नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा 1 जुलाई से शुरू होगी. साथ ही कहा गया कि यदि स्थिति सामान्य नहीं होती है तो छात्रों की ऑनलाइन ओपन बुक परीक्षा ली जाएगी. वहीं डीयू प्रशासन के इस फैसले का छात्र और शिक्षक लगातार विरोध कर रहे हैं.
इसी कड़ी में डीयू के डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी ने डीयू प्रशासन को सुझाव दिया है कि ओपन बुक ऑनलाइन परीक्षा कराने की जगह पुरानी परीक्षा के आधार पर संभावित नंबर छात्रों को दे दिए जाएं और इंटरनल एसेसमेंट के नंबर जोड़ कर उसकी मार्कशीट तैयार की जाए.
ओपन बुक के बजाए छात्रों को को संभावित नंबर दिए जाएं
डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी ने डीयू प्रशासन को ऑनलाइन क्लास के दौरान आ रहे दिक्कत का हवाला दिया है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट की अनुपलब्धता और लैपटॉप, एंड्राइड फोन आदि ना होने के चलते छात्रों को खासी परेशानी आ रही है ऑनलाइन क्लास भी कई छात्र नहीं ले पा रहे हैं ऐसे में अगर डीयू प्रशासन ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कराता है तो इन छात्रों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी.
इसके अलावा बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा में भाग नहीं ले पाएंगे. इन्हीं समस्याओं और छात्रों से मिले सुझावों को ध्यान रखते हुए डीयू के डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी ने प्रशासन को सुझाव दिया है कि ऑनलाइन परीक्षा कराने की जगह छात्रों की पहले परीक्षाओं में हुए प्रदर्शन के आधार पर संभावित नंबर दे दिए जाएं.
इसके अलावा कहा गया कि इंटरनल असेसमेंट के नंबर भी दिए जा चुके हैं ऐसे में संभावित नंबर के साथ इंटरनल एसेसमेंट के नंबर जोड़कर फाइनल मार्कशीट तैयार की जा सकती है उसे छात्रों की परीक्षा की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी और किसी का भी नुकसान नहीं होगा.
अंक सुधार के लिए बाद में आयोजित की जा सकती है विशेष परीक्षा
डिपार्टमेंट ऑफ सोशियोलॉजी की ओर से यह भी कहा गया कि अगर प्रशासन चाहे तो स्थिति सामान्य होने के बाद इंप्रूवमेंट एग्जाम या विशेष परीक्षा का प्रावधान कर सकती है जिसमें छात्र नंबरों को बेहतर करने के लिए परीक्षा देने का विकल्प चुन सकेंगे.