नई दिल्ली: राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि मोदी सरकार देश मे बढ़ती महंगाई और मॉब लिंचिंग जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए इस तरह का बिल लेकर आई है.
मुस्लिम बुद्धिजीवियों का कहना है कि इस मामले पर सरकार की मंशा देखकर हैरानी होती है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर बिल लाने से पहले सरकार ने संबंधित पक्ष के जिम्मेदार लोगों से बात तक करना गवारा नहीं समझा. सरकार ने बेहद जल्दबाजी में यह बिल संसद में पेश करके पास करा लिया.
मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि इस बिल के पास होने से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की नाकामी ही सामने आती है. इसके लिए पूरी तरह से बोर्ड ही जिम्मेदार है.
गौरतलब है कि केंद सरकार एक बार फिर से तीन तलाक का बिल सदन में लेकर आई, लोकसभा में यह बिल बेहद अच्छे मतों से पास हो गया और फिर इसी मानसून सत्र में तीन तलाक बिल राज्यसभा में लाया गया और वहां भी पास हो गया.
'केंद्र सरकार को अन्य मुद्दों पर देना चाहिए ध्यान'
केंद्र सरकार इस बिल को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि मोदी सरकार देश मे बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को नजरअंदाज कर रही है. इसके साथ ही सरकार देश के अमन अमान को पलीता लगाने का काम कर रही हैं.
देश से आपसी भाईचारा समाप्त होता जा रहा है और सरकार है, जिसे चंद कथित मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक पर कानून बनाने की जरूरत पड़ गई वह भी शरीयत में दखलंदाजी करके.
लोगों का मानना है कि यह एक अच्छा संदेश नहीं है, सरकार को सिर्फ कुछ महिलाओं के लिए इस तरह का कानून बनाने के बजाए मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए काम करना चाहिए.
आज देश में जिस तरह से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी है, वह सरकार के साथ-साथ देश के लिए भी खतरनाक है.