नई दिल्ली: कोरोना वायरस से जंग के लिए देशभर में लॉकडाउन है. ऐसे में किसी भी तरह के धार्मिक अनुष्ठान नहीं हो रहे हैं. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में रहने वाले कुछ लोगों ने मिलकर हिंदू मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए नवरात्रि और रामनवमी के उपलक्ष में लॉकडाउन के बीच बेहद सादगी से गरीब बेसहारा और जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने के लिए मोबाइल भंडारे का आयोजन किया.
सोशल डिस्टेंसिग का पालन
लॉकडाउन के चलते सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए चार लोगों से ज्यादा इकट्ठा नहीं हो सकते. इसके लिए चार लोगों ने घूम घूमकर लोगों को खाने का वितरण किया. इन लोगों का साफ कहना था कि मौजूदा समय में हर किसी को इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहिए कि उसके पड़ोस में कोई भूखा न सोने पाए, इस समय यही सबसे बड़ा धर्म है.
पुलिस प्रशासन से कर्फ्यू पास बनवाया
सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश कुमार ने बताया कि क्योंकि लॉकडाउन है और कोरोना से बचाव भी बेहद जरूरी है. ऐसे में कर्फ्यू पास बनवाकर इस मोबाइल भंडारे का आयोजन किया गया. जिसके तहत गरीब और जरूरतमंद लोगों को खासकर जिनके सिर पर छत नहीं और जो सड़क किनारे अपना जीवन यापन करते हैं. उनको खाने का वितरण किया गया.
गरीब बेघरों के लिए खाना बेहद जरूरी
हसीन अहमद ने कहना है कि इलाके के लोग हमेशा से ही हिंदू मुस्लिम एकता के लिए एकसाथ कंधे से कंधा मिलाकर एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं. लॉकडाउन के चलते सभी लोगों ने मिलकर पहले जरूरतमंद लोगों को राशन का सामान मुहैया कराया और उसके बाद सड़क, फुटपाथ और खुले आसमान के नीचे रहकर जिंदगी गुजारने वालों के लिए खाना बनवाकर बांटा गया है. इसके साथ ही कुछ लोगों को खाने के अलावा फल भी वितरित किये गए.