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प्याज के जमाखोरों के साथ है केजरीवाल सरकार: बीजेपी

विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. भाजपा विधायक ओपी शर्मा और दिल्ली के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि वे जमाखोरों के साथ हैं.

विजेंद्र गुप्ता ने प्याज की कीमतों को लेकर केजरीवाल सरकार पर बोला हमला
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Published : Oct 20, 2019, 10:16 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी जिस तरह दिल्ली में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. आज भी 60 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदने को दिल्ली के लोग मजबूर हैं. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसे लेकर केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

विजेंद्र गुप्ता ने प्याज की कीमतों को लेकर केजरीवाल सरकार पर बोला हमला

उनका आरोप है कि केंद्र सरकार के पर्याप्त मात्रा में सस्ती दरों पर प्याज उपलब्ध कराने के बाद भी केजरीवाल सरकार प्याज खरीदने की इच्छुक नहीं है. केंद्र सरकार की एजेंसी नेफेड ने दिल्ली सरकार के आदेश पर प्याज मंगवाया था. उस प्याज को लेने में दिल्ली सरकार ने रुचि नहीं दिखाई और नुकसान दिल्ली की जनता को उठाना पड़ रहा है.


प्याज नहीं पहुंची आज तक
विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार की सरकारी एजेंसियों के पास उचित मात्रा में प्याज के स्टॉक हैं. 27 सितंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान कर दिया कि दिल्ली सरकार भी 23.90 रुपये की दर पर दिल्ली की जनता को प्याज बेचेगी.

इसके लिए उन्होंने पहले राशन की दुकान है और फिर मोबाइल वैन के जरिए दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्याज बिक्री करने की बात कही. लेकिन आज तक ना तो राशन की दुकान पर प्याज उपलब्ध हो पाई और ना ही मोबाइल वैन ही कहीं घूम रही है.

भाजपा का केजरीवाल सरकार का हमला
उधर, भाजपा विधायक ओपी शर्मा और दिल्ली के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि वे जमाखोरों के साथ हैं. उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए केजरीवाल सस्ती दरों पर प्याज नहीं बेच रही है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन भी करेंगे और उपराज्यपाल से मिलकर शिकायत भी करेंगे.


नेफेड से नहीं मिल रही मांग ठीक मात्रा में प्याज
बता दें कि केजरीवाल सरकार अपनी ओर से सतर्क होकर हर वह कोशिश करने का दावा कर रही है कि प्याज की बढ़ी कीमत से लोगों की आंखों में आंसू ना आए. लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है.

पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23.90 रुपये प्रति किलो की दर से दिल्ली के 400 राशन की दुकानों और 70 विधानसभाओं में मोबाइल वैन के जरिए प्याज बेचने का ऐलान किया था.

पिछले दिनों कुछ मोबाइल गाड़ियों को सचिवालय से मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया, लेकिन अब न राशन की दुकान और न ही मोबाइल वैन के जरिए लोगों को प्याज मिल रही है. इस बाबत पूछे जाने पर पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत सरकार की संस्था नेफेड से मांग के अनुरूप प्याज नहीं मिल रही.

ईटीवी भारत ने जानी जमीनी हकीकत
तभी ईटीवी भारत में मुख्यमंत्री के इस बयान की सच्चाई जानने के लिए नेफेड से संपर्क किया तो आला अधिकारी ने दिल्ली सरकार को भेजे गए मेल और पत्र को सार्वजनिक कर यह बताया कि प्याज की आपूर्ति में नेफेड की तरफ से कोई भी ढिलाई नहीं बरती गई.

दिल्ली सरकार की तरफ से 4 अक्टूबर को मेल भेजा गया कि उनके पास प्याज पर्याप्त होने का जिक्र करते हुए. तीन-चार दिनों तक उन्हें प्याज की आपूर्ति नहीं चाहिए. ऐसा निवेदन किया.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी जिस तरह दिल्ली में प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं. आज भी 60 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदने को दिल्ली के लोग मजबूर हैं. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसे लेकर केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.

विजेंद्र गुप्ता ने प्याज की कीमतों को लेकर केजरीवाल सरकार पर बोला हमला

उनका आरोप है कि केंद्र सरकार के पर्याप्त मात्रा में सस्ती दरों पर प्याज उपलब्ध कराने के बाद भी केजरीवाल सरकार प्याज खरीदने की इच्छुक नहीं है. केंद्र सरकार की एजेंसी नेफेड ने दिल्ली सरकार के आदेश पर प्याज मंगवाया था. उस प्याज को लेने में दिल्ली सरकार ने रुचि नहीं दिखाई और नुकसान दिल्ली की जनता को उठाना पड़ रहा है.


प्याज नहीं पहुंची आज तक
विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार की सरकारी एजेंसियों के पास उचित मात्रा में प्याज के स्टॉक हैं. 27 सितंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान कर दिया कि दिल्ली सरकार भी 23.90 रुपये की दर पर दिल्ली की जनता को प्याज बेचेगी.

इसके लिए उन्होंने पहले राशन की दुकान है और फिर मोबाइल वैन के जरिए दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्याज बिक्री करने की बात कही. लेकिन आज तक ना तो राशन की दुकान पर प्याज उपलब्ध हो पाई और ना ही मोबाइल वैन ही कहीं घूम रही है.

भाजपा का केजरीवाल सरकार का हमला
उधर, भाजपा विधायक ओपी शर्मा और दिल्ली के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि वे जमाखोरों के साथ हैं. उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए केजरीवाल सस्ती दरों पर प्याज नहीं बेच रही है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन भी करेंगे और उपराज्यपाल से मिलकर शिकायत भी करेंगे.


नेफेड से नहीं मिल रही मांग ठीक मात्रा में प्याज
बता दें कि केजरीवाल सरकार अपनी ओर से सतर्क होकर हर वह कोशिश करने का दावा कर रही है कि प्याज की बढ़ी कीमत से लोगों की आंखों में आंसू ना आए. लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है.

पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23.90 रुपये प्रति किलो की दर से दिल्ली के 400 राशन की दुकानों और 70 विधानसभाओं में मोबाइल वैन के जरिए प्याज बेचने का ऐलान किया था.

पिछले दिनों कुछ मोबाइल गाड़ियों को सचिवालय से मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया, लेकिन अब न राशन की दुकान और न ही मोबाइल वैन के जरिए लोगों को प्याज मिल रही है. इस बाबत पूछे जाने पर पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत सरकार की संस्था नेफेड से मांग के अनुरूप प्याज नहीं मिल रही.

ईटीवी भारत ने जानी जमीनी हकीकत
तभी ईटीवी भारत में मुख्यमंत्री के इस बयान की सच्चाई जानने के लिए नेफेड से संपर्क किया तो आला अधिकारी ने दिल्ली सरकार को भेजे गए मेल और पत्र को सार्वजनिक कर यह बताया कि प्याज की आपूर्ति में नेफेड की तरफ से कोई भी ढिलाई नहीं बरती गई.

दिल्ली सरकार की तरफ से 4 अक्टूबर को मेल भेजा गया कि उनके पास प्याज पर्याप्त होने का जिक्र करते हुए. तीन-चार दिनों तक उन्हें प्याज की आपूर्ति नहीं चाहिए. ऐसा निवेदन किया.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी जिस तरह दिल्ली में प्याज की कीमतें आसमान छू रही है, आज भी 60 से 80 रुपये प्रति किलो की दर से प्याज खरीदने को दिल्ली के लोग मजबूर हैं. विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसे लेकर केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.




Body:उनका आरोप है कि केंद्र सरकार द्वारा पर्याप्त मात्रा में सस्ती दरों पर प्याज उपलब्ध कराने के बाद भी केजरीवाल सरकार प्याज खरीदने को इच्छुक अभी तक नहीं रही है. केंद्र सरकार की एजेंसी नफेड ने दिल्ली सरकार के आदेश पर प्याज मंगवाया था, उस प्याज को लेने में दिल्ली सरकार ने रुचि नहीं दिखाई और नुकसान दिल्ली की जनता को उठाना पड़ रहा है.

विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार कि सरकारी एजेंसियों के पास उचित मात्रा में प्याज के स्टॉक हैं. 27 सितंबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान कर दिया कि दिल्ली सरकार भी 23.90 रुपये की दर पर दिल्ली की जनता को प्याज बेचेगी. इसके लिए उन्होंने पहले राशन की दुकान है और फिर मोबाइल वैन के जरिए दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्याज बिक्री करने की बात कही. लेकिन आज तक ना तो राशन की दुकान पर प्याज उपलब्ध हो पाएगी और ना ही मोबाइल वैन ही कहीं घूम रही है.

उधर, भाजपा विधायक ओपी शर्मा तथा दिल्ली के पूर्व विधायक कपिल मिश्रा ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि वे जमाखोरों के साथ है और उन्हें फायदा पहुंचाने के लिए केजरीवाल सस्ते दरों पर प्याज नहीं बेच रही है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन भी करेंगे और उपराज्यपाल से मिलकर शिकायत भी करेंगे.





Conclusion:बता दें कि केजरीवाल सरकार अपनी ओर से सतर्क होकर हर वह कोशिश करने का दावा कर रही है कि प्याज की बढ़ी कीमत से लोगों की आंखों में आंसू ना आए. लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है.
पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23.90 रुपये प्रति किलो की दर से दिल्ली के 400 राशन की दुकानों तथा 70 विधानसभाओं में मोबाइल वैन के जरिए प्याज बेचने का ऐलान किया था. पिछले दिनों कुछ मोबाइल गाड़ियों को सचिवालय से मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया, लेकिन अब न राशन की दुकान और न ही मोबाइल वैन के जरिए लोगों को प्याज मिल रही है. इस बाबत पूछे जाने पर पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत सरकार की संस्था नेफेड से मांग के अनुरूप प्याज नहीं मिल रही.

लेकिन तभी ईटीवी भारत में जब मुख्यमंत्री के इस बयान की सच्चाई जानने के लिए नेफेड से संपर्क किया तो आला अधिकारी ने दिल्ली सरकार द्वारा भेजे गए मेल व पत्र को सार्वजनिक कर यह बताया कि प्याज की आपूर्ति में नेफेड की तरफ से कोई भी ढिलाई नहीं बरती गई. दिल्ली सरकार की तरफ से 4 अक्टूबर को मेल भेजा गया कि उनके पास प्याज पर्याप्त होने का ज़िक्र करते हुए तीन-चार दिनों तक उन्हें प्याज की आपूर्ति नहीं चाहिए, ऐसा निवेदन किया.


समाप्त, आशुतोष झा
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