नई दिल्ली: बीते एक साल में दिल्ली की सड़कों पर झपटमारी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. खास बात यह है कि झपटमारी करने वाले 90 फीसदी से ज्यादा बदमाश युवा या नाबालिग हैं. यह न केवल तेज रफ्तार दोपहिए से बल्कि पैदल भी झपटमारी कर रहे हैं. ऐसे अपराध के खिलाफ सख्त कानून नहीं होना भी इसे युवा अपराधियों की पहली पसंद बना रहा है. अधिकांश आरोपी झपटमारी की वारदात मौज-मस्ती करने या नशे का खर्च निकालने के लिए ही करते हैं.
पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि मार्च 2020 में लगे लॉकडाउन के बाद से स्ट्रीट क्राइम में इजाफा हुआ है. खासतौर से झपटमारी की वारदातें अचानक बढ़ गई हैं. यह भी देखने को मिला है कि जो अधिकांश आरोपी पकड़े जा रहे हैं, वह युवा या नाबालिग हैं. बड़ी संख्या में पकड़े गए झपटमार पहली बार वारदात करते हुए पकड़े गए. इसके कारण आर्थिक एवं सामाजिक है. आज बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हैं. ऐसे में अगर युवा अपराध की तरफ जाता है तो उसके लिए सबसे आसान झपटमारी का अपराध है. इसमें मिली कामयाबी के बाद लूट एवं डकैती की तरफ चला जाता है. जेल में जाकर वह बड़े अपराधियों से मिलता है और पूरी तरह से अपराध की तरफ चला जाता है.
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रवि दराल ने बताया कि झपटमारी के आरोपी की जल्दी जमानत भी हो जाती है क्योंकि उसका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होता. उन्होंने बताया कि पुलिस का रिकॉर्ड भी कहता है की झपटमारी की तरफ ऐसे युवा अग्रसर हैं जिनका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होता. ऐसी वारदातों को रोकने के लिए सरकार को सख्त कानून बनाना चाहिए ताकि आरोपियों के खिलाफ सख्त एक्शन हो और वह लंबे समय तक जेल में रहें. इससे युवाओं में संदेश जाएगा और वह झपटमारी नहीं करेंगे.
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युवाओं को अपराध से दूर रखने के लिए जेजे क्लस्टर इलाके में दिल्ली पुलिस युवा कार्यक्रम का आयोजन करती है. ऐसा देखने मे आता है कि यहां से ही नए बच्चे अपराध की तरफ कदम बढ़ाते हैं. इसलिए पुलिस ऐसी जगहों के युवाओं को अलग-अलग तरह का टेक्निकल कोर्स करवाती है. तीन से छह माह का कोर्स करवाने के बाद पुलिस अलग-अलग कंपनियों में इनकी नौकरी भी लगवाती है. पुलिस का मानना है कि इन युवाओं को अगर समय रहते सही दिशा दी जाए तो वह अपराध की तरफ नहीं जाएंगे.
युवाओं के झपटमारी का प्रमुख कारण
- झपटमारी के लिए फुर्ती चाहिए जो अधिक उम्र के शख्स से संभव नहीं होगा
- अपराध की दुनिया में जाने के लिए झपटमारी पहली सीढ़ी मानी जाती है
- झपटमारी से चंद मिनटों में हजारों रुपये मिल जाते हैं
- झपटमारी में पकड़े जाने पर भी सख्त सजा का प्रावधान नहीं है
- गिरफ्तार होने पर कुछ ही दिनों में जमानत मिल जाती है
- मौज-मस्ती एवं नशा करने के लिए युवाओं को झपटमारी के जरिये रुपये कमाना आसान लगता है
साल दर साल झपटमारी के आंकड़े
वर्ष | झपटमारी |
2019 | 6266 |
2020 | 7965 |
2020 | 2612 (15 जून तक) |
2021 | 3829 (15 जून तक) |