नई दिल्लीः नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) (NGT) ने एनसीआर (NCR) में मानसून के दौरान कोयले से चलने वाले ईंट-भट्ठों (coal fired NCR brick kilns ) के संचालन को मंजूरी देने से इनकार कर ( Denial permission run ) दिया है. एनजीटी के चेयरपर्सन आदर्श कुमार गोयल (NGT Chairperson Adarsh Kumar Goel) की अध्यक्षता वाली बेंच ने मानसून में एनसीआर में कोयले से चलने वाले ईंट-भट्ठों के संचालन पर रोक लगाने के आदेश के खिलाफ दायर रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए ये आदेश दिया.
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दोबारा दलीलें रखने की इजाजत नहीं
एनजीटी (NGT) ने कहा कि रिव्यू पिटीशन की आड़ में किसी को दोबारा दलीलें रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. एनजीटी (NGT) ने कहा कि उसने इस मामले पर हर पहलू पर विचार कर आदेश दिया था. ऐसे में इसकी समीक्षा का कोई मतलब नहीं है. रिव्यू पिटीशन कुछ ईंट-भट्ठा मालिकों ने दायर किया था.
खराब प्रदूषण की वजह से ईंट-भट्ठों को चलाने की अनुमति नहीं
सुनवाई के दौरान ईंट-भट्ठा मालिकों ने कहा था कि मानसून के दौरान कोयले से चलने वाले ईंट-भट्ठों को चलाने की अनुमति दी जा सकती है. उनके ईंट-भट्ठों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central pollution control board) की अनुशंसा पर प्रदूषण को कम करने के लिए zig-zag (टेढ़े) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. बता दें कि पिछले फरवरी में एनजीटी ने आदेश किया था कि एनसीआर में कोयले से चल रहे zig-zag तकनीक से चलने वाल ईंट भट्टों को भी इसलिए चलाने की अनुमति नहीं दी थी कि प्रदूषण की स्थिति काफी खराब होती है.
पीएनजी से चलने वाले ईंट-भट्ठों को ही अनुमति
एनजीटी ने कहा था कि जब तक ईंट-भट्ठे पीएनजी से नहीं शुरु होते, तब तक उन्हें चलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. एनजीटी ने आदेश में कहा था कि ईंट-भट्ठों के बीच की दूसरी कम से कम पांच सौ मीटर होनी चाहिए. इसके अलावा ईंट-भट्ठों को एक साथ जलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इससे पर्यावरण पर काफी बुरा असर होता है.