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NORTH MCD: विज्ञापन विभाग में बड़ा भ्रष्टाचार, फिर दोहराई जाएगी 56J की प्रक्रिया

नॉर्थ एमसीडी के विज्ञापन विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर निगम के एक अधिकारी को तुरंत प्रभाव से सभी कार्यभार से रिलीव कर दिया गया है. जिन आला अधिकारियों की शिकायतें मिली हैं, उन सभी के खिलाफ निगम द्वारा बकायदा जांच की जा रही है. दोषी पाए जाने पर इन सब के खिलाफ कार्रवाई होगी.

corruption in advertisement department
विज्ञापन विभाग में भ्रष्टाचार
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Published : Sep 6, 2021, 10:54 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की सबसे बड़ी सिविक एजेंसी नॉर्थ एमसीडी वर्तमान समय में आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रही है. इसकी एक प्रमुख वजह निगम में फैला भ्रष्टाचार भी है. इस पर सत्ता में शासित बीजेपी अब तक लगाम लगाने में असफल साबित हुई है. इस बीच नॉर्थ एमसीडी में एक बार फिर बड़े स्तर पर हुए भ्रष्टाचार की खबर सामने आ रही है. इस बार निगम के विज्ञापन विभाग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. इसके बाद नॉर्थ एमसीडी में अधिकारियों के बीच में हड़बड़ाहट का माहौल है.

जानकारी के मुताबिक, निगम के एडवर्टाइजमेंट विभाग के एक अधिकारी को फिलहाल उसकी सभी जिम्मेदारियों से रिलीव करके निगम में शासित बीजेपी की सरकार एक तरफ जहां पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के नेताओं ने बातचीत के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

opposition attacks on bjp
नॉर्थ एमसीडी के विज्ञापन विभाग

नॉर्थ एमसीडी की स्टैंडिंग चेयरमैन जोगीराम जैन ने कहा कि विज्ञापन विभाग के अंदर जो भ्रष्टाचार सामने आया है. उसके मद्देनजर निगम ने अपनी तरफ से कार्रवाई की है और फिलहाल अधिकारी को उसकी जिम्मेदारी से पूरी तरीके से रिलीव कर दिया गया है. साथ ही साथ इस पूरे मामले में निगम आगे की कार्रवाई कर रही है और दोषी पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ी तो अधिकारियों को 56j के तहत भी रिटायर किया जा सकता है.

हाल ही में कुछ समय पहले नॉर्थ एमसीडी में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए कई वरिष्ठ अधिकारियों को 56j के तहत ही रिटायर कर दिया था. इस बीच अब दोबारा निगम के अंदर विज्ञापन विभाग में विशेष तौर पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद सत्ता में शासन बीजेपी एक्शन मोड में नजर आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग ऐसे आधा दर्जन अधिकारियों की सूची बनाई गई है.जिन्हें निगम के 56 j तहत भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के कारण रिटायर करने की तैयारी कर रही है. ऐसा फैसला नॉर्थ एमसीडी में सत्ता में शासित बीजेपी के द्वारा इसलिए लिया गया. क्योंकि यह चुनावी साल है और निगम में शासित बीजेपी अपनी धूमिल हो चुकी छवि को एक बार फिर जनता के सामने चमकाना चाहेगी. ताकि उसे अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम के प्रमुख चुनावो में वोट मिल सके.

ये भी पढ़ें : निगम की जमीनों को बेचने की जल्दी में बीजेपी, ऑन टेबल आएंगे डेढ़ दर्जन प्रस्ताव

पूरा मामला नॉर्थ एमसीडी की बीते दिनों हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक के अंदर सामने आया था. जब पीतमपुरा की स्थानीय पार्षद अंजू जैन ने इस पूरे मामले को लेकर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री के बड़े-बड़े विज्ञापन के होल्डिंग पीतमपुरा में जगह-जगह लगे हुए हैं. वह भी निगम के उन यूनीपोल और क्लस्टर पर जिन की नीलामी अभी तक नहीं हुई है. निगम जो वर्तमान समय में आर्थिक तंगी से जूझ रही है. उसे इन होर्डिंग का किसी प्रकार से कोई राजस्व नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से निगम को बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान भी हुआ है. अंजू जैन ने यह भी बताया कि इन विज्ञापनों के बारे में विज्ञापन विभाग के अधिकारियों के पास भी मांगे जाने के बावजूद कोई जानकारी नहीं थी. जिसके बाद स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

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पूरे मामले के सामने आ जाने के बाद स्थाई समिति की बैठक में स्टेडिंग चेयरमैन के द्वारा उपायुक्त को आदेश दिए गए साथ ही इलाकों में लगी अवैध होर्डिंग ओर विज्ञापनों को तुरंत हटाने को कहा गया, जिसके पश्चात निगम के अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई की गई और एक अभियान चलाकर सभी होर्डिंग्स को हटाया गया. होर्डिंग के बारे में डिटेल सामने आने के बाद जो जानकारी इस पूरी कार्रवाई के साथ सामने आई है. उसके तहत सिविल लाइन रोहिणी और करोल बाग जोन के अंदर निगम की कई ऐसी यूनीपोल है. जिनकी अधिकारिक तौर पर नीलामी नहीं हुई. लेकिन वहां पर लोगों ने होर्डिंग से लगा रखे हैं. जिसके बाद अब निगम के संबंधित विभाग द्वारा पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की जा रही है.

नई दिल्ली : दिल्ली की सबसे बड़ी सिविक एजेंसी नॉर्थ एमसीडी वर्तमान समय में आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रही है. इसकी एक प्रमुख वजह निगम में फैला भ्रष्टाचार भी है. इस पर सत्ता में शासित बीजेपी अब तक लगाम लगाने में असफल साबित हुई है. इस बीच नॉर्थ एमसीडी में एक बार फिर बड़े स्तर पर हुए भ्रष्टाचार की खबर सामने आ रही है. इस बार निगम के विज्ञापन विभाग में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. इसके बाद नॉर्थ एमसीडी में अधिकारियों के बीच में हड़बड़ाहट का माहौल है.

जानकारी के मुताबिक, निगम के एडवर्टाइजमेंट विभाग के एक अधिकारी को फिलहाल उसकी सभी जिम्मेदारियों से रिलीव करके निगम में शासित बीजेपी की सरकार एक तरफ जहां पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रही हैं, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के नेताओं ने बातचीत के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

opposition attacks on bjp
नॉर्थ एमसीडी के विज्ञापन विभाग

नॉर्थ एमसीडी की स्टैंडिंग चेयरमैन जोगीराम जैन ने कहा कि विज्ञापन विभाग के अंदर जो भ्रष्टाचार सामने आया है. उसके मद्देनजर निगम ने अपनी तरफ से कार्रवाई की है और फिलहाल अधिकारी को उसकी जिम्मेदारी से पूरी तरीके से रिलीव कर दिया गया है. साथ ही साथ इस पूरे मामले में निगम आगे की कार्रवाई कर रही है और दोषी पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जरूरत पड़ी तो अधिकारियों को 56j के तहत भी रिटायर किया जा सकता है.

हाल ही में कुछ समय पहले नॉर्थ एमसीडी में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए कई वरिष्ठ अधिकारियों को 56j के तहत ही रिटायर कर दिया था. इस बीच अब दोबारा निगम के अंदर विज्ञापन विभाग में विशेष तौर पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद सत्ता में शासन बीजेपी एक्शन मोड में नजर आ रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग ऐसे आधा दर्जन अधिकारियों की सूची बनाई गई है.जिन्हें निगम के 56 j तहत भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने के कारण रिटायर करने की तैयारी कर रही है. ऐसा फैसला नॉर्थ एमसीडी में सत्ता में शासित बीजेपी के द्वारा इसलिए लिया गया. क्योंकि यह चुनावी साल है और निगम में शासित बीजेपी अपनी धूमिल हो चुकी छवि को एक बार फिर जनता के सामने चमकाना चाहेगी. ताकि उसे अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम के प्रमुख चुनावो में वोट मिल सके.

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पूरा मामला नॉर्थ एमसीडी की बीते दिनों हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक के अंदर सामने आया था. जब पीतमपुरा की स्थानीय पार्षद अंजू जैन ने इस पूरे मामले को लेकर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा था कि दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री के बड़े-बड़े विज्ञापन के होल्डिंग पीतमपुरा में जगह-जगह लगे हुए हैं. वह भी निगम के उन यूनीपोल और क्लस्टर पर जिन की नीलामी अभी तक नहीं हुई है. निगम जो वर्तमान समय में आर्थिक तंगी से जूझ रही है. उसे इन होर्डिंग का किसी प्रकार से कोई राजस्व नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से निगम को बड़े स्तर पर आर्थिक नुकसान भी हुआ है. अंजू जैन ने यह भी बताया कि इन विज्ञापनों के बारे में विज्ञापन विभाग के अधिकारियों के पास भी मांगे जाने के बावजूद कोई जानकारी नहीं थी. जिसके बाद स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे.

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पूरे मामले के सामने आ जाने के बाद स्थाई समिति की बैठक में स्टेडिंग चेयरमैन के द्वारा उपायुक्त को आदेश दिए गए साथ ही इलाकों में लगी अवैध होर्डिंग ओर विज्ञापनों को तुरंत हटाने को कहा गया, जिसके पश्चात निगम के अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई की गई और एक अभियान चलाकर सभी होर्डिंग्स को हटाया गया. होर्डिंग के बारे में डिटेल सामने आने के बाद जो जानकारी इस पूरी कार्रवाई के साथ सामने आई है. उसके तहत सिविल लाइन रोहिणी और करोल बाग जोन के अंदर निगम की कई ऐसी यूनीपोल है. जिनकी अधिकारिक तौर पर नीलामी नहीं हुई. लेकिन वहां पर लोगों ने होर्डिंग से लगा रखे हैं. जिसके बाद अब निगम के संबंधित विभाग द्वारा पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की जा रही है.

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