नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज मामले में मौलाना साद के खिलाफ चल रही जांच को दिल्ली पुलिस से एनआईए को ट्रांसफर करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली याचिका पर आज फिर सुनवाई टाल दी है. हाईकोर्ट को ये सूचित किया गया कि सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसी ही एक याचिका लंबित है जिसमें हाईकोर्ट से जांच कराने की मांग की गई है. इस मामले पर अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी.
पुलिस ने याचिका का विरोध किया
पिछले 13 मई को जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता से जांच ट्रांसफर किये जाने से जुड़े कोर्ट के फैसलों की जानकारी मांगी थी. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने इस याचिका का विरोध किया था. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इस मामले की जांच सही दिशा में चल रही है.
केंद्र के दिशानिर्देश का उल्लंघन किया गया
यह याचिका मुंबई के एक वकील घनश्याम उपाध्याय ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हजारों लोगों को जुटाकर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश का उल्लंघन किया गया. केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए ये दिशा-निर्देश जारी किया था. याचिका में कहा गया है कि इस घटना के काफी दिन बीतने के बावजूद दिल्ली पुलिस मोहम्मद साद को गिरफ्तार नहीं कर सकी है.
एनआईए को जांच सौंपने की मांग
याचिका में मांग की गई है कि इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस से लेकर एनआईए को सौंपी जाए. इस जांच की निगरानी हाईकोर्ट करे. याचिका में कहा गया है कि मीडिया में इस बात की खबरें आ रही हैं कि मौलाना साद ने देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना का संक्रमण फैलाने के लिए साजिश रची. दिल्ली पुलिस ने 31 मार्च को सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की.
ईडी ने भी दर्ज किया है मामला
याचिका में कहा गया है कि मोहम्मद साद के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लाउंड्रिंग का मामला दर्ज किया है. मोहम्मद साद ने यूएपीए के कानून के तहत अपराध को अंजाम दिया है. उसके बावजूद भी पुलिस मोहम्मद साद को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है.