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दिल्ली देहात के कई गांव के किसान अब भी मुआवजे से महरूम, शाहदरा में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन - plantation programme in shahdara district

दिल्ली देहात के रावता और झुलझूली सहित कई गांव के किसानों को पिछले साल हुए फसल की बर्बादी का मुआवजा नहीं मिला है. वहीं, शाहदरा जिले में जिलाधिकारी प्रांजिल पाटिल ने वृक्षारोपण किया. उन्होंने लोगों को वृक्षारोपण के फायदे भी गिनाए.

शाहदरा में वृक्षारोपण कार्यक्रम
शाहदरा में वृक्षारोपण कार्यक्रम
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Published : Jul 13, 2022, 12:12 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली देहात के रावता, झुलझूली सहित कई गांवों के सैंकड़ों एकड़ खेत पिछले साल हुई बारिश और बाढ़ में डूब गए थे. इस कारण इसमें लगे सरसों, धान आदि की फसलें बर्बाद हो गई थी. इससे किसानों का काफी नुकसान हुआ था. वहीं, इन खेतों के किसानों को अभी तक इसका मुआवजा नहीं मिला. किसानों का कहना है कि फसल बर्बाद होने से उनके ऊपर काफी कर्ज बढ़ गया है.

लोगों का आरोप है कि दिल्ली सरकार हमेशा किसानों के हित की बात करती है लेकिन जमीनी धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है. पिछले साल बारिश से हुए फसलों के नुकसान को लेकर लगातार किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसकी सुनवाई नहीं हो रही. हालांकि सरकार ने इसका सर्वे जरूर करवाया, लेकिन नुकसान का पैसा अभी तक नहीं मिला. वहीं सर्वे में भी कई खामियां थी. जैसे कई किसानों का नाम सर्वे में था लेकिन मुआवजे की सूची से उनका नाम गायब था.

दिल्ली के किसानों को नहीं मिला मुआवजा
वहीं, दिल्ली के शाहदरा जिले में जल शक्ति अभियान के तहत वेलकम झील में वृक्षारोपण किया गया. इसमें शाहदरा डिस्ट्रिक्ट की जिला अधिकारी प्रांजिल पाटिल शामिल हुई थीं. प्रांजल पाटिल ने लोगों को वृक्षारोपण के लिए जागरूक भी किया गया. उन्होंने बरसात के समय जल को कैसे संचित कर सकते हैं, उसके बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में एक पौधा जरूर लगाने चाहिए.
शाहदरा में वृक्षारोपण कार्यक्रम

ये भी पढ़ेंः किडनी-ब्लैडर को जोड़ने वाली ट्यूब का सफल ऑटो-किडनी ट्रांसप्लांट
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारत सरकार में ज्वाइंट सेक्रेट्री निरुपमा गोत्रू थीं. उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण करके झील को सुंदर रूप दिया जा रहा है क्योंकि वेलकम झील पार्क के अंदर तीन फेस में काम किया जा रहा है. लगभग दो फेस का काम पूरा हो चुका है और तीसरे की तैयारी चल रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण किया जा रहा है ताकि आने वाले मानसून में बरसात के पानी का संचय किया जा सके.

नई दिल्लीः दिल्ली देहात के रावता, झुलझूली सहित कई गांवों के सैंकड़ों एकड़ खेत पिछले साल हुई बारिश और बाढ़ में डूब गए थे. इस कारण इसमें लगे सरसों, धान आदि की फसलें बर्बाद हो गई थी. इससे किसानों का काफी नुकसान हुआ था. वहीं, इन खेतों के किसानों को अभी तक इसका मुआवजा नहीं मिला. किसानों का कहना है कि फसल बर्बाद होने से उनके ऊपर काफी कर्ज बढ़ गया है.

लोगों का आरोप है कि दिल्ली सरकार हमेशा किसानों के हित की बात करती है लेकिन जमीनी धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है. पिछले साल बारिश से हुए फसलों के नुकसान को लेकर लगातार किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसकी सुनवाई नहीं हो रही. हालांकि सरकार ने इसका सर्वे जरूर करवाया, लेकिन नुकसान का पैसा अभी तक नहीं मिला. वहीं सर्वे में भी कई खामियां थी. जैसे कई किसानों का नाम सर्वे में था लेकिन मुआवजे की सूची से उनका नाम गायब था.

दिल्ली के किसानों को नहीं मिला मुआवजा
वहीं, दिल्ली के शाहदरा जिले में जल शक्ति अभियान के तहत वेलकम झील में वृक्षारोपण किया गया. इसमें शाहदरा डिस्ट्रिक्ट की जिला अधिकारी प्रांजिल पाटिल शामिल हुई थीं. प्रांजल पाटिल ने लोगों को वृक्षारोपण के लिए जागरूक भी किया गया. उन्होंने बरसात के समय जल को कैसे संचित कर सकते हैं, उसके बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में एक पौधा जरूर लगाने चाहिए.
शाहदरा में वृक्षारोपण कार्यक्रम

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इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारत सरकार में ज्वाइंट सेक्रेट्री निरुपमा गोत्रू थीं. उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण करके झील को सुंदर रूप दिया जा रहा है क्योंकि वेलकम झील पार्क के अंदर तीन फेस में काम किया जा रहा है. लगभग दो फेस का काम पूरा हो चुका है और तीसरे की तैयारी चल रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण किया जा रहा है ताकि आने वाले मानसून में बरसात के पानी का संचय किया जा सके.

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