नई दिल्ली: लगातार 11 दिन से दिल्ली नगर निगम के तीनों मेयर और 30 भाजपा पार्षद 13000 करोड़ की मांग और मुख्यमंत्री से मिलने को लेकर सीएम आवास के बाहर धरने पर डटे हुए हैं. इसी बीच तीनों मेयर समेत भाजपा के 22 पार्षदों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की शुरुआत भी कर दी है.
वहीं नॉर्थ एमसीडी के कर्मचारियों द्वारा निगम प्रशासन को अल्टीमेटम भी दे दिया गया है कि यदि 30 दिसंबर तक उन्हें उनके हक का वेतन नहीं मिला तो, सभी निगम कर्मचारी पूर्ण रूप से हड़ताल करेंगे. इस पूरे मामले के ऊपर ईटीवी भारत की टीम से बातचीत के दौरान नॉर्थ एमसीडी के नेता सदन योगेश वर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि भाजपा निगम में कार्यरत कर्मचारियों के वेतन के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री असंवेदनशील है.
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'जिम्मेदार दिल्ली सरकार होगी'
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली की जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधि उनके घर के बाहर धरने पर बैठे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री संवाद को तैयार नहीं है. ऐसे में अब अगर निगम कर्मचारी वेतन को लेकर हड़ताल पर जाते हैं. तो इसके लिए जिम्मेदार दिल्ली सरकार होगी. क्योंकि दिल्ली सरकार निगम का फंड रोक कर बैठी है और फंड के मामले पर बातचीत भी नहीं करना चाहती है.
कुल मिलाकर देखा जाए तो नॉर्थ एमसीडी के नेता सदन योगेश वर्मा ने साफ तौर पर कह दिया है कि यदि वेतन ना मिलने के कारण निगम कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं, तो इसके लिए दोषी सीधे तौर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल होंगे. क्योंकि दिल्ली सरकार द्वारा निगम के हक का फंड राजनीतिक द्वेष भावना के कारण रोका जा रहा है.