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टू-जी स्पेक्ट्रम केस मामले में दिल्ली HC में आज भी सुनवाई रहेगी जारी - टू-जी स्पेक्ट्रम केस

दिल्ली हाईकोर्ट टू-जी स्पेक्ट्रम केस में आज भी सुनवाई जारी रखेगा. इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा औऱ कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.

Hearing will continue in Delhi HC in 2G spectrum case
टू-जी स्पेक्ट्रम केस
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Published : Oct 19, 2020, 9:37 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट टू-जी स्पेक्ट्रम केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और ईडी की याचिका पर आज भी सुनवाई जारी रखेगा. पिछली सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कहा गया था कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन कर भ्रष्टाचार की नियत से किए गए कार्य में भी सजा का प्रावधान है. वहीं आरोपियों की ओर से कहा गया था कि महज कर्तव्य में लापरवाही को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अपराध नहीं कहा जा सकता है.

टू-जी स्पेक्ट्रम केस मामले में सुनवाई रहेगी जारी
भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन को टू-जी के केस में भी लागू करना होगा


पिछले 16 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील डीपी सिंह ने कहा था कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन के बाद स्थिति बदल गई है और कोर्ट को सावधान रहना चाहिए. उन्होंने कहा था कि अगर संशोधन को आरोपियों पर लागू नहीं किया जाएगा, तो ये न्याय नहीं कहा जा सकता है. भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन को टू-जी के केस में भी लागू करना होगा. अगर कानून वैध है तो उसे लागू करना चाहिए. कोर्ट को विधायी बहस में नहीं जाना चाहिए. विधायिका ने लंबे समय के विचार के बाद भ्रष्टाचार निरोधक कानून से धारा 13(10)(डी) को हटा दिया.


संशोधन के बाद अपील को खारिज किया जाना चाहिए


आरोपियों की ओर से वकील सिद्धार्थ लूथरा ने जयललिता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़ते हुए कहा था कि महज कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही का मतलब अपराध नहीं है. उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन के बाद ये सवाल उठता है कि क्या ये अपील कायम रह पाएगा. संशोधन के बाद धारा 13(1)(डी) और धारा 13(1)(सी) को हटा दिया गया. अगर ये संशोधन पूर्व प्रभावी हैं तो इस अपील को खारिज किया जाना चाहिए. सिद्धार्थ लूथरा की दलील के बाद कोर्ट ने सभी पक्षकारों को अपनी दलीलों और फैसलों का संक्षिप्त विवरण कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया था.



ए राजा समेत 19 आरोपी हैं


इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा औऱ कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 25 मई 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है.


2017 में बरी किया गया था


बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट टू-जी स्पेक्ट्रम केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और ईडी की याचिका पर आज भी सुनवाई जारी रखेगा. पिछली सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से कहा गया था कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन कर भ्रष्टाचार की नियत से किए गए कार्य में भी सजा का प्रावधान है. वहीं आरोपियों की ओर से कहा गया था कि महज कर्तव्य में लापरवाही को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत अपराध नहीं कहा जा सकता है.

टू-जी स्पेक्ट्रम केस मामले में सुनवाई रहेगी जारी
भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन को टू-जी के केस में भी लागू करना होगा


पिछले 16 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से वकील डीपी सिंह ने कहा था कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन के बाद स्थिति बदल गई है और कोर्ट को सावधान रहना चाहिए. उन्होंने कहा था कि अगर संशोधन को आरोपियों पर लागू नहीं किया जाएगा, तो ये न्याय नहीं कहा जा सकता है. भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन को टू-जी के केस में भी लागू करना होगा. अगर कानून वैध है तो उसे लागू करना चाहिए. कोर्ट को विधायी बहस में नहीं जाना चाहिए. विधायिका ने लंबे समय के विचार के बाद भ्रष्टाचार निरोधक कानून से धारा 13(10)(डी) को हटा दिया.


संशोधन के बाद अपील को खारिज किया जाना चाहिए


आरोपियों की ओर से वकील सिद्धार्थ लूथरा ने जयललिता पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़ते हुए कहा था कि महज कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही का मतलब अपराध नहीं है. उन्होंने कहा था कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून में संशोधन के बाद ये सवाल उठता है कि क्या ये अपील कायम रह पाएगा. संशोधन के बाद धारा 13(1)(डी) और धारा 13(1)(सी) को हटा दिया गया. अगर ये संशोधन पूर्व प्रभावी हैं तो इस अपील को खारिज किया जाना चाहिए. सिद्धार्थ लूथरा की दलील के बाद कोर्ट ने सभी पक्षकारों को अपनी दलीलों और फैसलों का संक्षिप्त विवरण कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया था.



ए राजा समेत 19 आरोपी हैं


इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा औऱ कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 25 मई 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है.


2017 में बरी किया गया था


बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है.

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