नई दिल्ली : दिल्ली के कई गांवों में युवाओं का रुझान ऑर्गेनिक खेती की ओर बढ़ रहा है. इस सीजन में वह कई तरह की सब्जियां उगा रहे हैं. इसकी डिमांड अधिक और पैदवार कम होने से कीमत भी अच्छी मिल जाती है. इसी कड़ी में बाहरी दिल्ली में ज्यादातर किसान रासायनिक खेती को त्याग कर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. किसानों ने ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देते हुए अपने खेतों में हरी सब्जियों की फसल लगाई है जैसे लौकी, तोरी, करेला, भिंडी और कई तरह की हरी सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है.
ऑर्गेनिक खेती की पैदावार से किसान मायूस है क्योंकि किसानों को केंद्र सरकार की तरफ से जो योजनाएं बनाई जाती हैं उसका लाभ नहीं मिल रहा है. इस वर्ष जब केंद्र सरकार की वित्त मंत्री की तरफ से बजट पास किया गया तो ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए ऑर्गेनिक खेती के प्रचार-प्रसार से लेकर बीज और उपकरणों पर सब्सिडी देने की बात की गई थी, जिससे किसानों में काफी खुश भी थी, लेकिन अब किसानों ने केंद्र सरकार से नाराजगी जता रहे हैं.
किसानों का कहना है कि जो योजनाएं उनके लिए बनाई जाती हैं, धरातल पर उसको उतारा नहीं जाता है और न ही किसानों को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाता. इसकी वजह से किसान सरकार के द्वारा दी गई योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं.
ये भी पढ़ें : फूल-पौधों पर भी पड़ रहा भीषण गर्मी का असर, जानें क्या कह रहे हैं नर्सरी संचालक
ऑर्गेनिक फसल उगाने वाले किसानों का कहना है कि सरकार जो भी योजना बनाए उसे हम तक पहुंचाने के लिए एक जागरूक अभियान चलाएं, जिससे हमें योजनाओं का लाभ उठाने में परेशानियों का सामना न करना पड़े. ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं जो सरकार ने किसानों के हित के लिए बनाई है. लेकिन उन योजनाओं का लाभ हम इसलिए नहीं उठा पाते कि हम कम अशिक्षित हैं. हमें जानकारी नहीं होती है. केंद्र सरकार करोड़ों का बजट किसानों के लिए बनाती है. लेकिन योजनाओं को किसानों के लिए धरातल पर नहीं उतारती है.