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उपराज्यपाल की राजस्व विभाग सहित अन्य अधिकारियों के साथ बैठक, दिए कई निर्देश

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजस्व विभाग के साथ कामकाज बैठक कर कई निर्देश दिए हैं. जमीन बिक्री, पंजीकरण, हस्तांतरण एवं म्यूटेशन के कार्यों में धोखाधड़ी एव भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के परिप्रेक्ष्य में उपराज्यपाल ने विभाग को डिमार्केशन के लिए आवेदनों की ऑनलाईन प्रोसेस को एक महीने के अंदर चालू करने के निर्देश दिये हैं.

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दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना
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Published : Jul 27, 2022, 10:28 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को राजस्व विभाग के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (राजस्व)-सह मंडल आयुक्त, सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं डीडीएमए के विशेष मुख्य कार्यकारी अधिकारी मौजूद रहे. दिल्ली के राजस्व संबंधी प्रशासन और भूमि संबंधी मामलों जैसे- भूमि रिकार्ड का रखरखाव, अधिग्रहण, रजिस्ट्रेशन, बिक्री आदि का कार्य करता है जो कि सीधे तौर पर दिल्ली विकास प्राधिकरण एवं दिल्ली नगर निगम से भी संबंधित हैं.

विभाग को लैंड पूलिंग नीति के कार्यान्वयन के लिए एसओपी पर जल्द ही कानूनी राय लेने और तीन दिनों के अंदर की गई कार्रवाई से अवगत कराने व एक महीने के अंदर डीडीए के साथ 142 लंबित भूमि अधिग्रहण मामलों का समाधान करने के निर्देश दिए हैं. जमीन बिक्री, पंजीकरण, हस्तांतरण एवं म्यूटेशन के कार्यों में धोखाधड़ी एव भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के परिप्रेक्ष्य में उपराज्यपाल ने विभाग को डिमार्केशन के लिए आवेदनों की आनलाईन प्रोसेस को एक महीने के अंदर चालू करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने Evacuee, शत्रु, ग्राम सभा तथा अधिग्रहित भूमि का विवरण, दिल्ली ऑनलाईन पंजीकरण सूचना प्रणाली (DORIS) भूमि पर ’निषिद्ध भूमि’ के अंतर्गत जोड़ने के निर्देश दिये, ताकि इसका अवैध लेन-देन रोका जा सके. यह भी निर्देश दिए गए हैं कि शहरीकृत गांवों में चकबंदी की कार्रवाई की कानूनी वैधता की जांच कर इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए.

इस संबंध में विभाग को दिल्ली ऑनलाईन पंजीकरण सूचना प्रणाली (DORIS) एवं म्यूटेशन साफ्टवेयर को जोड़ेन के निर्देश दिए गए हैं ताकि रजिस्ट्रेशन संबंधी कोई भी लेनदेन स्वतः अपडेट हो सके. उपराज्पाल ने 15 अगस्त 2022 तक अपॉइंटमेंट मैनजमेंट सिस्टम को DORIS से जोड़ने का भी निर्देश दिया है. विभाग को सर्किल रेट में रीविजन और इसके लिए गठित विभिन्न कार्य समूहों की रिपोर्ट के साथ एक विस्तृत प्रजेंटेशन उपराज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है.

उपराज्यपाल ने दिल्ली में हजारों बोरवेल सील किए जाने वाले आदेश की चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि राजस्व विभाग केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा तैयार किए गए दिल्ली के भूजलीय नक्शे का अध्ययन करे और इसके आधार पर बोरवेल संबंधी वैज्ञानिक और तर्कसंगत नीति तैयार करे. ऐसे क्षेत्र जहां भूजल स्तर ऊंचा/अधिक है वहां पिट होल बनाकर भूजल का रिचार्ज करने की व्यवस्था की जाए. बोरवेल चालू करने की अनुमति दी जाए, ताकि शहर की पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल तरीके से भूजल का संरक्षण एवं उसमें बढ़ोत्तरी भी सुनिश्चित की जा सके. इसके अतिरिक्त राजस्व विभाग को जलाशयों के पुनरुद्धार और उससे संबंधित कार्य योजना और कार्यान्वयन के लिए एक समयबद्ध खाका तैयार करने का निर्देश दिया गया है. जिसकी निगरानी संबंधित जिलाधिकारी द्वारा निरंतर किया जाएगा.

ये भी पढ़ें : दिल्ली के उपराज्यपाल ने गाजीपुर लैंडफिल साइट का किया औचक निरीक्षण

उपराज्यपाल ने विभाग को शालीमार बाग में विकसित किए जा रहे एककृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र की स्थापना में तेजी लाने के लिए कहा. साथ ही इस दौरान विभिन्न विभागों के सभी नियंत्रण कक्षों को एनडीएमसी के नियंत्रण कक्ष में स्थानांतरित करने की संभावना तलाशने की सलाह भी दी. कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों को अनुग्रह राशि के भुगतान के लंबित दावों को 15 दिनों के भीतर त्वरित निपटारे के निर्देश दिए हैं.

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नई दिल्ली : दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को राजस्व विभाग के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (राजस्व)-सह मंडल आयुक्त, सभी जिलों के जिलाधिकारी एवं डीडीएमए के विशेष मुख्य कार्यकारी अधिकारी मौजूद रहे. दिल्ली के राजस्व संबंधी प्रशासन और भूमि संबंधी मामलों जैसे- भूमि रिकार्ड का रखरखाव, अधिग्रहण, रजिस्ट्रेशन, बिक्री आदि का कार्य करता है जो कि सीधे तौर पर दिल्ली विकास प्राधिकरण एवं दिल्ली नगर निगम से भी संबंधित हैं.

विभाग को लैंड पूलिंग नीति के कार्यान्वयन के लिए एसओपी पर जल्द ही कानूनी राय लेने और तीन दिनों के अंदर की गई कार्रवाई से अवगत कराने व एक महीने के अंदर डीडीए के साथ 142 लंबित भूमि अधिग्रहण मामलों का समाधान करने के निर्देश दिए हैं. जमीन बिक्री, पंजीकरण, हस्तांतरण एवं म्यूटेशन के कार्यों में धोखाधड़ी एव भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के परिप्रेक्ष्य में उपराज्यपाल ने विभाग को डिमार्केशन के लिए आवेदनों की आनलाईन प्रोसेस को एक महीने के अंदर चालू करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने Evacuee, शत्रु, ग्राम सभा तथा अधिग्रहित भूमि का विवरण, दिल्ली ऑनलाईन पंजीकरण सूचना प्रणाली (DORIS) भूमि पर ’निषिद्ध भूमि’ के अंतर्गत जोड़ने के निर्देश दिये, ताकि इसका अवैध लेन-देन रोका जा सके. यह भी निर्देश दिए गए हैं कि शहरीकृत गांवों में चकबंदी की कार्रवाई की कानूनी वैधता की जांच कर इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जाए.

इस संबंध में विभाग को दिल्ली ऑनलाईन पंजीकरण सूचना प्रणाली (DORIS) एवं म्यूटेशन साफ्टवेयर को जोड़ेन के निर्देश दिए गए हैं ताकि रजिस्ट्रेशन संबंधी कोई भी लेनदेन स्वतः अपडेट हो सके. उपराज्पाल ने 15 अगस्त 2022 तक अपॉइंटमेंट मैनजमेंट सिस्टम को DORIS से जोड़ने का भी निर्देश दिया है. विभाग को सर्किल रेट में रीविजन और इसके लिए गठित विभिन्न कार्य समूहों की रिपोर्ट के साथ एक विस्तृत प्रजेंटेशन उपराज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है.

उपराज्यपाल ने दिल्ली में हजारों बोरवेल सील किए जाने वाले आदेश की चर्चा करते हुए निर्देश दिए कि राजस्व विभाग केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा तैयार किए गए दिल्ली के भूजलीय नक्शे का अध्ययन करे और इसके आधार पर बोरवेल संबंधी वैज्ञानिक और तर्कसंगत नीति तैयार करे. ऐसे क्षेत्र जहां भूजल स्तर ऊंचा/अधिक है वहां पिट होल बनाकर भूजल का रिचार्ज करने की व्यवस्था की जाए. बोरवेल चालू करने की अनुमति दी जाए, ताकि शहर की पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरण अनुकूल तरीके से भूजल का संरक्षण एवं उसमें बढ़ोत्तरी भी सुनिश्चित की जा सके. इसके अतिरिक्त राजस्व विभाग को जलाशयों के पुनरुद्धार और उससे संबंधित कार्य योजना और कार्यान्वयन के लिए एक समयबद्ध खाका तैयार करने का निर्देश दिया गया है. जिसकी निगरानी संबंधित जिलाधिकारी द्वारा निरंतर किया जाएगा.

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उपराज्यपाल ने विभाग को शालीमार बाग में विकसित किए जा रहे एककृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र की स्थापना में तेजी लाने के लिए कहा. साथ ही इस दौरान विभिन्न विभागों के सभी नियंत्रण कक्षों को एनडीएमसी के नियंत्रण कक्ष में स्थानांतरित करने की संभावना तलाशने की सलाह भी दी. कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों को अनुग्रह राशि के भुगतान के लंबित दावों को 15 दिनों के भीतर त्वरित निपटारे के निर्देश दिए हैं.

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