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जामिया दंगे को पूरे हुए एक साल, 22 आरोपी हो चुके गिरफ्तार - Jamia Millia Islamia riots news updates

जामिया हिंसा एवं दंगे को आज पूरा एक साल हो गया है. आज ही के दिन जामिया विश्वविद्यालय के बाहर छात्र सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन के दौरान अचानक कुछ प्रदर्शनकारी उग्र होकर पुलिस बल पर पथराव करने लगे. जिसके बाद हिंसा ने एक दंगे का रूप ले लिया था.

Jamia Millia Islamia riots complete one year
जामिया हिंसा
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Published : Dec 15, 2020, 8:26 AM IST

नई दिल्ली: जामिया हिंसा एवं दंगे को आज पूरा एक साल हो गया है. 15 दिसंबर 2019 को जामिया विश्वविद्यालय के बाहर एवं अंदर पुलिस छात्रों के बीच जमकर संघर्ष हुआ था. छात्रों की तरफ से जहां पुलिस टीम पर पथराव किया गया था, तो वहीं पुलिस की तरफ से भी कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की गई थी. अभी तक इस मामले में कुछ छात्रों सहित 22 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनके खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है और अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है.


जानकारी के अनुसार 15 दिसंबर 2019 को जामिया विश्वविद्यालय के बाहर छात्र सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन के दौरान अचानक कुछ प्रदर्शनकारी उग्र होकर पुलिस बल पर पथराव करने लगे. पुलिस जब उनके पीछे गई तो सभी कैंपस में चले गए थे. कैंपस के अंदर से पुलिस पर पथराव किया गया था जिसके चलते पुलिस ने भी कैंपस में घुसकर छात्रों को पीटा था. इसकी कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई थी. इस घटना में लगभग 150 लोग घायल हुए थे जिनमें 95 पुलिसकर्मी एवं अन्य छात्र शामिल थे. इस घटना के बाद ही 16 दिसंबर से शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ था जो 101 दिन चला.



22 आरोपी दंगे में हो चुके गिरफ्तार

15 दिसंबर के इस हंगामे को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से दंगे की एफआइआर दर्ज की गई थी. इसकी जांच क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल द्वारा की जा रही है. क्राइम ब्रांच सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान अब तक उन्होंने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें जामिया छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर, जेएनयू छात्र शरजील इमाम एवं क्षेत्रीय नेता आशु खान शामिल है. इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अदालत से जमानत मिल चुकी है. पुलिस द्वारा दो पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं जबकि जल्द ही एक अन्य पूरक आरोप पत्र दाखिल होने वाला है. फिलहाल इस मामले पर अदालत संज्ञान ले चुकी है और ट्रायल चल रहा है.


जामिया हिंसा की दिल्ली दंगे में भूमिका

राजधानी में फरवरी 2020 में हुए दंगों के लिए जामिया हिंसा को भी जिम्मेदार माना जाता है. दंगों को लेकर दाखिल किए गए आरोपपत्र में कई जगहों पर पुलिस ने इसका जिक्र किया है. उनका दावा है कि दिल्ली दंगों की साजिश जामिया हिंसा के समय से ही शुरू हो गई थी. वहां चल रहे प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने आपस में मिलकर दिल्ली दंगे की साजिश रची. इस साजिश को लेकर स्पेशल सेल द्वारा यूएपीए एक्ट का मामला दर्ज किया गया है. साजिश के इस मामले में लगभग एक दर्जन आरोपियों को स्पेशल सेल की टीम गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें शरजील इमाम, उमर खालिद, आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर, सफूरा जरगर शामिल है.

ये भी पढ़े:- दिल्लीः जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग पर सुनवाई टली


अभी 70 आरोपियों की है पुलिस को तलाश

जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से एक पोस्टर जारी किया गया था जिसमें लगभग 70 आरोपियों की तस्वीरें थी. क्राइम ब्रांच की तरफ से कहा गया था कि यह लोग जामिया हिंसा में शामिल हैं और इनके बारे में जानकारी देने वाले को इनाम दिया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद इनमें से अधिकांश आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी. यह तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज एवं मोबाइल रिकॉर्डिंग के जरिये पुलिस द्वारा हासिल की गई थी. लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई सुराग नहीं मिल सका है.

नई दिल्ली: जामिया हिंसा एवं दंगे को आज पूरा एक साल हो गया है. 15 दिसंबर 2019 को जामिया विश्वविद्यालय के बाहर एवं अंदर पुलिस छात्रों के बीच जमकर संघर्ष हुआ था. छात्रों की तरफ से जहां पुलिस टीम पर पथराव किया गया था, तो वहीं पुलिस की तरफ से भी कैंपस में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की गई थी. अभी तक इस मामले में कुछ छात्रों सहित 22 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनके खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है और अदालत में मामले की सुनवाई चल रही है.


जानकारी के अनुसार 15 दिसंबर 2019 को जामिया विश्वविद्यालय के बाहर छात्र सीएए के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन के दौरान अचानक कुछ प्रदर्शनकारी उग्र होकर पुलिस बल पर पथराव करने लगे. पुलिस जब उनके पीछे गई तो सभी कैंपस में चले गए थे. कैंपस के अंदर से पुलिस पर पथराव किया गया था जिसके चलते पुलिस ने भी कैंपस में घुसकर छात्रों को पीटा था. इसकी कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई थी. इस घटना में लगभग 150 लोग घायल हुए थे जिनमें 95 पुलिसकर्मी एवं अन्य छात्र शामिल थे. इस घटना के बाद ही 16 दिसंबर से शाहीन बाग का धरना शुरू हुआ था जो 101 दिन चला.



22 आरोपी दंगे में हो चुके गिरफ्तार

15 दिसंबर के इस हंगामे को लेकर दिल्ली पुलिस की तरफ से दंगे की एफआइआर दर्ज की गई थी. इसकी जांच क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल द्वारा की जा रही है. क्राइम ब्रांच सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच के दौरान अब तक उन्होंने 22 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें जामिया छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर, जेएनयू छात्र शरजील इमाम एवं क्षेत्रीय नेता आशु खान शामिल है. इस मामले में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अदालत से जमानत मिल चुकी है. पुलिस द्वारा दो पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किए जा चुके हैं जबकि जल्द ही एक अन्य पूरक आरोप पत्र दाखिल होने वाला है. फिलहाल इस मामले पर अदालत संज्ञान ले चुकी है और ट्रायल चल रहा है.


जामिया हिंसा की दिल्ली दंगे में भूमिका

राजधानी में फरवरी 2020 में हुए दंगों के लिए जामिया हिंसा को भी जिम्मेदार माना जाता है. दंगों को लेकर दाखिल किए गए आरोपपत्र में कई जगहों पर पुलिस ने इसका जिक्र किया है. उनका दावा है कि दिल्ली दंगों की साजिश जामिया हिंसा के समय से ही शुरू हो गई थी. वहां चल रहे प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने आपस में मिलकर दिल्ली दंगे की साजिश रची. इस साजिश को लेकर स्पेशल सेल द्वारा यूएपीए एक्ट का मामला दर्ज किया गया है. साजिश के इस मामले में लगभग एक दर्जन आरोपियों को स्पेशल सेल की टीम गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें शरजील इमाम, उमर खालिद, आसिफ इकबाल तन्हा, मीरान हैदर, सफूरा जरगर शामिल है.

ये भी पढ़े:- दिल्लीः जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग पर सुनवाई टली


अभी 70 आरोपियों की है पुलिस को तलाश

जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से एक पोस्टर जारी किया गया था जिसमें लगभग 70 आरोपियों की तस्वीरें थी. क्राइम ब्रांच की तरफ से कहा गया था कि यह लोग जामिया हिंसा में शामिल हैं और इनके बारे में जानकारी देने वाले को इनाम दिया जाएगा. लेकिन इसके बावजूद इनमें से अधिकांश आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी. यह तस्वीरें सीसीटीवी फुटेज एवं मोबाइल रिकॉर्डिंग के जरिये पुलिस द्वारा हासिल की गई थी. लेकिन अभी तक उनके बारे में कोई सुराग नहीं मिल सका है.

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