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भारत बंद का दिखा मिलाजुला असर, किसानों को मिला राजनीतिक दलों का समर्थन

तीन कृषि कानून को रद्द करने की मांग को किसान लगातार दिल्ली से लगे बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं. आज किसानों ने आंदोलन को तेज करते हुए भारत बंद किया है. दिल्ली में जहां भारत बंद का मुलाजुला असर देखने को मिल रहा है तो वहीं किसानों के आंदोलन को देखते हुए द्वारका मोड़ पर कुछ किसान नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दिल्ली के बदरपुर बॉर्डर पर भारत बंद का असर नहीं है जबकि गाजियाबाद के NH-58 के बीचोबीच किसान बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों के इस प्रदर्शन को आप और रालोद का समर्थन मिला है.

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Published : Sep 27, 2021, 2:36 PM IST

farmers protest
भारत बंद का दिखा मिलाजुला असर

नई दिल्ली: किसानों के भारत बंद का दिल्ली में मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. किसानों ने देश भर में सुबह 8:00 से शाम 4:00 बजे तक भारत बंद का ऐलान किया था. किसानों ने कई जगहों पर रेलवे ट्रैक जाम, तो कहीं हाईवे को जाम कर दिया है. पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार में कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की ख़बरें हैं.

बता दें कि किसानों के इस भारत बंद को कुछ राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला है, लेकिन बात दिल्ली की करें, तो दिल्ली में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. दिल्ली से गुंड़गांव जाने वाले रास्ते पर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. यहां किसी तरह की कोई जाम की समस्या नहीं है. वहीं, गुरुग्राम हाइवे पर भी कई किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी है.

अयान नगर बॉर्डर पर मिलाजुला असर.

ये भी पढ़ें: Bharat Bandh: कुंडली बॉर्डर पर एक और किसान की मौत

वहीं साउथ वेस्ट दिल्ली के जाफरपुर सहित कई दूसरे बॉर्डर पर सुबह से ही पुलिस बल की भारी तैनाती है. भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र डागर, महासचिव दलजीत सिंह, संरक्षक राज कुमार जब अपने समर्थकों के साथ द्वारका मोड़ पर धरना देने निकले तो उन्हें रास्ते में ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया. विरेंद्र डागर ने बताया कि उन्हें समर्थकों के साथ जाफरपुर कला थाना ले जाया गया है. उन्होंने सरकार की ईस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि हम शांतिपूर्ण विरोध जताने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसा करने से भी रोक रही है. यह सरकार की दमनकारी निति है.

पुलिस हिरासत में किसान नेता.

ये भी पढ़ें: किसानों का 'भारत बंद', दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर पर लगा 'महाजाम' कुंडली बॉर्डर पर किसान की मौत

वहीं दिल्ली के प्रमुख बॉर्डर में से एक बदरपुर बॉर्डर पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. यहां सामान्य तरीके से गाड़ियों की आवाजाही हो रही है. सुरक्षा के इंतजाम की बात करें तो यहां पर पुलिस बैरिकड लगाए गए हैं और पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है. बता दें कि बदरपुर बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा हरियाणा के फरीदाबाद से मिलती है.

बदरपुर बॉर्डर नहीं दिखा भारत बंद का असर.

ये भी पढ़ें: भारत बंदः किसानों ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को गाजीपुर बॉर्डर से वापस भेजा

वहीं गाजियाबाद में भारत बंद के मद्देनजर NH-58 को दोनों ओर से बंद करके बैठे किसानों को समर्थन देने के लिए विपक्षी दल के नेता भी पहुंच रहे हैं. आम आदमी पार्टी के किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अजय चौधरी का कहना है कि योगी सरकार ने गन्ना खरीद पर 25 रुपये किसानों के हित के लिए नहीं बल्कि किसानों का वोट बैंक साधने के लिए बढ़ाए है. क्योंकि योगी सरकार राम के नाम पर वोट मांगने का काम करती है. तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी शुरुआत से ही किसानों की हक की लड़ाई लड़ती आ रही है. वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय लोकदल के मुरादनगर विधानसभा अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा का कहना है कि सरकार किसानों पर अत्याचार करने का काम कर रही है. योगी सरकार ने किसानों की गन्ने की फसल पर 25 रुपये बढ़ाए हैं. लेकिन चीनी के दामों में 4 रुपये किलो की पहले ही बढ़ोतरी कर दी गई है. सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम करती है.

किसानों को मिला राजनीतिक दलों का समर्थन.

ये भी पढ़ें: भारत बंदः कुंडली मोड़ पर दिखा असर, किसानों ने रोकी आवाजाही

बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए भारत बंद का असर दिखने को मिल रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा के आज 'भारत बंद' के ऐलान के चलते नोएडा में डीएनडी गाड़ियों का लंबा जाम लगा हुआ है. तो वहीं गुरुग्राम हाइवे पर भी कई किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी है. इसके अलावा किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने NH-9 और NH-24 पूरी तरह से जाम कर दिया है. दिल्ली-अमृतसर नैशनल हाइवे पर यातायात सेवा ठप्प है. इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन दिया है.

नई दिल्ली: किसानों के भारत बंद का दिल्ली में मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. किसानों ने देश भर में सुबह 8:00 से शाम 4:00 बजे तक भारत बंद का ऐलान किया था. किसानों ने कई जगहों पर रेलवे ट्रैक जाम, तो कहीं हाईवे को जाम कर दिया है. पंजाब, हरियाणा, यूपी, बिहार में कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की ख़बरें हैं.

बता दें कि किसानों के इस भारत बंद को कुछ राजनीतिक दलों का भी समर्थन मिला है, लेकिन बात दिल्ली की करें, तो दिल्ली में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. दिल्ली से गुंड़गांव जाने वाले रास्ते पर पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद है. यहां किसी तरह की कोई जाम की समस्या नहीं है. वहीं, गुरुग्राम हाइवे पर भी कई किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी है.

अयान नगर बॉर्डर पर मिलाजुला असर.

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वहीं साउथ वेस्ट दिल्ली के जाफरपुर सहित कई दूसरे बॉर्डर पर सुबह से ही पुलिस बल की भारी तैनाती है. भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विरेंद्र डागर, महासचिव दलजीत सिंह, संरक्षक राज कुमार जब अपने समर्थकों के साथ द्वारका मोड़ पर धरना देने निकले तो उन्हें रास्ते में ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया. विरेंद्र डागर ने बताया कि उन्हें समर्थकों के साथ जाफरपुर कला थाना ले जाया गया है. उन्होंने सरकार की ईस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि हम शांतिपूर्ण विरोध जताने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसा करने से भी रोक रही है. यह सरकार की दमनकारी निति है.

पुलिस हिरासत में किसान नेता.

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वहीं दिल्ली के प्रमुख बॉर्डर में से एक बदरपुर बॉर्डर पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. यहां सामान्य तरीके से गाड़ियों की आवाजाही हो रही है. सुरक्षा के इंतजाम की बात करें तो यहां पर पुलिस बैरिकड लगाए गए हैं और पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है. बता दें कि बदरपुर बॉर्डर पर दिल्ली की सीमा हरियाणा के फरीदाबाद से मिलती है.

बदरपुर बॉर्डर नहीं दिखा भारत बंद का असर.

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वहीं गाजियाबाद में भारत बंद के मद्देनजर NH-58 को दोनों ओर से बंद करके बैठे किसानों को समर्थन देने के लिए विपक्षी दल के नेता भी पहुंच रहे हैं. आम आदमी पार्टी के किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अजय चौधरी का कहना है कि योगी सरकार ने गन्ना खरीद पर 25 रुपये किसानों के हित के लिए नहीं बल्कि किसानों का वोट बैंक साधने के लिए बढ़ाए है. क्योंकि योगी सरकार राम के नाम पर वोट मांगने का काम करती है. तो वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी शुरुआत से ही किसानों की हक की लड़ाई लड़ती आ रही है. वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय लोकदल के मुरादनगर विधानसभा अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा का कहना है कि सरकार किसानों पर अत्याचार करने का काम कर रही है. योगी सरकार ने किसानों की गन्ने की फसल पर 25 रुपये बढ़ाए हैं. लेकिन चीनी के दामों में 4 रुपये किलो की पहले ही बढ़ोतरी कर दी गई है. सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने का काम करती है.

किसानों को मिला राजनीतिक दलों का समर्थन.

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बता दें कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए भारत बंद का असर दिखने को मिल रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा के आज 'भारत बंद' के ऐलान के चलते नोएडा में डीएनडी गाड़ियों का लंबा जाम लगा हुआ है. तो वहीं गुरुग्राम हाइवे पर भी कई किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी कतार लगी है. इसके अलावा किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने NH-9 और NH-24 पूरी तरह से जाम कर दिया है. दिल्ली-अमृतसर नैशनल हाइवे पर यातायात सेवा ठप्प है. इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन दिया है.

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