कोविड के संपर्क में कैसे आ गये? अस्पतालों में पर्याप्त संसाधन नहीं होने के बावजूद भी स्वास्थ्य कर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं.
डॉ आदर्श बताते हैं कि नॉन कोविड एरिया में कुछ मरीज बिना लक्षणों के आते हैं. ऐसे में वहां तैनात स्वास्थ्य पेशेवरों को भी अच्छी क्वालिटी वाली पीपीई किट्स मिलनी चाहिए. इसके अलावा उन्हें छुपे खतरे से निपटने के लिये इन्फेक्शन कंट्रोल एंड प्रीवेंशन की ट्रेनिंग देनी चाहिये.