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अधिकारियों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ पार्षद नाराज - पक्ष विपक्ष के पार्षदों ने निगम में अधिकारियों के खिलाफ जाहिर की नाराजगी

स्थाई समिति की बैठक में पक्ष-विपक्ष के पार्षदों ने एक स्वर में निगम में अधिकारियों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारी ईमानदार अधिकारी को काम नहीं करने दे रहे हैं.

opposition councilors expressed their displeasure of the officers in the corporation
पक्ष विपक्ष के पार्षदों ने निगम में अधिकारियों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ जाहिर की नाराजगी
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Published : Mar 11, 2021, 2:47 PM IST

नई दिल्ली: नगर निगम की स्थाई समिति की बैठक में पक्ष विपक्ष के पार्षदों ने एक स्वर में निगम में अधिकारियों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारी ईमानदार अधिकारी को काम नहीं करने दे रहे हैं. इसलिए ईमानदार अधिकारियों का हौसला बढ़ाने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए.

स्थाई समिति की बैठक

समिति के सदस्यों ने एक स्वर में अतिरिक्त आयुक्त अलका शर्मा और वेटरनरी विभाग के चेतराम मीणा को बर्खास्त करने की मांग की. वहीं निगमायुक्त विकास आनंद ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है. वह इसे देखकर उचित कार्रवाई करेंगे.

ये भी पढ़ें:-नई शिक्षा नीति पर एनडीएमसी का एक्सपर्ट्स के साथ मंथन

स्थाई समिति की बैठक शुरू होते ही नेता सदन प्रवेश शर्मा ने कहा कि निगम में भ्रष्ट अधिकारियों ने अपने मनमानी चलाई है. वह खुद तो काम करते नहीं हैं, यदि कोई अधिकारी ईमानदारी से काम करता है तो उसे करने नहीं दिया जाता है. ऊपर के अधिकारियों द्वारा उसे प्रताड़ित ही नहीं किया जाता बल्कि अपने अधिकार क्षेत्र का भी उल्लंघन कर रहे हैं.

पूर्व महापौर विपिन बिहारी सिंह ने शर्मा का समर्थन करते हुए कहा कि निगम के पास वैसे ही कम ईमानदार अधिकारी हैं और उन्हें भी हटाने के लिए मुहिम चल रही है. इससे पहले ईमानदार शिक्षा निदेशक कर्नल अशोक कुमार को भी इसी तरह हटाया गया.

विपक्षी आम आदमी पार्टी की गीता रावत ने कहा कि विभाग के चेतराम मीणा के पक्ष विपक्ष की सहमति के बाद ही निलंबित था. उन्हें फिर बहाल करना बताता है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों को कुछ समझते ही नहीं हैं, जबकि निगम की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन खुद को हटाए जाने की मांग की थी.

नई दिल्ली: नगर निगम की स्थाई समिति की बैठक में पक्ष विपक्ष के पार्षदों ने एक स्वर में निगम में अधिकारियों की बढ़ती मनमानी के खिलाफ नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारी ईमानदार अधिकारी को काम नहीं करने दे रहे हैं. इसलिए ईमानदार अधिकारियों का हौसला बढ़ाने के लिए भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए.

स्थाई समिति की बैठक

समिति के सदस्यों ने एक स्वर में अतिरिक्त आयुक्त अलका शर्मा और वेटरनरी विभाग के चेतराम मीणा को बर्खास्त करने की मांग की. वहीं निगमायुक्त विकास आनंद ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है. वह इसे देखकर उचित कार्रवाई करेंगे.

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स्थाई समिति की बैठक शुरू होते ही नेता सदन प्रवेश शर्मा ने कहा कि निगम में भ्रष्ट अधिकारियों ने अपने मनमानी चलाई है. वह खुद तो काम करते नहीं हैं, यदि कोई अधिकारी ईमानदारी से काम करता है तो उसे करने नहीं दिया जाता है. ऊपर के अधिकारियों द्वारा उसे प्रताड़ित ही नहीं किया जाता बल्कि अपने अधिकार क्षेत्र का भी उल्लंघन कर रहे हैं.

पूर्व महापौर विपिन बिहारी सिंह ने शर्मा का समर्थन करते हुए कहा कि निगम के पास वैसे ही कम ईमानदार अधिकारी हैं और उन्हें भी हटाने के लिए मुहिम चल रही है. इससे पहले ईमानदार शिक्षा निदेशक कर्नल अशोक कुमार को भी इसी तरह हटाया गया.

विपक्षी आम आदमी पार्टी की गीता रावत ने कहा कि विभाग के चेतराम मीणा के पक्ष विपक्ष की सहमति के बाद ही निलंबित था. उन्हें फिर बहाल करना बताता है कि अधिकारी जनप्रतिनिधियों को कुछ समझते ही नहीं हैं, जबकि निगम की महत्वपूर्ण स्वास्थ्य समिति के चेयरमैन खुद को हटाए जाने की मांग की थी.

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