नई दिल्ली:1 सितंबर से लागू हुई नई परिवहन नीति को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसी क्रम में अब दिल्ली में चलने वाले हल्के कमर्शियल वाहन मालिकों ने इसे लेकर हड़ताल की घोषणा की है. सोमवार को दिल्ली में ऑटो, टैक्सी, इको फ्रेंडली टैक्सी ग्रामीण सेवा और आरटीवी गाड़ियां सड़क पर नहीं उतरेंगी.
9 सितंबर को हड़ताल का ऐलान किया
हल्के कमर्शियल वाहन मालिक पहले से ही कई मुद्दों को लेकर सरकार से मांग करते रहे हैं. इसे लेकर उन्होंने कई बार हड़ताल भी किया. लेकिन उस पर अभी समाधान हुआ नहीं कि ये लोग अब नई परिवहन नीति के खिलाफ सड़कों पर आने की तैयारियां कर रहे हैं.
बता दें कि एक सितंबर के बाद से अब तक ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिनमें ट्रैफिक नियमों का पालन न करते हुए पकड़े गए ऑटो वालों पर कई हजार का जुर्माना लगाया गया. इसके खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई और फिर सभी हल्के वाहन मालिक साथ आ गए. इन्होंने इस मुद्दे पर केंद्रीय परिवहन मंत्री, दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल तक अपनी बात पहुंचाई, लेकिन कहीं से भी सकारात्मक आश्वासन न मिलने के कारण अब इन्होंने 9 सितंबर को हड़ताल का ऐलान किया है.
'हल्के कमर्शियल वाहन सड़क पर नहीं उतरेंगे'
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने टूरिस्ट टैक्सी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह, ग्रामीण सेवा के प्रदेश अध्यक्ष चंदू चौरसिया, ग्रामीण सेवा के प्रदेश अध्यक्ष संजय बाटला से बातचीत की. इन लोगों ने एकमत से इस हड़ताल के समर्थन में अपनी बात रखी और कहा कि कल इनके हल्के कमर्शियल वाहन सड़क पर नहीं उतरेंगे.
ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने जब ये सवाल किया कि इस हड़ताल से आम लोगों को होने वाली तकलीफ का अंदाजा है आपको? उनका कहना था कि तकलीफ तो हमें भी हो रही है और इसीलिए हमने यह कदम उठाया है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस हड़ताल के बाद भी सरकार इनकी बात नहीं मानती है और मांगों पर सुनवाई नहीं होती है, तो आगे भी हड़ताल कर सकते हैं. अब देखने वाली बात होगी कि इस हड़ताल के जरिए अपनी बात मनवाने की इनकी कोशिश कामयाब हो पाती है या नहीं.