ETV Bharat / city

पद्मश्री तीरंदाज लिंबा राम को राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भिजवाए 10 लाख रुपये - ओलंपियन तीरंदाज लिंबा राम

पद्मश्री तीरंदाज लिंबा राम को ब्रेन स्ट्रोक के बाद गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां से उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है, लेकिन रहने का कोई ठिकाना न होने पर स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के हॉस्टल जवाहर लाल नेहरू में रह रहे हैं. उन्होंने ओलंपिक, एशियन गेम्स के साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन किया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें 10 लाख की आर्थिक मदद दी है.

padamshri-limbaram-admitted-to-hospital-rajasthan-cm-ashok-gehlot-send-financial-aid
padamshri-limbaram-admitted-to-hospital-rajasthan-cm-ashok-gehlot-send-financial-aid
author img

By

Published : Feb 20, 2022, 11:53 AM IST

Updated : Feb 20, 2022, 12:38 PM IST

नई दिल्ली : ओलंपिक, एशियन गेम्स के साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन करने वाले ओलंपियन तीरंदाज लिंबा राम (Olympian bowman limba ram) इन दिनों जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. दरअसल आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे ओलंपियन तीरंदाज लिंबा राम को बीते दिनों ब्रेन स्ट्रोक हुआ था. इसकी वजह से उनकी हालत ठीक नहीं है. उन्हें बेहतर इलाज के लिए गाजियाबाद स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां से डिस्चार्ज होने के बाद वे स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के हॉस्टल जवाहर लाल नेहरू में रह रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराई है. गौरतलब है कि 50 वर्षीय लिंबा राम को साल 2012 में राष्ट्रपति से पद्मश्री पुरस्कार भी मिल चुका है. लिंबा राम ने ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व तो किया ही है. साथ ही वह 2009 से 2012 तक इंडियन आर्चरी टीम के कोच भी रह चुके हैं.


तीरंदाजी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करके नाम रोशन करने वाले मशहूर तीरंदाज लिंबा राम की हालत के बारे में जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जानकारी मिली तो उन्होंने दिल्ली में मुख्य आवासीय आयुक्त शुभ्रा सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता राशि के रूप में लिंबाराम को पहुंचाया. आयुक्त शुभ्रा सिंह को उनकी हर संभव मदद करने के निर्देश भी दिये हैं, जिसकी जानकारी खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर के दी.

2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने दिया था पद्मश्री.
2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने दिया था पद्मश्री.

कौन हैं लिंबा राम

लिंबा राम भारत के मशहूर तीरंदाज हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक, एशियन गेम्स और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. 1992 में लिंबा राम ने एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में बीजिंग के अंदर वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी भी की. लिंबा राम को साल 2012 में पद्मश्री अवार्ड भारत की राष्ट्रपति ने दिया था. 1989 में लिंबा राम ने आर्चरी एशियन कप में पुरुष टीम में गोल्ड जीता था. वहीं इंडिविजुअल इवेंट में उन्होंने सिल्वर मेडल प्राप्त किया था, जिसके बाद 1992 में बीजिंग में हुई एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था.

1995 में हुए कॉमनवेल्थ आर्चरी चैंपियनशिप में भी लिंबा राम ने स्वर्ण पदक पुरुष टीम में रहते हुए जीता था. साथ ही सोलो इवेंट में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था. लिंबा राम का जन्म 30 जनवरी 1972 को राजस्थान के उदयपुर जिले में सरदीत गांव में हुआ था. लिंबा राम अहारी जनजाति से आते हैं. बचपन में लिंबा राम पक्षियों का शिकार करके अपना जीवन यापन किया करते थे, जिसके बाद 1987 में लिंबा राम ने भारत सरकार के तीरंदाजी के क्षेत्र में तलाशी जा रही नई प्रतिभाओं के लिए आयोजित किए गए ट्रायल में जानकारी मिलने बाद अपने नजदीकी गांव में जाकर ट्रायल में भाग लिया. उस समय लिंबा राम 15 साल के थे. वहां से उन्हें दिल्ली में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया, जिसके बाद उन्हें आरएस सोढ़ी से कोचिंग ली. आर एस सोढ़ी के नेतृत्व में लिंबाराम ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया. 1989 में जहां उन्होंने वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल तक अपनी जगह बनाई.

वहीं उसके बाद लगातार विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में लिंबाराम अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहे और एशियन चैंपियनशिप के साथ-साथ कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कई मेडल अपने नाम किये. साल 2009 में लिंबा राम को नेशनल आर्चरी टीम का चीफ कोच भी नियुक्त किया गया है, जहां लिंबा राम के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 2002 में हुए तीरंदाजी के विश्वकप में तीन गोल्ड, तीन सिल्वर समेत चार ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. जिसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स और 2010 में भी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

नई दिल्ली : ओलंपिक, एशियन गेम्स के साथ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम रोशन करने वाले ओलंपियन तीरंदाज लिंबा राम (Olympian bowman limba ram) इन दिनों जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. दरअसल आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे ओलंपियन तीरंदाज लिंबा राम को बीते दिनों ब्रेन स्ट्रोक हुआ था. इसकी वजह से उनकी हालत ठीक नहीं है. उन्हें बेहतर इलाज के लिए गाजियाबाद स्थित यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां से डिस्चार्ज होने के बाद वे स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (SAI) के हॉस्टल जवाहर लाल नेहरू में रह रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराई है. गौरतलब है कि 50 वर्षीय लिंबा राम को साल 2012 में राष्ट्रपति से पद्मश्री पुरस्कार भी मिल चुका है. लिंबा राम ने ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व तो किया ही है. साथ ही वह 2009 से 2012 तक इंडियन आर्चरी टीम के कोच भी रह चुके हैं.


तीरंदाजी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करके नाम रोशन करने वाले मशहूर तीरंदाज लिंबा राम की हालत के बारे में जब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जानकारी मिली तो उन्होंने दिल्ली में मुख्य आवासीय आयुक्त शुभ्रा सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री सहायता कोष से 10 लाख रुपये आर्थिक सहायता राशि के रूप में लिंबाराम को पहुंचाया. आयुक्त शुभ्रा सिंह को उनकी हर संभव मदद करने के निर्देश भी दिये हैं, जिसकी जानकारी खुद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर के दी.

2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने दिया था पद्मश्री.
2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने दिया था पद्मश्री.

कौन हैं लिंबा राम

लिंबा राम भारत के मशहूर तीरंदाज हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक, एशियन गेम्स और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है. 1992 में लिंबा राम ने एशियन आर्चरी चैंपियनशिप में बीजिंग के अंदर वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी भी की. लिंबा राम को साल 2012 में पद्मश्री अवार्ड भारत की राष्ट्रपति ने दिया था. 1989 में लिंबा राम ने आर्चरी एशियन कप में पुरुष टीम में गोल्ड जीता था. वहीं इंडिविजुअल इवेंट में उन्होंने सिल्वर मेडल प्राप्त किया था, जिसके बाद 1992 में बीजिंग में हुई एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता था.

1995 में हुए कॉमनवेल्थ आर्चरी चैंपियनशिप में भी लिंबा राम ने स्वर्ण पदक पुरुष टीम में रहते हुए जीता था. साथ ही सोलो इवेंट में सिल्वर मेडल प्राप्त किया था. लिंबा राम का जन्म 30 जनवरी 1972 को राजस्थान के उदयपुर जिले में सरदीत गांव में हुआ था. लिंबा राम अहारी जनजाति से आते हैं. बचपन में लिंबा राम पक्षियों का शिकार करके अपना जीवन यापन किया करते थे, जिसके बाद 1987 में लिंबा राम ने भारत सरकार के तीरंदाजी के क्षेत्र में तलाशी जा रही नई प्रतिभाओं के लिए आयोजित किए गए ट्रायल में जानकारी मिलने बाद अपने नजदीकी गांव में जाकर ट्रायल में भाग लिया. उस समय लिंबा राम 15 साल के थे. वहां से उन्हें दिल्ली में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया, जिसके बाद उन्हें आरएस सोढ़ी से कोचिंग ली. आर एस सोढ़ी के नेतृत्व में लिंबाराम ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया. 1989 में जहां उन्होंने वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में क्वार्टर फाइनल तक अपनी जगह बनाई.

वहीं उसके बाद लगातार विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में लिंबाराम अपनी मौजूदगी दर्ज कराते रहे और एशियन चैंपियनशिप के साथ-साथ कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कई मेडल अपने नाम किये. साल 2009 में लिंबा राम को नेशनल आर्चरी टीम का चीफ कोच भी नियुक्त किया गया है, जहां लिंबा राम के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 2002 में हुए तीरंदाजी के विश्वकप में तीन गोल्ड, तीन सिल्वर समेत चार ब्रॉन्ज मेडल जीते थे. जिसके बाद कॉमनवेल्थ गेम्स और 2010 में भी वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

Last Updated : Feb 20, 2022, 12:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.