नई दिल्ली: यूजीसी मुख्यालय पर बुधवार को क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने अन्य छात्र संगठनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान केवाईएस ने यूजीसी नेट पेपर लीक के मामले की कड़ी निंदा की. साथ ही लीक हुए पेपर को दोबारा से कराने की मांग की.
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि 10 अक्टूबर 2022 को इतिहास विषय के यूजीसी नेट परीक्षा में पेपर लीक हुआ है. परीक्षा की आन्सर की (उत्तर कुंजी) परीक्षा शुरू होने से पूर्व ही सोशल मीडिया पर साझा की जा रही थी, जिससे परीक्षा आयोजन में हो रहे भ्रष्टाचार का पर्दाफ़ाश हो जाता है. यह बेहद निंदनीय है कि राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं कराने के लिए जिम्मेदार संस्थानों में विफल साबित हो रहे हैं, जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है.
इन मुद्दों को उठाते हुए छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल यूजीसी के एडिशनल चेयरपर्सन से मुलाकात कर त्वरित कदम उठाने और लीक हुई परीक्षा को पुनः आयोजित करवाने कि मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि नेट परीक्षा का आयोजन आम तौर पर साल में दो बार कराया जाता है.
हालांकि, इस बार परीक्षा के दो सत्रों को एक साथ लिया गया है, जिससे छात्रों की शैक्षणिक और व्यावसायिक संभावनाओं में नुकसान हुआ है. देश के अधिकतर उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की भारी कमी है और कई हजार शिक्षण पद खाली हैं.
परीक्षाओं में देरी के कारण इन पदों पर नई नियुक्तियां नहीं होती हैं, जिससे उच्च शिक्षा पर दुष्प्रभाव पड़ता है. उम्मीदवारों की बड़ी संख्या के कारण, इस साल अधिकतर नेट की परीक्षाएं दो शिफ्टों में कराई गईं, जिसमें अलग अलग प्रश्नपत्र होने के कारण मूल्यांकन में असामनता आती है.
ये भी पढ़ें : जेएनयू शिक्षक संघ और छात्र संघ ने प्रशासन पर लगाए कई आरोप
केवाईएस ने मांग की है कि लीक हुए पेपर को फिर से कराया जाए और इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाए. सभी दोषियों की पहचान कर उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए. यूजीसी को इस मामले में जिम्मेदारी लेकर उम्मीदवारों से माफी मांगनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए की ऐसी घटना फिर से न हो. हम यह भी मांग करते हैं कि यूजीसी नेट परीक्षा को दो अलग-अलग शिफ्ट में करवाने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप