नई दिल्ली: सिविक सेंटर पर आम आदमी पार्टी और सफाई कर्मचारियों के प्रदर्शन में पुलिस पर लगे बर्बरता के आरोपों को दिल्ली पुलिस ने खारिज किया है. पुलिस ने उक्त दिन का पूरा घटनाक्रम बताते हुए साफ किया है कि प्रदर्शन में किसी भी अनुचित बल का प्रयोग नहीं किया गया. प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे जिसके बाद लॉ एंड आर्डर को ध्यान में रखते हुए प्रदर्शनकारियों को हटाया गया. इसमें कमला मार्केट के एसीपी के साथ 9 अन्य पुलिस वाले भी घायल हुए, जबकि किसी प्रदर्शनकारी को कोई चोट नहीं आई.
घटना के विषय में बताते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि 28 अक्टूबर को सफाई कर्मचारियों ने एक धरना बुलाया था. दिल्ली पुलिस ने ऐसे किसी धरने की इजाजत नहीं दी थी. बताया गया कि 27 अक्टूबर को ही लोकल पुलिस ने इस धरने के आयोजकों को बुलाकर ये साफ किया था कि कोरोना की गाइडलाइंस के मद्देनजर इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है. इसमें दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी का भी हवाला दिया गया, जिसमें खुद आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक सदस्य हैं. इसमें किसी भी धरने के लिए अधिकतम लोगों की संख्या 100 है.
'दिल्ली पुलिस ने किए थे सभी इंतजाम'
बताया गया कि इजाजत नहीं होने के बावजूद निगम मुख्यालय सिविक सेंटर के गेट नंबर 5 पर दिल्ली पुलिस ने समुचित इंतजाम किए थे. दोपहर 1:00 बजे आम आदमी पार्टी नेता दुर्गेश पाठक अपने साथ करीब 1,500 लोगों की भीड़ को लेकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान यह देखा गया कि उन लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया और कई लोगों ने मास्क भी नहीं लगाया था. ऐसे में आयोजकों से उस जगह को छोड़ देने के लिए कहा गया. हालांकि पुलिस की बात नहीं सुनी गई. कई प्रदर्शनकारियों ने इस बीच सड़क पर बैठकर मिंटो रोड को जाम करने की कोशिश भी की.
'हिंसक हुए थे प्रदर्शनकारी'
बार-बार जब प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने ऐसा नहीं करने के लिए कहा तो उन्होंने नारेबाजी शुरू कर पुलिस को ही धक्का देना शुरू कर दिया. दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि दुर्गेश पाठक, अनिल जैन, यश, फेमउद्दीन सैफी, AAP विधाय कुलदीप कुमार, रोहित मेहरोलिया, अखिलेश त्रिपाठी और वंदना कुमारी पुलिस स्टाफ के साथ बदसलूकी करने लगे. इस बीच भीड़ हिंसक हो गई.
बताया गया कि पुलिस ने किसी भी तरह के अनुचित बल का प्रयोग नहीं किया. जबकि पुलिस की ओर से एक एसीपी, 3 महिला कॉन्स्टेबल और 6 अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए. मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि किसी भी प्रदर्शनकारी को कोई चोट न लगे. मामले में FIR दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है.