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पत्रकार तरुण सिसोदिया मौत मामला: प्रेस क्लब पहुंचा पत्रकारों का एक समूह - वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया

तरुण सिसोदिया की मौत की न्यायिक जांच और पोस्टमार्टम की मांग को लेकर पत्रकारों के एक समूह ने आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के बाहर एक मानव श्रृंखला बनाकर उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की. साथ ही पत्रकारों ने जस्टिस फॉर तरुण की मांग की

journalists reached Press Club of india to bring justice to Tarun Sisodia in delhi
तरुण सिसोदिया
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Published : Jul 7, 2020, 6:40 PM IST

नई दिल्ली: पत्रकार तरुण सिसोदिया की मौत की न्यायिक जांच और पोस्टमार्टम की मांग को लेकर पत्रकारों के एक समूह ने आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के बाहर एक मानव श्रृंखला बनाकर उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की. साथ ही पत्रकारों ने जस्टिस फॉर तरुण की मांग की. पत्रकारों ने तरुण के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये की मदद करने की सरकार से मांगी की, साथ ही पत्रकारों ने अपने स्तर पर क्राउड फंडिंग करने का भी निर्णय लिया है, जिससे तरुण के परिवार की ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाई जा सके.

प्रेस क्लब पहुंचे पत्रकारों का एक समूह

कोविड-19 का इलाज चल रहा था

दरअसल तरुण सिसोदिया पिछले कई दिनों से एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थे, जहां उनका कोविड 19 का इलाज चल रहा था. वहीं उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक उनका स्वास्थ्य अच्छा हो रहा था, लेकिन इसी बीच तरुण की मौत हो गई. जिसके बाद तरुण की मौत ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं. वहीं एम्स प्रशासन इसे आत्महत्या कह रहा है, जबकि पत्रकारों का समूह इसे आत्महत्या मानने को तैयार नहीं है, क्योंकि तरुण ने अपनी मौत के पहले पत्रकारों के कई व्हाट्सएप ग्रुप में एक संदेश भेजा था. जिसमें उन्होंने अपने जान की खतरे के बारे में बताया था, साथ ही उन्होंने अपने पत्रकार साथियों से जान बचाने की गुहार भी लगाई थी.


'एम्स में कुछ ऐसा चल रहा था, जो उचित नहीं था'

अपने व्हाट्सएप मैसेज में तरुण ने यह भी आशंका जाहिर किया था कि वहां कुछ बड़ा हो रहा है, कुछ गड़बड़ हो रहा है. आखिर उन्होंने ऐसा क्या देख लिया? जिससे उनको लगने लगा कि उनकी जान को खतरा है. उन्होंने मैसेज में स्पष्ट लिखा कि उनका मर्डर हो सकता है. हालांकि, पुलिस इस पूरे मामले को आत्महत्या मान कर के ही जांच कर रही है, लेकिन तरुण के व्हाट्सएप मैसेज ने बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.


डॉ. हर्षवर्धन ने AIIMS को दिए जांच के आदेश

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने AIIMS निदेशक को तुरंत इस घटना की आधिकारिक जांच करने का आदेश दिया, जिसके बाद उन्होंने उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया. यह समिति 48 घंटों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. वहीं पत्रकार समूह को आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट पर कोई भरोसा नहीं है. वह चाहते हैं कि इस मामले की एक हाई लेवल कमेटी जांच हो या फिर सीबीआई को इस मामले की जांच करने को कहा जाए. वहीं इस मामले को लेकर वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया की तरफ से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए पत्र में कुछ मांगे सामने रखी गई है.

नई दिल्ली: पत्रकार तरुण सिसोदिया की मौत की न्यायिक जांच और पोस्टमार्टम की मांग को लेकर पत्रकारों के एक समूह ने आज प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के बाहर एक मानव श्रृंखला बनाकर उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की. साथ ही पत्रकारों ने जस्टिस फॉर तरुण की मांग की. पत्रकारों ने तरुण के परिवार के लिए एक करोड़ रुपये की मदद करने की सरकार से मांगी की, साथ ही पत्रकारों ने अपने स्तर पर क्राउड फंडिंग करने का भी निर्णय लिया है, जिससे तरुण के परिवार की ज्यादा से ज्यादा मदद पहुंचाई जा सके.

प्रेस क्लब पहुंचे पत्रकारों का एक समूह

कोविड-19 का इलाज चल रहा था

दरअसल तरुण सिसोदिया पिछले कई दिनों से एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती थे, जहां उनका कोविड 19 का इलाज चल रहा था. वहीं उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक उनका स्वास्थ्य अच्छा हो रहा था, लेकिन इसी बीच तरुण की मौत हो गई. जिसके बाद तरुण की मौत ने कई सवाल पैदा कर दिए हैं. वहीं एम्स प्रशासन इसे आत्महत्या कह रहा है, जबकि पत्रकारों का समूह इसे आत्महत्या मानने को तैयार नहीं है, क्योंकि तरुण ने अपनी मौत के पहले पत्रकारों के कई व्हाट्सएप ग्रुप में एक संदेश भेजा था. जिसमें उन्होंने अपने जान की खतरे के बारे में बताया था, साथ ही उन्होंने अपने पत्रकार साथियों से जान बचाने की गुहार भी लगाई थी.


'एम्स में कुछ ऐसा चल रहा था, जो उचित नहीं था'

अपने व्हाट्सएप मैसेज में तरुण ने यह भी आशंका जाहिर किया था कि वहां कुछ बड़ा हो रहा है, कुछ गड़बड़ हो रहा है. आखिर उन्होंने ऐसा क्या देख लिया? जिससे उनको लगने लगा कि उनकी जान को खतरा है. उन्होंने मैसेज में स्पष्ट लिखा कि उनका मर्डर हो सकता है. हालांकि, पुलिस इस पूरे मामले को आत्महत्या मान कर के ही जांच कर रही है, लेकिन तरुण के व्हाट्सएप मैसेज ने बहुत बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.


डॉ. हर्षवर्धन ने AIIMS को दिए जांच के आदेश

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने AIIMS निदेशक को तुरंत इस घटना की आधिकारिक जांच करने का आदेश दिया, जिसके बाद उन्होंने उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया. यह समिति 48 घंटों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी. वहीं पत्रकार समूह को आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट पर कोई भरोसा नहीं है. वह चाहते हैं कि इस मामले की एक हाई लेवल कमेटी जांच हो या फिर सीबीआई को इस मामले की जांच करने को कहा जाए. वहीं इस मामले को लेकर वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया की तरफ से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए पत्र में कुछ मांगे सामने रखी गई है.

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