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JNU में छात्र की मौत पर साथियों में भारी आक्रोश, हेल्थ सेंटर पर लगाया लापरवाही का आरोप - JNU में छात्र की मौत

JNU में एक छात्र की मौत उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद हो गई. छात्र सेंटर फॉर रशियन स्टडीज में पीएचडी कर रहा था. 21 मार्च की शाम उसके सीने में दर्द हुआ. उसे फौरन उसके दोस्त कैंपस के हेल्थ सेंटर लेकर गए. वहां पर प्राथमिक इलाज से बात नहीं बनी.

Huge outrage among colleagues over death of student in JNU health center accused of negligence
Huge outrage among colleagues over death of student in JNU health center accused of negligence
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Published : Mar 23, 2022, 8:45 PM IST

नई दिल्ली : JNU में एक छात्र की मौत उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद हो गई. छात्र सेंटर फॉर रशियन स्टडीज में पीएचडी कर रहा था. 21 मार्च की शाम उसके सीने में दर्द हुआ. उसे फौरन उसके दोस्त कैंपस के हेल्थ सेंटर लेकर गए. वहां पर प्राथमिक इलाज से बात नहीं बनी. लिहाजा उसे एम्स हॉस्पिटल के लिए रेफर किया गया, लेकिन हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में छात्र की मौत हो गई. इस पूरी घटना के बाद जेएनयू कैंपस का माहौल एक बार फिर गर्म हो गया है.

जेएनयू कैंपस में लचर हेल्थ सिस्टम को लेकर के छात्र नाराजगी जता रहे हैं. युवक की मौत के बाद जेएनयूएसयू कैंपस में बेहतर मेडिकल फेसिलिटी दिलाने की मांग कर रहे हैं. जेएनयूएसयू के प्रेसिडेंट आईसी घोष का कहना है कि जेएनयू कैंपस में लगभग 20 से 25 हजार लोग रहते हैं. इतनी ज्यादा आबादी के बाद भी कैंपस में मेडिकल की सुविधा जितनी होनी चाहिए उतनी नहीं है.

JNU में छात्र की मौत पर साथियों में भारी आक्रोश, हेल्थ सेंटर पर लगाया लापरवाही का आरोप

आईसी घोष का आरोप है अगर छात्र को शुरुआती इलाज भी सही से मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी. आईसी घोष ने कैंपस के हेल्थ सेंटर को और ज्यादा अपडेट करने की बात कही. जेएनयूएसयू के जनरल सेक्रेटरी सतीश यादव ने इस अस्पताल को और बेहतर बनाने के लिए यहां पर आईसीयू बेड और आईसीयू वाले एंबुलेंस की मांग की है. छात्रों का आरोप है तबीयत बिगड़ने से जिस छात्र की मौत हुई है. वह सरासर मेडिकल नेग्लिजेंस के कारण हुआ है. लिहाजा छात्र संघ एवं छात्र संगठनों से अपील कर रहा है कि कैंपस में मेडिकल सुविधा और बेहतर बनाने के लिए वह प्रशासन के खिलाफ इस लड़ाई में उनका साथ दें. आई सी घोष का कहना है कि नए वीसी के आने के बाद जब छात्रसंघ उनसे मिला था तो मेडिकल सुविधा को और बेहतर बनाने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

नई दिल्ली : JNU में एक छात्र की मौत उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद हो गई. छात्र सेंटर फॉर रशियन स्टडीज में पीएचडी कर रहा था. 21 मार्च की शाम उसके सीने में दर्द हुआ. उसे फौरन उसके दोस्त कैंपस के हेल्थ सेंटर लेकर गए. वहां पर प्राथमिक इलाज से बात नहीं बनी. लिहाजा उसे एम्स हॉस्पिटल के लिए रेफर किया गया, लेकिन हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में छात्र की मौत हो गई. इस पूरी घटना के बाद जेएनयू कैंपस का माहौल एक बार फिर गर्म हो गया है.

जेएनयू कैंपस में लचर हेल्थ सिस्टम को लेकर के छात्र नाराजगी जता रहे हैं. युवक की मौत के बाद जेएनयूएसयू कैंपस में बेहतर मेडिकल फेसिलिटी दिलाने की मांग कर रहे हैं. जेएनयूएसयू के प्रेसिडेंट आईसी घोष का कहना है कि जेएनयू कैंपस में लगभग 20 से 25 हजार लोग रहते हैं. इतनी ज्यादा आबादी के बाद भी कैंपस में मेडिकल की सुविधा जितनी होनी चाहिए उतनी नहीं है.

JNU में छात्र की मौत पर साथियों में भारी आक्रोश, हेल्थ सेंटर पर लगाया लापरवाही का आरोप

आईसी घोष का आरोप है अगर छात्र को शुरुआती इलाज भी सही से मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी. आईसी घोष ने कैंपस के हेल्थ सेंटर को और ज्यादा अपडेट करने की बात कही. जेएनयूएसयू के जनरल सेक्रेटरी सतीश यादव ने इस अस्पताल को और बेहतर बनाने के लिए यहां पर आईसीयू बेड और आईसीयू वाले एंबुलेंस की मांग की है. छात्रों का आरोप है तबीयत बिगड़ने से जिस छात्र की मौत हुई है. वह सरासर मेडिकल नेग्लिजेंस के कारण हुआ है. लिहाजा छात्र संघ एवं छात्र संगठनों से अपील कर रहा है कि कैंपस में मेडिकल सुविधा और बेहतर बनाने के लिए वह प्रशासन के खिलाफ इस लड़ाई में उनका साथ दें. आई सी घोष का कहना है कि नए वीसी के आने के बाद जब छात्रसंघ उनसे मिला था तो मेडिकल सुविधा को और बेहतर बनाने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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