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मानसून की बीमारियों और कोरोना से कैसे बचें, जानिए वरिष्ठ डॉ केके अग्रवाल की सलाह

कोरोना और मानसून में होने वाली बीमारियों में फर्क कैसे कर सकते हैं और कैसे इनसे बच सकते हैं. जानिए क्या कहते हैं वरिष्ठ डॉ केके अग्रवाल.

know the doctor advise that how to protect yourself in corona and monsoon season
डॉ केके अग्रवाल से खास बातचीत
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Published : Jun 26, 2020, 4:29 PM IST

नई दिल्ली: मानसून आते ही जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है. वहीं मानसून के आने से कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. जहां पहले ही हम कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. ऐसे में कोरोना और मानसून में होने वाली बीमारियों में फर्क कैसे कर सकते हैं और कैसे इनसे बच सकते हैं. इसको लेकर पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर केके अग्रवाल से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

डॉ केके अग्रवाल से खास बातचीत
घर पर भी रखें सोशल डिस्टेंस और मास्क का उपयोग


डॉक्टर केके अग्रवाल ने बताया कि मानसून का मतलब है उमस और बारिश. ऐसे में लोग अधिक समय घर पर रहेंगे और एयर कंडीशन का इस्तेमाल करेंगे. लेकिन यह बहुत जरूरी है, जब आप घर पर हैं तब भी मास्क का इस्तेमाल करें. क्योंकि कई बार हम अपने घर पर अन्य सदस्यों के साथ रहते हुए मास्क का इस्तेमाल नहीं करते. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप जहां भी किसी भी व्यक्ति के साथ आधे घंटे से ज्यादा तक रहते हैं तो मास्क पहनना जरूरी है.



मानसून में मच्छरों से करें बचाव


इसके अलावा डॉक्टर ने बताया कि पिछले दिनों हमने देखा कि तापमान अपने चरम पर पहुंचा, उस दौरान भी इस वायरस का प्रकोप कम नहीं हुआ. ऐसे में बारिश और उमस में भी इसके कम होने की कोई उम्मीद नहीं है बल्कि इसके साथ अन्य बीमारियां होने का भी खतरा है. मानसून में मच्छरों से बचना बेहद जरूरी है क्योंकि इन्हीं के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती है और यदि कोरोना के साथ इस बीमारी के लक्षण पाए जाते हैं तो खतरा अधिक बढ़ सकता है.



मलेरिया डेंगू और कोरोना से कैसे करें बचाव


डॉ अग्रवाल ने बताया कि वैसे तो हमने अक्सर देखा है कि जब पहले से किसी वायरस का प्रकोप हो तो अन्य बीमारियों के आने के आसार कम होते हैं. ऐसे में बहुत कम उम्मीद है कि किसी व्यक्ति को कोरोना के साथ मलेरिया या चिकनगुनिया जैसी बीमारियां हो. क्योंकि इन बीमारियों के शुरुआती लक्षण भले ही एक हो. लेकिन जिस प्रकार डेंगू में कभी खून गाढ़ा या पतला होता है. और यदि आपके जोड़ों में दर्द है तो आपको कोरोना नहीं है. इसके अलावा टाइफाइड में बुखार हमेशा रहता है. जबकि कोरोना में बुखार दिन में आता है रात में बुखार कम होता है.



मानसून में ना खाएं हरी पत्तेदार सब्जियां


इसके अलावा डॉ अग्रवाल ने मानसून में अपने खानपान का बेहतर ध्यान रखने की भी सलाह दी उन्होंने कहा कि मानसून में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से बचना चाहिए. क्योंकि इन में कीड़े हो सकते हैं और अपने खानपान पीने के पानी को मच्छरों से बचाना चाहिए, इसके साथ ही आप हल्का और पोस्टिक खाना खाएं. तली हुए या हैवी फूड को इग्नोर करें.

नई दिल्ली: मानसून आते ही जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है. वहीं मानसून के आने से कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. जहां पहले ही हम कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं. ऐसे में कोरोना और मानसून में होने वाली बीमारियों में फर्क कैसे कर सकते हैं और कैसे इनसे बच सकते हैं. इसको लेकर पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर केके अग्रवाल से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

डॉ केके अग्रवाल से खास बातचीत
घर पर भी रखें सोशल डिस्टेंस और मास्क का उपयोग


डॉक्टर केके अग्रवाल ने बताया कि मानसून का मतलब है उमस और बारिश. ऐसे में लोग अधिक समय घर पर रहेंगे और एयर कंडीशन का इस्तेमाल करेंगे. लेकिन यह बहुत जरूरी है, जब आप घर पर हैं तब भी मास्क का इस्तेमाल करें. क्योंकि कई बार हम अपने घर पर अन्य सदस्यों के साथ रहते हुए मास्क का इस्तेमाल नहीं करते. लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि आप जहां भी किसी भी व्यक्ति के साथ आधे घंटे से ज्यादा तक रहते हैं तो मास्क पहनना जरूरी है.



मानसून में मच्छरों से करें बचाव


इसके अलावा डॉक्टर ने बताया कि पिछले दिनों हमने देखा कि तापमान अपने चरम पर पहुंचा, उस दौरान भी इस वायरस का प्रकोप कम नहीं हुआ. ऐसे में बारिश और उमस में भी इसके कम होने की कोई उम्मीद नहीं है बल्कि इसके साथ अन्य बीमारियां होने का भी खतरा है. मानसून में मच्छरों से बचना बेहद जरूरी है क्योंकि इन्हीं के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती है और यदि कोरोना के साथ इस बीमारी के लक्षण पाए जाते हैं तो खतरा अधिक बढ़ सकता है.



मलेरिया डेंगू और कोरोना से कैसे करें बचाव


डॉ अग्रवाल ने बताया कि वैसे तो हमने अक्सर देखा है कि जब पहले से किसी वायरस का प्रकोप हो तो अन्य बीमारियों के आने के आसार कम होते हैं. ऐसे में बहुत कम उम्मीद है कि किसी व्यक्ति को कोरोना के साथ मलेरिया या चिकनगुनिया जैसी बीमारियां हो. क्योंकि इन बीमारियों के शुरुआती लक्षण भले ही एक हो. लेकिन जिस प्रकार डेंगू में कभी खून गाढ़ा या पतला होता है. और यदि आपके जोड़ों में दर्द है तो आपको कोरोना नहीं है. इसके अलावा टाइफाइड में बुखार हमेशा रहता है. जबकि कोरोना में बुखार दिन में आता है रात में बुखार कम होता है.



मानसून में ना खाएं हरी पत्तेदार सब्जियां


इसके अलावा डॉ अग्रवाल ने मानसून में अपने खानपान का बेहतर ध्यान रखने की भी सलाह दी उन्होंने कहा कि मानसून में हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से बचना चाहिए. क्योंकि इन में कीड़े हो सकते हैं और अपने खानपान पीने के पानी को मच्छरों से बचाना चाहिए, इसके साथ ही आप हल्का और पोस्टिक खाना खाएं. तली हुए या हैवी फूड को इग्नोर करें.

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