नई दिल्लीः द्वारका जिले के जाफरपुर कलां पुलिस ( Jafarpur Kalan Police) ने ठगों के एक ऐसे गैंग का खुलासा (liphaphebaaj gang busted in Dwarka) किया है, जो बस स्टॉप पर खड़े राहगीरों को पहले तो लिफ्ट (Cheating by giving lift in car) देते थे, फिर उन्हें झांसे में लेकर उनके पास के सारे कैश को एक लिफाफे में रखवा कर उन्हें चकमा दे कर फरार हो जाते थे. डीसीपी एम. हर्षवर्धन के अनुसार, इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शंकर और कृष्णावतार उर्फ सुरेश के रूप में हुई है. दोनों बवाना के जेजे कॉलोनी के रहने वाले हैं. इनके पास से ठगी गयी रकम से 35 हजार कैश और वारदात में इस्तेमाल की गई गाड़ी बरामद की गई है. आरोपी शंकर पर द्वारका सेक्टर 23 और कापसहेड़ा थाने में तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं.
डीसीपी ने बताया कि चार अगस्त को जाफरपुर कलां ( Jafarpur Kalan Police) में एक महिला सोना देवी ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि वो अपनी फैमिली के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जाने के लिए सुबह 09 बजे ढांसा बॉर्डर स्टैंड पहुंची थी. जब वो बस का इंतजार कर रही थीं, तभी एक शख्स उनके पास आया और उनके गंतव्य के बारे में पूछने लगा. जब उन्होंने बताया कि वो नई दिल्ली स्टेशन जा रही हैं, तो उसने गाड़ी में लिफ्ट देने का ऑफर दिया. कहा कि वो भी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की तरफ ही जा रहा हैं. जिस पर वो परिवार सहित गाड़ी में बैठ गई. गाड़ी में पहले से दाे लोग बैठे थे. उन्होंने खुद को पुलिस और पेंशन विभाग कर्मी बताया.
रास्ते में चेकिंग की बात कह कर उन्होंने उन्हें एक लिफाफा दिया और उन्हें कैश उसमें डालने काे कहा. जिस पर उन्होंने सारे पैसे उस लिफाफे में डाल दिये. जब वो मितराऊं गांव पहुंचे तो आरोपियों ने थाने में कुछ इनक्वायरी की बात कह कर उन्हें गाड़ी से उतार दिया और इंतजार करने काे कहा. काफी देर के बाद जब वो नहीं लौटे तो उन्हें ठगी (Cheating by giving lift in car) का एहसास हुआ. जिसके बाद उन्होंने जाफरपुर कलां थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई. मामले की जांच के लिए टीम बनायी गयी. पुलिस टीम मौके के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेजों की जांच की. आरोपियों की एंट्री और एग्जिट रुट को भी फॉलो किया गया. आखिरकार टेक्निकल और मैन्युअल सर्विलांस की सहायता से पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली. जिसके बाद पुलिस टीम ने छापेमारी कर आरोपी शंकर को दबोच लिया. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई कार को भी बरामद कर लिया और उसके साथी कृष्णावतार को भी हिरासत में ले (Two thugs arrested in Dwarka) लिया.
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उनके पास से 35 हजार कैश बरामद किया गया. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वो कार को किराए पर लेकर शिकार की तलाश में बस स्टैंड के आसपास घूमते थे. जब उन्हें उनका टारगेट मिल जाता था तो उससे बात कर उनके गंतव्य के बारे में जानकारी हासिल कर उसी तरफ जाने की बात कह कर लिफ्ट ऑफर करते थे. जब वाे गाड़ी में बैठ जाता था तो खुद को सीबीआई, पुलिस, इनकम टैक्स और अन्य एजेंसी के कर्मी बता कर उन्हें चेकिंग का भय दिखाते. फिर उनके सारे कैश और कीमतीं सामान एक लिफाफे (liphaphebaaj gang) में रखवा लेते थे. बाद में उस लिफाफे को वो उसी तरह के दूसरे लिफाफे से बदल कर उनके कैश और कीमती सामान लेकर चंपत हो जाते थे. शंकर इसका मास्टरमाइंड है. उस पर पहले से ठगी और लूट के तीन मामले दर्ज हैं. जबकि, कृष्णावतार नाफेल इंडस्ट्रियल एरिया थाने के एक मामले में संलिप्त रहा है. इस मामले में पुलिस दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर इनके तीसरे साथी मनोज की तलाश कर रही है.