नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में 2 सितंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक आयोजित की जाएगी. वहीं यह बैठक हंगामेदार रहने की उम्मीद है. अकादमिक काउंसिल की पिछले दिनों हुई बैठक में 3 नए पाठ्यक्रम को मंजूरी दी गई है. इन तीनों पाठ्यक्रम को लेकर विरोध चल रहा है. अब यह तीनों पाठ्यक्रम एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में लाया जाएगा.
बता दें कि पिछले दिनों हुई अकादमिक काउंसिल की बैठक में जिन तीन नए कोर्स को मंजूरी दी गई है, उसमें काउंटर टेररिज्म एसमेट्रिक कॉन्प्लेक्स एवं सहयोग के लिए रणनीतियां, 21वीं सदी में भारत का उभरता वैश्विक दृष्टिकोण और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का महत्व है. इन्हीं पाठ्यक्रमों को लेकर विवाद चल रहा है.
एक बार फिर सुर्खियों में जेएनयू, नया पाठ्यक्रम शामिल करने पर विवाद
इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि 'आतंकवाद, असहमति संघर्ष और रणनीतियों के लिए 'काउंटर टेररिज्म' कोर्स का उद्देश्य भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आतंकवाद से उत्पन्न चुनौतियों और किसी भी घटना के मामले में भारत कैसे पर्याप्त प्रतिक्रिया से लैस हो सकता है, इस पर गहन समझ है. साथ ही कहा कि पड़ोसी देशों से जिस तरह चीजें सामने आती हैं, वह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है यह जरूरी है कि जेएनयू जैसे शैक्षणिक संस्थान आगे आएं और काउंटर टेररिज्म स्पेशलिस्ट का एक अच्छा समूह तैयार करें.
बता दें कि इस कोर्स पर आरोप लगाया जा रहा है कि यह जिहादी आतंकवाद, कट्टरपंथी धार्मिक आतंकवाद का एक रूप मात्र है. वहीं जेएनयू शिक्षक संघ ने इस कोर्स को वापस लिए जाने की मांग की है. मालूम हो कि यह कोर्स इंजीनियरिंग ड्यूल डिग्री के छात्रों को वैकल्पिक तौर पर पढ़ाया जाएगा.