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असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश, तीन तलाक बिल पर बोले मुस्लिम बुद्धिजीवी

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Published : Jul 31, 2019, 12:48 PM IST

मुस्लिम बुद्धिजीवियों का कहना है कि देश से आपसी भाईचारा समाप्त होता जा रहा है और सरकार है, जिसे चंद कथित मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक पर कानून बनाने की जरूरत पड़ गई वह भी शरीयत में दखलंदाजी करके.

तीन तलाक बिल पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने दी प्रतिक्रिया etv bharat

नई दिल्ली: राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि मोदी सरकार देश मे बढ़ती महंगाई और मॉब लिंचिंग जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए इस तरह का बिल लेकर आई है.

तीन तलाक बिल पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने दी प्रतिक्रिया

मुस्लिम बुद्धिजीवियों का कहना है कि इस मामले पर सरकार की मंशा देखकर हैरानी होती है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर बिल लाने से पहले सरकार ने संबंधित पक्ष के जिम्मेदार लोगों से बात तक करना गवारा नहीं समझा. सरकार ने बेहद जल्दबाजी में यह बिल संसद में पेश करके पास करा लिया.

मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि इस बिल के पास होने से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की नाकामी ही सामने आती है. इसके लिए पूरी तरह से बोर्ड ही जिम्मेदार है.

गौरतलब है कि केंद सरकार एक बार फिर से तीन तलाक का बिल सदन में लेकर आई, लोकसभा में यह बिल बेहद अच्छे मतों से पास हो गया और फिर इसी मानसून सत्र में तीन तलाक बिल राज्यसभा में लाया गया और वहां भी पास हो गया.

'केंद्र सरकार को अन्य मुद्दों पर देना चाहिए ध्यान'

केंद्र सरकार इस बिल को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि मोदी सरकार देश मे बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को नजरअंदाज कर रही है. इसके साथ ही सरकार देश के अमन अमान को पलीता लगाने का काम कर रही हैं.

देश से आपसी भाईचारा समाप्त होता जा रहा है और सरकार है, जिसे चंद कथित मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक पर कानून बनाने की जरूरत पड़ गई वह भी शरीयत में दखलंदाजी करके.

लोगों का मानना है कि यह एक अच्छा संदेश नहीं है, सरकार को सिर्फ कुछ महिलाओं के लिए इस तरह का कानून बनाने के बजाए मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए काम करना चाहिए.

आज देश में जिस तरह से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी है, वह सरकार के साथ-साथ देश के लिए भी खतरनाक है.

नई दिल्ली: राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उनका कहना है कि मोदी सरकार देश मे बढ़ती महंगाई और मॉब लिंचिंग जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए इस तरह का बिल लेकर आई है.

तीन तलाक बिल पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने दी प्रतिक्रिया

मुस्लिम बुद्धिजीवियों का कहना है कि इस मामले पर सरकार की मंशा देखकर हैरानी होती है. उन्होंने कहा कि तीन तलाक पर बिल लाने से पहले सरकार ने संबंधित पक्ष के जिम्मेदार लोगों से बात तक करना गवारा नहीं समझा. सरकार ने बेहद जल्दबाजी में यह बिल संसद में पेश करके पास करा लिया.

मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि इस बिल के पास होने से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की नाकामी ही सामने आती है. इसके लिए पूरी तरह से बोर्ड ही जिम्मेदार है.

गौरतलब है कि केंद सरकार एक बार फिर से तीन तलाक का बिल सदन में लेकर आई, लोकसभा में यह बिल बेहद अच्छे मतों से पास हो गया और फिर इसी मानसून सत्र में तीन तलाक बिल राज्यसभा में लाया गया और वहां भी पास हो गया.

'केंद्र सरकार को अन्य मुद्दों पर देना चाहिए ध्यान'

केंद्र सरकार इस बिल को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है तो वहीं मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि मोदी सरकार देश मे बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को नजरअंदाज कर रही है. इसके साथ ही सरकार देश के अमन अमान को पलीता लगाने का काम कर रही हैं.

देश से आपसी भाईचारा समाप्त होता जा रहा है और सरकार है, जिसे चंद कथित मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक पर कानून बनाने की जरूरत पड़ गई वह भी शरीयत में दखलंदाजी करके.

लोगों का मानना है कि यह एक अच्छा संदेश नहीं है, सरकार को सिर्फ कुछ महिलाओं के लिए इस तरह का कानून बनाने के बजाए मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए काम करना चाहिए.

आज देश में जिस तरह से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी है, वह सरकार के साथ-साथ देश के लिए भी खतरनाक है.

Intro:राज्यसभा में तीन तलाक बिल ओरित होने पर मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए साफ कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश मे बढ़ती महंगाई और मॉब लिंचिंग जैसे ज्वलंत मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए इस तरह का बिल लेकर आई है, हैरत होती है इस मामले पर सरकार की मंशा देखकर, दरअसल तीन तलाक पर बिल लाने से पहले सरकार ने संबंधित पक्ष के जिम्मेदार लोगों से बात तक करना गवारा नहीं समझा और बेहद जल्दबाजी में यह बिल संसद में पेश करके पास करा लिया गया. मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि इस बिल के पास होने से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की नाकामी ही सामने आती है, दरअसल इसके लिए पूरी तरह से बोर्ड ही जिम्मेदार है.


Body:गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने पिछली सरकार में भी तीन तलाक का बिल लोकसभा में पेश करते हुए पास करा लिया था, लेकिन राज्यसभा के बिल को वापस कर दिया गया, संसद भंग हो गई और लोकसभा चुनाव हुए फिर से मोदी सरकार केंद्र की सत्ता पर काबिज हो गई. केंद सरकार एक बार फिर से तीन तलाक का बिल सदन में लेकर आई, लोकसभा में यह बिल बेहद अच्छे मतों से पास हो गया और फिर इसी मानसून सत्र में तीन तलाक बिल राज्यसभा में लाया गया और यह बिल वोटिंग कराये जाने के बाद बिल को पारित कर दिया गया.
जिस ढंग से तीन तलाक का बिल केंद्र सरकार की तरफ से बनाकर पास कराया गया उससे लगता है कि सरकार बहुत जल्दबाजी में इस बिल को लेकर आई है. भले ही केंद्र सरकार इस बिल को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, वहीं मुस्लिम बुद्धिजीवियों का मानना है कि केंद्र की मोदी सरकार देश मे बढ़ रही बेरोजगारी, महंगाई और मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं देश के अमन अमान को पलीता लगाने का काम कर रही हैं. देश से आपसी भाईचारा समाप्त होता जा रहा है और सरकार है जिसे चंद कथित मुस्लिम महिलाओं के लिए तीन तलाक पर कानून बनाने की जरूरत पड़ गई वह भी शरीयत में दखलंदाजी करके. लोगों का मानना है कि यह एक अच्छा संदेश नहीं है, सरकार को सिर्फ कुछ महिलाओं के लिए इस तरह का कानून बनाने के बजाए
मुस्लिम महिलाओं के उत्थान के लिए के काम करना चाहिए. आज देश में जिस तरह से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी है वह सरकार के साथ साथ देश के लिए भी खतरनाक हैं.



Conclusion:बाईट 1
डॉ.जफरुल इस्लाम खान
अध्यक्ष, माइनॉरिटी कमीशन, दिल्ली

बाईट 2
मौलाना आबिद कासमी
अध्यक्ष, जमीअत उलेमा ए हिन्द, दिल्ली

बाईट 3
डॉ.फहीम बेग
मुस्लिम समाजसेवी

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