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अपने अपहरण का नाटक रच पिता से मांगी फिरौती, हुआ चौंकाने वाला खुलासा - पैसों के लिए अपने अपहरण का नाटक

राजधानी दिल्ली में एक दिलचस्प मामला सामने आया है. यहां एक युवक को ऑनलाइन ट्रेडिंग करने का ऐसा चस्का लगा कि उसने अपने अपहरण का नाटक रच डाला. जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरे नाटक का पर्दाफाश हो गया.

own abduction to extort
अपने अपहरण का नाटक का पर्दाफास
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Published : Sep 30, 2021, 9:19 PM IST

नई दिल्ली : वेबसाइट पर रुपयों की ऑनलाइन ट्रेडिंग करने का चस्का एक युवक को इस कदर चढ़ा कि वह लाखों रुपये गंवा बैठा. उसके ऊपर काफी कर्ज हो गया. वह जब कर्ज नहीं लौटा सका तो उसने अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली. अपहरण का झूठा नाटक रच उसने अपने पिता से रकम मांगी. लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरे नाटक का पर्दाफाश हो गया.


डीसीपी श्वेता चौहान के अनुसार, बीते 27 सितंबर की शाम बिजनौर निवासी तेजपाल सिंह देश बंधु गुप्ता रोड थाने में पहुंचे और अपने बेटे सुशांत चौधरी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को आखिरी बार उनके बेटे सुशांत से उनकी बात हुई थी. उसने किसी जरूरी काम के लिए रुपये मांगे थे. उन्होंने 75 हजार रुपये उसके बैंक खाते में डाले थे. उन्होंने बताया कि वह न्यू रोहतक रोड स्थित एक दफ्तर में ट्रेनी ऑपरेटर है. 24 सितंबर को वह अपने छोटे बेटे के साथ दफ्तर पहुंचा तो पता चला कि वह 8 सितंबर के बाद नौकरी करने नहीं गया है. वह घर पर भी मौजूद नहीं था. उसका मोबाइल बंद आ रहा था.

अपहरण का झूठा नाटक
27 सितंबर की सुबह उनके मोबाइल पर मैसेज आया, जिसमें बताया गया कि सुशांत ने डेढ़ लाख रुपये उससे उधार लिए थे. इसमें से 75,000 रुपये उसने लौटा दिए हैं. वहीं, 75 हजार रुपये अगर उसने नहीं लौटाए तो वह मुश्किल में फंस जाएगा. इस शिकायत पर अपहरण का मामला थाने में दर्ज किया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ राजेश मल्होत्रा की देखरेख में सब इंस्पेक्टर प्रियांक और रणवीर सिंह की टीम ने छानबीन शुरू की. सुशांत की कॉल डिटेल से पता चला कि 24 सितंबर को उसका मोबाइल आखिरी बार चला था. इसके बाद से केवल मैसेज चल रहे हैं. बैंक खाते से पता चला कि 8 सितंबर को उसकी तनख्वाह आई थी. जिससे पहले उसके अकाउंट में केवल 6 रुपये थे.


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परिजनों ने पुलिस को बताया कि 18 सितंबर से 25 सितंबर के बीच उन्होंने उसके खाते में 75 हजार रुपये भेजे हैं. UPI से यह अमाउंट बुग्जय नामक ऑनलाइन रियल टाइम पेमेंट एप में भेजा गया है. 28 सितंबर को सुशांत के बैंक खाते में उसके पिता ने 11 हजार रुपये जमा कराए. यह रकम भी ऐप के जरिए ट्रांसफर कर दी गई. इस बीच पुलिस को पता चला कि सुशांत चांदनी चौक में मौजूद है. पुलिस टीम ने चांदनी चौक के पास से सुशांत को पकड़ लिया.

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पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसे किसी ने अगवा नहीं किया था. वह एक ऑनलाइन ट्रेडिंग साइट में रुपये लगा रहा था. इसके लिए उसने कई दोस्तों से लोन लिया था. इसमें उसे काफी घाटा हुआ. इसके बावजूद उसे इस साइट पर रुपये लगाने की लत लग चुकी थी. उसने कई लोगों से रुपये उधार ले रखे थे जो अब रुपये वापस मांग रहे थे. उसने पिता से रुपये मांगे, लेकिन उन्होंने अपनी मजबूरी बताकर इतनी बड़ी रकम देने से इनकार कर दिया. इसलिए उसने अपने परिजनों से रुपए ठगने के लिए अपने ही अपहरण की कहानी रच डाली.

नई दिल्ली : वेबसाइट पर रुपयों की ऑनलाइन ट्रेडिंग करने का चस्का एक युवक को इस कदर चढ़ा कि वह लाखों रुपये गंवा बैठा. उसके ऊपर काफी कर्ज हो गया. वह जब कर्ज नहीं लौटा सका तो उसने अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली. अपहरण का झूठा नाटक रच उसने अपने पिता से रकम मांगी. लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पूरे नाटक का पर्दाफाश हो गया.


डीसीपी श्वेता चौहान के अनुसार, बीते 27 सितंबर की शाम बिजनौर निवासी तेजपाल सिंह देश बंधु गुप्ता रोड थाने में पहुंचे और अपने बेटे सुशांत चौधरी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को आखिरी बार उनके बेटे सुशांत से उनकी बात हुई थी. उसने किसी जरूरी काम के लिए रुपये मांगे थे. उन्होंने 75 हजार रुपये उसके बैंक खाते में डाले थे. उन्होंने बताया कि वह न्यू रोहतक रोड स्थित एक दफ्तर में ट्रेनी ऑपरेटर है. 24 सितंबर को वह अपने छोटे बेटे के साथ दफ्तर पहुंचा तो पता चला कि वह 8 सितंबर के बाद नौकरी करने नहीं गया है. वह घर पर भी मौजूद नहीं था. उसका मोबाइल बंद आ रहा था.

अपहरण का झूठा नाटक
27 सितंबर की सुबह उनके मोबाइल पर मैसेज आया, जिसमें बताया गया कि सुशांत ने डेढ़ लाख रुपये उससे उधार लिए थे. इसमें से 75,000 रुपये उसने लौटा दिए हैं. वहीं, 75 हजार रुपये अगर उसने नहीं लौटाए तो वह मुश्किल में फंस जाएगा. इस शिकायत पर अपहरण का मामला थाने में दर्ज किया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ राजेश मल्होत्रा की देखरेख में सब इंस्पेक्टर प्रियांक और रणवीर सिंह की टीम ने छानबीन शुरू की. सुशांत की कॉल डिटेल से पता चला कि 24 सितंबर को उसका मोबाइल आखिरी बार चला था. इसके बाद से केवल मैसेज चल रहे हैं. बैंक खाते से पता चला कि 8 सितंबर को उसकी तनख्वाह आई थी. जिससे पहले उसके अकाउंट में केवल 6 रुपये थे.


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परिजनों ने पुलिस को बताया कि 18 सितंबर से 25 सितंबर के बीच उन्होंने उसके खाते में 75 हजार रुपये भेजे हैं. UPI से यह अमाउंट बुग्जय नामक ऑनलाइन रियल टाइम पेमेंट एप में भेजा गया है. 28 सितंबर को सुशांत के बैंक खाते में उसके पिता ने 11 हजार रुपये जमा कराए. यह रकम भी ऐप के जरिए ट्रांसफर कर दी गई. इस बीच पुलिस को पता चला कि सुशांत चांदनी चौक में मौजूद है. पुलिस टीम ने चांदनी चौक के पास से सुशांत को पकड़ लिया.

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पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसे किसी ने अगवा नहीं किया था. वह एक ऑनलाइन ट्रेडिंग साइट में रुपये लगा रहा था. इसके लिए उसने कई दोस्तों से लोन लिया था. इसमें उसे काफी घाटा हुआ. इसके बावजूद उसे इस साइट पर रुपये लगाने की लत लग चुकी थी. उसने कई लोगों से रुपये उधार ले रखे थे जो अब रुपये वापस मांग रहे थे. उसने पिता से रुपये मांगे, लेकिन उन्होंने अपनी मजबूरी बताकर इतनी बड़ी रकम देने से इनकार कर दिया. इसलिए उसने अपने परिजनों से रुपए ठगने के लिए अपने ही अपहरण की कहानी रच डाली.

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