नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के शास्त्री पार्क इलाके में स्थित जग प्रवेश चंद्र अस्पताल के इलेक्ट्रिक सब स्टेशन से डेढ़ दर्जन कर्मचारियों को नए ठेकेदार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जिसके चलते अब इन कर्मचारियों ने विरोध जताते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है.
कर्मचारियों का आरोप है कि एक तरफ कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में वो लगातार काम करते रहे, जिसका नतीजा उन्हें नौकरी से बाहर कर भुगतना पड़ रहा है. फिलहाल ये सभी कर्मचारी श्रम मंत्री गोपाल राय के दरबार में अपना मामला ले जाना चाहते हैं ताकि इन्हें जल्द से जल्द इंसाफ मिल सके.
नई कंपनी ने संभाला जिम्मा
जानकारी के मुताबिक शास्त्री पार्क स्थित जग प्रवेश चंद्र अस्पताल के परिसर में ही इलेक्ट्रिक सब डिवीजन सब स्टेशन बना हुआ है, जिससे अस्पताल की सारी बिजली की व्यवस्था संभाली जाती है. इसके लिए करीब डेढ़ दर्जन कर्मचारी यहां अलग-अलग इकाइयों में काम करते हैं ताकि अस्पताल को बिजली सुचारू रूप से मिल सके.
बताया जाता है कि इस सब स्टेशन पर कार्यरत सभी कर्मचारी अस्थाई हैं जिन्हें पहले की कंपनी ने नौकरी पर रखा हुआ था. हाल ही में स्टेशन में कर्मचारी रखे जाने का ठेका एक नई कंपनी को दे दिया गया, जिसके ठेकेदार ने आते ही यहां तानाशाही करनी शुरू कर दी.
लॉकडाउन में संभाली जिम्मेदारी, अब हुए बाहर
सब स्टेशन में आए नए ठेकेदार का शिकार बने एक डेढ़ दर्जन कर्मचारियों का कहना है कि वो लोग कोरोना महामारी के दौरान लगाए गए लॉकडाउन में लगातार अपनी जान की परवाह किए बगैर ड्यूटी करते रहे. अब जब लॉकडाउन खुल गया है तो नए ठेकेदार ने आते ही उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया.
परिवारों के सामने भूखों मरने की नौबत
जग प्रवेश सब स्टेशन से निकाले जाने वाले इन कर्मचारियों का कहना है कि वो सिर्फ डेढ़ दर्जन कर्मचारी नहीं है बल्कि उन लोगों के परिवार भी इन नौकरियों से जुड़े हुए हैं.
अचानक से उन्हें एक झटके में नौकरी से बाहर निकाल देने की वजह से उनके परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है. कर्मचारियों का आरोप है कि नया ठेकेदार बाहर से नए लोगों को तैनात करना चाहता है जिसकी वजह से यहां 10 से 12 साल पुराने कर्मचारियों को भी निकाल दिया गया, ये सरासर नाइंसाफी है.
दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री से लगाएंगे गुहार
नौकरी से निकाले जाने वाली कर्मचारियों का कहना है कि वे लोग जेई और ऊपर के अफसरों से भी इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है. जल्द ही वो लोग इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री गोपाल राय से भी मिलेंगे ताकि उन्हें इंसाफ मिल सके.