नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2015 में ऑटोरिक्शा चालक को पैसे के विवाद में जलाकर मारने वाले को उम्र कैद की सजा सुनाई है. एडिशनल सेशंस जज रविंद्र बेदी ने आरोपी पर सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
कोर्ट ने पीड़ित ऑटोरिक्शा चालक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा भी देने का आदेश दिया. ऑटोरिक्शा चालक विजय अरोड़ा ने दोषी रोहित कुमार से 70 हजार रुपये का कर्ज लिया था. 3 अगस्त 2015 को रोहित विजय अरोड़ा के नंदनगरी स्थित कमरे पर देर रात पहुंचा. वहां उसने विजय अरोड़ा को सोते हुए देखा. उसके बाद रोहित ने विजय के शरीर पर केरोसीन तेल उड़ेलकर आग लगा दी.
जब विजय की जलकर मौत हो गई तो रोहित ने उसके कमरे को बंद कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे पता चले कि दोषी ने गुस्से में पीड़ित को जलाया. पीड़ित ने अपने मरणोन्मुख बयान में कहा कि दोषी अपने पैसों के लिए पिछले दो-तीन दिनों से झगड़ा कर रहा था. इससे ये साबित होता है कि दोषी पीड़ित को मारने की नीयत से उसके घर पहुंचा था. सुनवाई के दौरान दोषी ने अपने आपको निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. दोषी ने कहा कि विजय उसका काफी अच्छा दोस्त था और यह केस सोच समझकर उसे फंसाने के लिए किया गया है.
ऑटोरिक्शा चालक को जलाकर मारने के दोषी को उम्रकैद - murder of auto rickshaw puller
ऑटो रिक्शावाले को जलाकर मारने वाले को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई. साल 2015 में पैसे के विवाद में ऑटो रिक्शेवाले की जलाकर हत्या कर दी गई थी.
नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2015 में ऑटोरिक्शा चालक को पैसे के विवाद में जलाकर मारने वाले को उम्र कैद की सजा सुनाई है. एडिशनल सेशंस जज रविंद्र बेदी ने आरोपी पर सात हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
कोर्ट ने पीड़ित ऑटोरिक्शा चालक के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा भी देने का आदेश दिया. ऑटोरिक्शा चालक विजय अरोड़ा ने दोषी रोहित कुमार से 70 हजार रुपये का कर्ज लिया था. 3 अगस्त 2015 को रोहित विजय अरोड़ा के नंदनगरी स्थित कमरे पर देर रात पहुंचा. वहां उसने विजय अरोड़ा को सोते हुए देखा. उसके बाद रोहित ने विजय के शरीर पर केरोसीन तेल उड़ेलकर आग लगा दी.
जब विजय की जलकर मौत हो गई तो रोहित ने उसके कमरे को बंद कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे पता चले कि दोषी ने गुस्से में पीड़ित को जलाया. पीड़ित ने अपने मरणोन्मुख बयान में कहा कि दोषी अपने पैसों के लिए पिछले दो-तीन दिनों से झगड़ा कर रहा था. इससे ये साबित होता है कि दोषी पीड़ित को मारने की नीयत से उसके घर पहुंचा था. सुनवाई के दौरान दोषी ने अपने आपको निर्दोष बताते हुए कहा कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. दोषी ने कहा कि विजय उसका काफी अच्छा दोस्त था और यह केस सोच समझकर उसे फंसाने के लिए किया गया है.