नई दिल्ली : मानव अंगों की खरीद-फरोख्त जैसी अनैतिक और गैर कानूनी गतिविधियों को रोकने एवं अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए क्रिएटिव उपाय किए जा रहे हैं. अब इस मामले में ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने एक अनोखी पहल की है. अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने जाते हैं. या अपने पुराने ड्राइविंग लाइसेंस को रिन्यू कराते हैं तो आपके अंगदान का संकल्प लेने पर आपको डोनर लिखा ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा. जिससे लोगों को ये पता चल जाएगा कि आपने अंगदान का संकल्प लिया है.
अगर आपने अंगदान का संकल्प लिया है तो आप के ड्राइविंग लाइसेंस पर एक कोने में बड़े अक्षरों में डोनर लिखा मिलेगा. इसका फायदा यह है कि अगर किसी सड़क दुर्घटना में अंगदान का संकल्प लेने वाले की मौत हो जाती है तो उसके बारे में फौरन अंगदान कराने वाली टीम को दी जाएगी. इसके बाद परिजनों की इजाजत के बाद अंगदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. जिसके तहत मृतक के महत्वपूर्ण अंगों को निकालकर संरक्षित कर लिया जाएगा और जरूरतमंदों को मुफ्त ट्रांसप्लांट किया जाएगा. इस तरह आपके अंगों से किसी को नई जिंदगी मिल सकती है.
एम्स दिल्ली के ऑर्गन रिटेबल बैंकिंग ऑर्गेनइजेशन में मेडिकल सोशल वेलफेयर ऑफिसर राजीव मैखुरी बताते हैं कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने अंगदान के प्रति लोगों को जागरूक करने की एक अनोखी पहल की है. इससे अंगदान के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा और स्वैच्छिक रूप से लोग खुद ही अंगदान के लिए आगे आएंगे. ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने अंगदान को बढ़ावा देने के लिए एक बहुत ही अच्छी पहल की है. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए जो नया फॉर्मेट तैयार किया गया है. उसमें एक कॉलम जोड़ा गया है. बेसिक इनफॉर्मेशन भरने वाले फॉर्म में अंगदान का वैकल्पिक कॉलम भी रखा गया है. जिसमें अंगदान का संकल्प लेने वाले अपनी जानकारी दर्ज करेंगे. इस आधार पर बने ड्राइविंग लाइसेंस पर ब्लड ग्रुप के साथ ही डोनर भी लिखकर आएगा. अगर आपने अंगदान का संकल्प नहीं लिया है तो ड्राइविंग लाइसेंस पर ऐसा कुछ भी दर्ज नहीं होगा.
अंगदान का संकल्प लें, ड्राइविंग लाइसेंस पर डोनर दर्ज कराएं : राजीव
राजीव ने लोगों से अपील की है कि आप जब भी ड्राइविंग लाइसेंस बनाएं या अपने लाइसेंस को रिन्यूअल कराएं तो ऑर्गन डोनेशन का प्लेज जरूर लें. मौजूदा नियम के मुताबिक सड़क दुर्घटना का शिकार व्यक्ति ही कैडवर डोनर हो सकता है. ऐसा करके आप दूसरे व्यक्ति की मदद तो करेंगे ही, आप मृत्यु के बाद भी दूसरे के शरीर में जीवित रहेंगे.