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अवैध कॉलोनियों के सभी मकानों पर सीवेज शुल्क लगाए दिल्ली सरकार-NGT

एनजीटी ने यमुना में अनट्रिटेड कचरा गिराने वाले अवैध कालोनियों के सभी मकानों पर सीवेज शुल्क लगाने का आदेश दिया है.

NGT has ordered Delhi government to take sewage charges on all houses of illegal colonies
दिल्ली के अवैध कालोनियों के सभी मकानों पर सीवेज शुल्क लगाए दिल्ली सरकार-NGT
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Published : Jul 9, 2020, 8:51 PM IST

नई दिल्ली: एनजीटी ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वो यमुना में अनट्रिटेड कचरा गिराने वाले अवैध कॉलोनियों के सभी मकानों पर सीवेज शुल्क लगाए. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश को लागू करते हुए इन मकानों से सीवेज शुल्क वसूला जाए.

एनजीटी ने दिल्ली सरकार को दिया आदेश
'सीवेज कनेक्शन नहीं लेने वालों से शुल्क वसूलें'


एनजीटी ने कहा कि दिल्ली की अवैध कालोनियों में रहने वाले करीब ढ़ाई लाख लोगों ने सीवेज का कनेक्शन नहीं लिया है जिसके कारण नदी में कचरा डाले जा रहे हैं. एनजीटी ने कहा कि 24 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जो भी खुले में या सीवरेज में कचरा डालता है वह उस शुल्क को देने के लिए बाध्य है.


'सीवेज में कचरा से समस्या बढ़ रही है'


एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में सीवेज में कचरा डालने और औद्योगिक प्रदूषण की वजह से प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है. एनजीटी ने कहा कि यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए इसमें गिरनेवाले कचरों को रोका जाए. यह तभी संभव है जब इसके लिए समग्र ड्रेन मैनेजमेंट सेल का गठन किया जाए और ये कचरों को यमुना में गिरने से रोकने में प्रभावी कदम उठाए. एनजीटी ने कहा कि प्रदूषण करने वाले उद्योगों को रोकना जरूरी है. नए उद्योगों को बिना सुरक्षा के खोलने की अनुमति नहीं दी जाए.


'यमुना के मैदानी भागों की सुरक्षा करनी होगी'


एनजीटी ने कहा कि यमुना के मैदानी भागों की सुरक्षा करनी होगी और इसके लिए डीडीए को कदम उठाने होंगे. एनजीटी ने कहा कि यमुना के मैदानी इलाकों में व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण हो चुका है. हालात ऐसे हैं कि पर्याप्त वेटलैंड की स्थापना करना एक स्वप्न हो चुका है. एनजीटी इस मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी 2021 को करेगा.

नई दिल्ली: एनजीटी ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया है कि वो यमुना में अनट्रिटेड कचरा गिराने वाले अवैध कॉलोनियों के सभी मकानों पर सीवेज शुल्क लगाए. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पहले के आदेश को लागू करते हुए इन मकानों से सीवेज शुल्क वसूला जाए.

एनजीटी ने दिल्ली सरकार को दिया आदेश
'सीवेज कनेक्शन नहीं लेने वालों से शुल्क वसूलें'


एनजीटी ने कहा कि दिल्ली की अवैध कालोनियों में रहने वाले करीब ढ़ाई लाख लोगों ने सीवेज का कनेक्शन नहीं लिया है जिसके कारण नदी में कचरा डाले जा रहे हैं. एनजीटी ने कहा कि 24 अक्टूबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि जो भी खुले में या सीवरेज में कचरा डालता है वह उस शुल्क को देने के लिए बाध्य है.


'सीवेज में कचरा से समस्या बढ़ रही है'


एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में सीवेज में कचरा डालने और औद्योगिक प्रदूषण की वजह से प्रदूषण की समस्या बढ़ती जा रही है. एनजीटी ने कहा कि यमुना को पुनर्जीवित करने के लिए इसमें गिरनेवाले कचरों को रोका जाए. यह तभी संभव है जब इसके लिए समग्र ड्रेन मैनेजमेंट सेल का गठन किया जाए और ये कचरों को यमुना में गिरने से रोकने में प्रभावी कदम उठाए. एनजीटी ने कहा कि प्रदूषण करने वाले उद्योगों को रोकना जरूरी है. नए उद्योगों को बिना सुरक्षा के खोलने की अनुमति नहीं दी जाए.


'यमुना के मैदानी भागों की सुरक्षा करनी होगी'


एनजीटी ने कहा कि यमुना के मैदानी भागों की सुरक्षा करनी होगी और इसके लिए डीडीए को कदम उठाने होंगे. एनजीटी ने कहा कि यमुना के मैदानी इलाकों में व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण हो चुका है. हालात ऐसे हैं कि पर्याप्त वेटलैंड की स्थापना करना एक स्वप्न हो चुका है. एनजीटी इस मामले में अगली सुनवाई 27 जनवरी 2021 को करेगा.

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