नई दिल्लीः दिल्ली देहात के रावता, झुलझूली सहित कई गांवों के सैंकड़ों एकड़ खेत पिछले साल हुई बारिश और बाढ़ में डूब गए थे. इस कारण इसमें लगे सरसों, धान आदि की फसलें बर्बाद हो गई थी. इससे किसानों का काफी नुकसान हुआ था. वहीं, इन खेतों के किसानों को अभी तक इसका मुआवजा नहीं मिला. किसानों का कहना है कि फसल बर्बाद होने से उनके ऊपर काफी कर्ज बढ़ गया है.
लोगों का आरोप है कि दिल्ली सरकार हमेशा किसानों के हित की बात करती है लेकिन जमीनी धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है. पिछले साल बारिश से हुए फसलों के नुकसान को लेकर लगातार किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसकी सुनवाई नहीं हो रही. हालांकि सरकार ने इसका सर्वे जरूर करवाया, लेकिन नुकसान का पैसा अभी तक नहीं मिला. वहीं सर्वे में भी कई खामियां थी. जैसे कई किसानों का नाम सर्वे में था लेकिन मुआवजे की सूची से उनका नाम गायब था.
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इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारत सरकार में ज्वाइंट सेक्रेट्री निरुपमा गोत्रू थीं. उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण करके झील को सुंदर रूप दिया जा रहा है क्योंकि वेलकम झील पार्क के अंदर तीन फेस में काम किया जा रहा है. लगभग दो फेस का काम पूरा हो चुका है और तीसरे की तैयारी चल रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण किया जा रहा है ताकि आने वाले मानसून में बरसात के पानी का संचय किया जा सके.