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आप विधायक अजय दत्त के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

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Published : Jul 8, 2022, 9:46 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक अजय दत्त के निर्वाचन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दी है. जस्टिस विभू बाखरु की बेंच ने कहा कि शिकायतकर्ता ये साबित करने में नाकाम रहा कि अजय दत्त ने चुनाव में अपने ऊपर सरकारी आवास के बकाये के बारे में गलत हलफनामा दिया था.

याचिका खारिज
याचिका खारिज

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक अजय दत्त के निर्वाचन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दी है. जस्टिस विभू बाखरु की बेंच ने कहा कि शिकायतकर्ता ये साबित करने में नाकाम रहा कि अजय दत्त ने चुनाव में अपने ऊपर सरकारी आवास के बकाये के बारे में गलत हलफनामा दिया था. अजय दत्त अंबेडकर नगर विधानसभा से 2020 में चुने गये थे.

अजय दत्त के निर्वाचन को रोहिताश नामक याचिकाकर्ता ने चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि अजय दत्त ने 26 नंबर फॉर्म में दाखिल हलफनामा में कहा कि सरकारी आवास का उनके ऊपर कोई बकाया नहीं है. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली के दक्षिपुरी में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने दत्त को दफ्तर के लिए एक जगह किराये पर दी थी. 31 दिसंबर 2016 तक उसका बकाया दो लाख 77 हजार रुपये से ज्यादा था.

इसे भी पढ़ेंः मंत्री सत्येन्द्र जैन की पत्नी को ईडी का नोटिस, अगले सप्ताह होगी पूछताछ

कोर्ट ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के सचिव के मुताबिक अजय दत्त को वह दफ्तर विधानसभा की ओर से दिया गया था. उसका किराया भरने की जिम्मेदारी भी विधानसभा की थी. यहां तक कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने किराये की मांग के लिए जो पत्र लिखा था वो विधानसभा के सचिव के नाम संबोधित था. दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के वकील ने भी इस बात पर सहमति जताई कि किराया दिल्ली विधानसभा की ओर से दिया जाना था.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आम आदमी पार्टी के विधायक अजय दत्त के निर्वाचन के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दी है. जस्टिस विभू बाखरु की बेंच ने कहा कि शिकायतकर्ता ये साबित करने में नाकाम रहा कि अजय दत्त ने चुनाव में अपने ऊपर सरकारी आवास के बकाये के बारे में गलत हलफनामा दिया था. अजय दत्त अंबेडकर नगर विधानसभा से 2020 में चुने गये थे.

अजय दत्त के निर्वाचन को रोहिताश नामक याचिकाकर्ता ने चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि अजय दत्त ने 26 नंबर फॉर्म में दाखिल हलफनामा में कहा कि सरकारी आवास का उनके ऊपर कोई बकाया नहीं है. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली के दक्षिपुरी में दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने दत्त को दफ्तर के लिए एक जगह किराये पर दी थी. 31 दिसंबर 2016 तक उसका बकाया दो लाख 77 हजार रुपये से ज्यादा था.

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कोर्ट ने कहा कि दिल्ली विधानसभा के सचिव के मुताबिक अजय दत्त को वह दफ्तर विधानसभा की ओर से दिया गया था. उसका किराया भरने की जिम्मेदारी भी विधानसभा की थी. यहां तक कि दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड ने किराये की मांग के लिए जो पत्र लिखा था वो विधानसभा के सचिव के नाम संबोधित था. दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के वकील ने भी इस बात पर सहमति जताई कि किराया दिल्ली विधानसभा की ओर से दिया जाना था.

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