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FIR को लेकर HC के नए निर्देश, कठिन शब्दों के इस्तेमाल से बचे पुलिस

एफआईआर को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने नए निर्देश जारी किए हैं. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को FIR में कठिन शब्दों के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी है. साथ ही आम-बोलचाल की भाषा इस्तेमाल करने की सलाह दी है.

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Published : Dec 12, 2019, 9:32 AM IST

New directive of Delhi High Court regarding FIR, police avoided using difficult words
'FIR में कठिन शब्दों के इस्तेमाल से बचे दिल्ली पुलिस'

नई दिल्ली: FIR में लिखे कठिन शब्दों पर अब दिल्ली हाईकोर्ट ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. बकायदा सर्कुलर जारी कर हाईकोर्ट ने 383 शब्दों के मतलब दिल्ली पुलिस को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं.


'आम बोलचाल की भाषा का करें इस्तेमाल'
वकील विशालाक्षी गोयल की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि FIR में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाए जो आम लोगों को समझ न आए. 383 ऐसे शब्दों का मतलब दिल्ली पुलिस अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें.


383 शब्दों की दी गई थी सूची
दरअसल वकील विशालाक्षी गोयल ने याचिका दायर कर ये मांग की थी कि FIR में ऊर्दू और फारसी शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए. इसके लिए मोसूल, जिमनी, आदम पर, नज्द और मुस्तभा समेत कुल 383 शब्दों की सूची भी गोयल ने हाईकोर्ट में सौंपी थी. जिसके बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऊर्दू और फारसी के उन शब्दों का इस्तेमाल किया जाए जो आम बोलचाल की भाषा में आते हैं.

नई दिल्ली: FIR में लिखे कठिन शब्दों पर अब दिल्ली हाईकोर्ट ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. बकायदा सर्कुलर जारी कर हाईकोर्ट ने 383 शब्दों के मतलब दिल्ली पुलिस को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं.


'आम बोलचाल की भाषा का करें इस्तेमाल'
वकील विशालाक्षी गोयल की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि FIR में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाए जो आम लोगों को समझ न आए. 383 ऐसे शब्दों का मतलब दिल्ली पुलिस अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें.


383 शब्दों की दी गई थी सूची
दरअसल वकील विशालाक्षी गोयल ने याचिका दायर कर ये मांग की थी कि FIR में ऊर्दू और फारसी शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए. इसके लिए मोसूल, जिमनी, आदम पर, नज्द और मुस्तभा समेत कुल 383 शब्दों की सूची भी गोयल ने हाईकोर्ट में सौंपी थी. जिसके बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऊर्दू और फारसी के उन शब्दों का इस्तेमाल किया जाए जो आम बोलचाल की भाषा में आते हैं.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वो एफआईआर दर्ज करने में ऊर्दु और फारसी के कठिन शब्दों के इस्तेमाल से बचें। हालांकि चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऊर्दु और फारसी के उन शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है जो आम बोलचाल में आते हैं।




Body:दरअसल वकील विशालाक्षी गोयल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एफआईआर में ऊर्दु और फारसी के शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है। याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले 25 नवंबर को हाईकोर्ट को 383 शब्दों की सूची दी गई थी जिनका इस्तेमाल किया जाता है। 




Conclusion:सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उसने सर्कुलर जारी कर निर्देश दिया है कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल एफआईआर दर्ज करते समय नहीं किया जाए। इनमें कुछ शब्द है जैसे मोसूल, जिमनी, आदम पर, नज्द, मुस्तभा इत्यादि हैं जिन्हें आम लोग नही समझ पाते हैं। हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि वो इन 383 शब्दों के मतलब अपने वेबसाइट पर अपलोड करें।

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