नई दिल्ली: मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज एंड एसोसिएटेड हॉस्पिटल रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने दिल्ली के हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी आईएएस सैय्यद एम अली को पत्र लिखा है. पत्र में 22 दिसंबर को एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ऑफिस से दिल्ली सचिवालय तक मार्च करने की अनुमति मांगी गई है.
डॉक्टर का कहना है कि पिछले करीब 10 महीनों से एलएनजेपी और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में केवल कोरोना से जुड़ी स्वास्थ्य सेवाएं ही की जा रही है, जिसके चलते न केवल मरीजों को बल्कि जो डॉक्टर यहां पर अपनी पढ़ाई कर रही हैं, जो अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट हैं उनकी शिक्षा पर बेहद बुरा असर पड़ रहा है.
'अस्पताल में शुरू की जाए नॉन कोविड सुविधा'
डॉक्टर का कहना है कि समस्या को लेकर 28 अक्टूबर 2020 को सरकार की तरफ से आश्वासन दिया गया था, कि जल्द ही अस्पताल में धीरे धीरे नॉन-कोविड सर्विस शुरू की जाएगी, लेकिन अस्पताल में अभी भी केवल कोविड-19 की सेवाएं ही चालू है. जिसके कारण अंडरग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट छात्र अपनी एकेडमिक शिक्षा को लेकर नुकसान झेल रहे हैं.
'राजधानी में कोरोना की स्थिति हो रही बेहतर'
डॉक्टर का कहना है कि 20 नवंबर 2020 के बाद राजधानी दिल्ली में कोरोना की स्थिति बेहतर हो रही है, रिकवरी रेट में भी इजाफा हो रहा है, वहीं एलएनजेपी अस्पताल में करीब 85 फ़ीसदी तक बेड खाली है, यानी अस्पताल में अब करना के मरीजों की भर्ती नहीं हो रही है, ऐसे में इन अस्पतालों में अन्य स्वास्थ्य सेवाएं भी शुरू की जाए, जिससे जो छात्र यहां पढ़ रहे हैं वह अपनी एकेडमिक शिक्षा पूरी कर सकें.
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'22 दिसंबर को करेंगे मार्च'
डॉक्टरों ने कहा कि इसको लेकर एलएनजेपी अस्पताल के डीन और मेडिकल डायरेक्टर के साथ भी मीटिंग की गई थी, लेकिन कोई भी नतीजा नहीं निकला, इसीलिए हम 22 दिसंबर को मेडिकल डायरेक्टर ऑफिस से दिल्ली सचिवालय तक मार्च करने के लिए मजबूर है.