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दिल्ली की जेलों में कैदियों को अपने वकीलों से बात करने की मिली इजाजत

दिल्ली के जेल प्रशासन ने कहा है कि उसने कैदियों को अपने वकीलों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात करने की इजाजत दे दी है. जेल प्रशासन ने मंगलवार को इसकी सूचना दिल्ली हाईकोर्ट को दी. उसके बाद कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया.

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Published : Jul 7, 2020, 1:52 PM IST

Inmates in Delhi jails allowed to talk to their lawyers
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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जेल प्रशासन ने कहा है कि उसने कैदियों को अपने वकीलों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात करने की इजाजत दे दी है. जेल प्रशासन ने मंगलवार को इसकी सूचना दिल्ली हाईकोर्ट को दी. जेल प्रशासन की इस दलील के बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका का निष्पादन कर दिया.

जेल प्रशासन ने वकीलों से बात करने पर लगा दी थी रोक



वकीलों से बात करने की अनुमति मिली

सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने कहा कि उसने कैदियों को अपने वकीलों से बात करने की अनुमति देने वाला एक नया सर्कुलर जारी किया है. उसके बाद कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया. याचिका वकील अजीत पी सिंह ने दायर की थी.

याचिकाकर्ता की ओर से वकील लव कुमार अग्रवाल ने कहा था कि जेल में बंद कैदियों को उनकी पसंद के वकील से कानूनी सलाह लेने की इजाजत मिलनी चाहिए. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली के जेल महानिदेशक का सर्कुलर संविधान की धारा 21 का उल्लंघन करता है.


जेल प्रशासन ने लगा दी थी रोक

याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता पिछले 8 जून को तिहाड़ जेल अपने मुवक्किल से मिलने गया था. उसे अपने मुवक्किल की जमानत याचिका के संबंध में तैयारी के लिए बातें करनी थीं. वहां तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि कैदियों को अपने वकीलों से बात करने की मनाही है. जेल प्रशासन के इसी आदेश के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के जेल प्रशासन ने कहा है कि उसने कैदियों को अपने वकीलों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात करने की इजाजत दे दी है. जेल प्रशासन ने मंगलवार को इसकी सूचना दिल्ली हाईकोर्ट को दी. जेल प्रशासन की इस दलील के बाद चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका का निष्पादन कर दिया.

जेल प्रशासन ने वकीलों से बात करने पर लगा दी थी रोक



वकीलों से बात करने की अनुमति मिली

सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने कहा कि उसने कैदियों को अपने वकीलों से बात करने की अनुमति देने वाला एक नया सर्कुलर जारी किया है. उसके बाद कोर्ट ने याचिका का निस्तारण कर दिया. याचिका वकील अजीत पी सिंह ने दायर की थी.

याचिकाकर्ता की ओर से वकील लव कुमार अग्रवाल ने कहा था कि जेल में बंद कैदियों को उनकी पसंद के वकील से कानूनी सलाह लेने की इजाजत मिलनी चाहिए. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली के जेल महानिदेशक का सर्कुलर संविधान की धारा 21 का उल्लंघन करता है.


जेल प्रशासन ने लगा दी थी रोक

याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता पिछले 8 जून को तिहाड़ जेल अपने मुवक्किल से मिलने गया था. उसे अपने मुवक्किल की जमानत याचिका के संबंध में तैयारी के लिए बातें करनी थीं. वहां तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि कैदियों को अपने वकीलों से बात करने की मनाही है. जेल प्रशासन के इसी आदेश के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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