नई दिल्ली: FIR में लिखे कठिन शब्दों पर अब दिल्ली हाईकोर्ट ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. बकायदा सर्कुलर जारी कर हाईकोर्ट ने 383 शब्दों के मतलब दिल्ली पुलिस को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं.
'आम बोलचाल की भाषा का करें इस्तेमाल'
वकील विशालाक्षी गोयल की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि FIR में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाए जो आम लोगों को समझ न आए. 383 ऐसे शब्दों का मतलब दिल्ली पुलिस अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें.
383 शब्दों की दी गई थी सूची
दरअसल वकील विशालाक्षी गोयल ने याचिका दायर कर ये मांग की थी कि FIR में ऊर्दू और फारसी शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाई जाए. इसके लिए मोसूल, जिमनी, आदम पर, नज्द और मुस्तभा समेत कुल 383 शब्दों की सूची भी गोयल ने हाईकोर्ट में सौंपी थी. जिसके बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि ऊर्दू और फारसी के उन शब्दों का इस्तेमाल किया जाए जो आम बोलचाल की भाषा में आते हैं.