नई दिल्ली: उत्तरीपश्चिमी जिला पुलिस ने 12 घंटे के भीतर अपहरण की फर्जी कहानी के नाटक से पर्दा उठा दिया है. पुलिस ने सोमवार सुबह 18 साल की गायब युवती को बरामद कर लिया. पूछताछ में मालूम हुआ कि युवती ने अपने माता पिता के डर से अपहरण की झूठी कहानी रची थी. पुलिस इस मामले से जुड़े सभी लोगों का बयान ले लिया है.
युवती निकली थी रामलीला देखने
जानकारी के अनुसार 18 साल की साक्षी (बदला हुआ नाम) परिवार सहित आदर्श नगर इलाके में रहती है. युवती के पिता डीटीसी में अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. बताया गया है कि रविवार शाम को वह अपनी सहेली के साथ केवल पार्क की रामलीला देखने के लिए निकली थी.
देर रात को वो वापस नहीं लौटी. इसी बीच साक्षी के नंबर से उसके पिता के व्हाट्सएप पर एक वीडियो आया. वीडियो में साक्षी के हाथ पतली सी रस्सी से बंधे थे और सिर घुटनों पर रखकर वह छोड़े जाने की गुजारिश कर रही थी.
वीडियो देखकर पिता ने दर्ज कराई थी शिकायत
इस वीडियो को देखकर साक्षी के पिता ने रविवार रात करीब दस बजे आदर्श नगर थाने में शिकायत दी. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपहरण की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया.
साथ ही एसएचओ महावीर सैनी और स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर बलिहर सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया. साक्षी का मोबाइल घटना के बाद से बंद पाया गया और इसकी लोकेशन आजादपुर इलाके में मिली.
युवती के दूसरे फोन से मिली लोकेशन
इसके बाद एसआई आनंद सिंह और एसआई योगेश की टीम ने युवती की कॉल डिटेल्स के आधार पर दोस्तों से पूछताछ शुरू की. इसमें दानिश और अमन नाम के युवक और कुछ सहेलियां भी शामिल थीं.
पुलिस को सुराग मिला कि वह आदर्श नगर इलाके में ही एक दोस्त के घर पर है. लेकिन छापे से पहले वह गायब हो गई थी. लेकिन एक फोन नम्बर पुलिस को मिल गया जो साक्षी के पास था. सुबह करीब दस बजे पुलिस को साक्षी की लोकेशन चांदनी चौक इलाके में मिली. फिर पुलिस टीम ने उसे बरामद कर लिया.
माता-पिता के डर से रची कहानी
जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रामलीला जाते समय उसे अमन और दानिश मिले. बाद में दानिश कहीं चला गया और उसकी सहेली अमन के साथ चली गई फिर साक्षी देर रात को घूमते हुए अपने एक अन्य दोस्त के घर पर पहुंच गई. माता पिता की डांट के डर से उसने सारी कहानी गढ़ डाली.